International Literature and Art Festival: लिटरेचर फेस्टिवल में लेखकों ने बताया साहित्य का महत्व
अंतरराष्ट्रीय लिटरेचर एंड आर्ट फेस्टिवल में विभिन्न क्षेत्रों से नामी लेखकों ने साहित्य के महत्व पर प्रकाश डाला।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 17 Nov 2019 12:24 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। साहित्य ही मनुष्य को सभ्य बनाते हैं। साहित्य में ही जीवन का सार छिपा है। इसी सार को जानने के लिए ही हमें पुस्तक पढ़नी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय लिटरेचर एंड आर्ट फेस्टिवल में विभिन्न क्षेत्रों से नामी लेखकों ने साहित्य के महत्व पर प्रकाश डाला।
राजपुर रोड स्थित एक होटल में वैली ऑफ वर्ड्स की ओर से आयोजित तीन दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन भी साहित्य प्रेमियों की भीड़ उमड़ी रही। दूर-दूर से आए लेखकों ने जहां देशी और विदेशी पुस्तकों और लेखकों की शैली पर विचार रखे, वहीं साहित्यप्रेमियों की जिज्ञासा को भी शांत किया। सुबह पौने 10 बजे दूसरे दिन का पहला सेशन शुरू हुआ, जिसमें लेखक रूबी गुप्ता ने 'नो इल्यूजन इन जैनाडु' पुस्तक पर गणेश शैली के साथ चर्चा की। इसके बाद तीन हिस्सों में दिनभर कई सेशन आयोजित किए गए। इनमें जिनमें लेखक प्रमोदिनी वर्मा और अनुभव प्रधान की किपलिंग एंड यीट्स एट 150 पुस्तक पर दिव्या सक्सेना के साथ चर्चा, ले. जनरल प्रवीन बख्शी, राकेश लुंबा और शौकीन चौहान की 'नॉर्थ ईस्ट: इज द असम राइफल्स रेड्युनडेंट' विषय पर चर्चा, वॉइस फ्रॉम द वैली, उजाला तलाशती बस्तियां, द महाभारता, उत्तराखंड एट 20, चौक से चंद्रयान तक, मधुलिका, कविता तेरे कितने रूप, ए ट्रिब्यूट टू गुरुनानक देव जी सेशन विशेष रहे।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में फिल्म उद्योग को बढ़ावा दे रही सरकार: घनानंदइसके बाद अंत में मिलिट्री हिस्ट्री एंड स्ट्रेटजी सेशन भी खासा रुचिकर रहा। सेशन का समापन बल्ले-बल्ले: पंजाब के वाइब्रेंट भांगड़ा ट्रूप जोशीले अंदाज में किया। इस दौरान परिसर में लगाए गए विभिन्न स्टॉल पर भी साहित्य प्रेमियों और स्कूली छात्रों विभिन्न पुस्तकों की जानकारी ली और लोकप्रिय पुस्तकें खरीदीं। फेस्टिवल के तहत आर्ट गैलेरी में विभिन्न पेंटिंग्स भी प्रदर्शित की जा रही हैं।
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