उत्तराखंड में किसानों और छोटे उद्यमियों को तुरंत मिलेगा ऋण, इमरजेंसी क्रेडिट लिमिट में इजाफा
किसान क्रेडिट कार्डधारकों स्वयं सहायता समूहों एमएसएमई और उद्योगों को अपना कामकाज शुरू करने या बढ़ाने को बैंकों से तुरंत ऋण उपलब्ध होगा।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 29 Apr 2020 09:41 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे पटरी पर लौटाने की कसरत शुरू कर दी है। किसान क्रेडिट कार्डधारकों, स्वयं सहायता समूहों, एमएसएमई और उद्योगों को अपना कामकाज शुरू करने या बढ़ाने को बैंकों से तुरंत ऋण उपलब्ध होगा। इसके लिए इमरजेंसी क्रेडिट लिमिट में 10 फीसद इजाफा किया गया है। इस काम में स्टांप पेपर की दिक्कतें जल्द दूर की जाएंगी।
प्रदेश में आर्थिक कार्यो में गति लाने को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने मंगलवार को सचिवालय में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के साथ विशेष बैठक की। बैठक में बैंकों से कहा गया कि किसानों, लघु व मध्यम समेत तमाम उद्योगों को उनके कामकाज के लिए तुरंत ऋण उपलब्ध कराया जाए। पात्र कर्जदाताओं के लिए मौजूदा वर्किंग कैपिटल का 10 फीसद तक क्रेडिट लिमिट बढ़ाई गई।इस पर बैंकों न सहमति जताई। कर्ज के मामले में स्टांप पेपर की जरूरत देखते हुए स्टांपों की बिक्री और स्टांप वेंडरों के मामले में जल्द फैसला लेने के संकेत दिए गए। उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैंकों से वर्किंग कैपिटल लिमिट के लिए मार्जिन घटाने का अनुरोध किया। यह तय किया कि इस मामले पर उच्च स्तर पर विचार किया जाएगा। बैंकों ने बताया कि जनधन योजना व सामाजिक योजनाओं के लाभार्थियों को बैंकों ने तुरंत लाभ पहुंचाया है।
वाहन चालक-परिचालकों को राहत देने की तैयारीकोरोना के कारण लॉकडाउन से प्रभावित चालक-परिचालकों को सरकार राहत देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने परिवहन विभाग से चालक-परिचालकों की सूची मंगाई है। माना जा रहा है कि इससे आने वाले वित्तीय भार को देखने के बाद ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, विभाग के इस कदम का पता चलते ही कुछ परिवहन यूनियनें अभी से चालक-परिचालकों के बैंक अकाउंट नंबर लेकर इसका श्रेय हासिल करने की होड़ में जुट गई है। वहीं, आयुक्त और सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने फिलहाल ऐसे किसी निर्णय से इनकार किया है।
प्रदेश में कुछ दिनों पहले परिवहन विभाग ने चालक परिचालकों की एक सूची तैयारी की। इस सूची में यात्री वाहन, भारी वाहन और ई-रिक्शा चालकों के साथ ही परिचालकों की संख्या की संभागवार गणना की। यह संख्या 2,19,106 है। इसके अलाव सभी संभागो में 8424 चालक भी चिह्न्ति किया गए हैं। सूत्रों की मानें तो इसके पीछे शासन की मंशा इनको आर्थिक मदद देना है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय वित्त विभाग की सहमति के बाद ही होगा।
इस बीच सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री से हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सूबे के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने केंद्र से परिवहन निगम व परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की।439 संविदा डिग्री शिक्षकों को मिला सेवा विस्तारकोरोना संकट के मौके पर सरकारी डिग्री कॉलेजों में 439 संविदा शिक्षकों को सरकार ने राहत दी है। उनकी संविदा अवधि 11 माह के लिए बढ़ा दी गई है। इन शिक्षकों को बीते माह मार्च में लॉकडाउन अवधि के पांच दिनों का मानदेय भी दिया जाएगा।
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प्रदेश के सरकारी डिग्री कॉलेजों में 439 संविदा शिक्षक लंबे अरसे से पठन-पाठन को सुचारू रखने का जिम्मा संभाल रहे हैं। दरअसल उच्च शिक्षा विभाग ने 877 डिग्री शिक्षकों के पदों का अधियाचन राज्य लोक सेवा आयोग को भेजा था। इन सभी नियुक्तियों में समय लग रहा है। ऐसे में सरकार ने तय किया है कि नियमित नियुक्ति होने या शिक्षण सत्र के माह फरवरी के अंतिम दिन तक, जो भी पहले हो, उक्त संविदा शिक्षकों को विस्तार दिया जाता है।
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