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International Yoga Festival: कैलाश खेर के सूफी सुरों ने योग महोत्सव में लगाए चार चांद, झूमे योग साधक

अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव के छठवें दिन देश-विदेश से आए योग साधकों के सिर प्रख्यात सूफी गायक कैलाश खेर के संगीत का जादू छाया रहा।

By Edited By: Updated: Sat, 07 Mar 2020 03:44 PM (IST)
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International Yoga Festival: कैलाश खेर के सूफी सुरों ने योग महोत्सव में लगाए चार चांद, झूमे योग साधक
ऋषिकेश, जेएनएन। परमार्थ निकेतन में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव के छठवें दिन देश-विदेश से आए योग साधकों के सिर प्रख्यात सूफी गायक कैलाश खेर के संगीत का जादू छाया रहा। गंगा तट पर कैलाशा बैंड की शानदार प्रस्तुति ने योग महोत्सव में चार चांद लगा दिये। सूफी गायक की मधुर आवाज पर योग साधक जमकर झूमे। 

शुक्रवार को प्रख्यात सूफी और बॉलीवुड गायक कैलाश खेर का परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने वेद मंत्रों और शंख ध्वनि के साथ स्वागत किया। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती, साध्वी भगवती सरस्वती, अगापे इंटरनेशनल स्प्रिचुअल सेंटर के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ और न्यू थॉट संगीतकार रिकी बायरस बेकविथ, अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डॉ. ब्रूस लिप्टन, ऑर्गेनिक इडिया के प्रमुख भारत मित्रा, योगाचार्यो और योग जिज्ञासुओं ने भी कैलाशा बैंड की जोरदार प्रस्तुति का आनंद लिया। 
स्व के साथ संबंध जोड़ना ही योग
परमार्थ निकेतन में पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में आध्यात्मिक सत्र में योग साधकों का स्वामी चिदानंद सरस्वती ने मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि जबतक हम पूर्ण रूप से स्व से नहीं जुड़ जाते तब तक परमात्मा और प्रकृति से नहीं जुड़ सकते। योग, केवल एक अभ्यास ही नहीं, बल्कि जीवन जीने का विज्ञान है। उन्होंने कहा कि जीवन एक यात्रा है और यह यात्रा सतत चलती रहती है। इस यात्रा में सबको कुछ न कुछ तलाश रहती है। साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि अपने भीतर के आनन्द को खोजें और अपनी खुशियों के लिए किसी पर निर्भर न रहे। हर प्राणी अकेले जन्म लेता है और अकेले ही मृत्यु को प्राप्त होता है इसलिये ईश्वर ने हर प्राणी के अन्दर उसकी खुशी का खजाना रखा हुआ है। वह चाहे तो स्वयं के साथ रहकर अपार आनंद का अनुभव कर सकता है।
विन्यास योग और अष्टांग योग का किया अभ्यास
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में योग और ध्यान के विशेष अभ्यास सत्र में प्रात:काल कैटी बी हैप्पी ने विन्यास योग, गंगा नन्दिनी ने योगा फॉर आल: सुक्ष्म व्यायाम, योगाचार्य इंदु शर्मा ने पारम्परिक हठयोग, योगाचार्य संदीप देसाई ने अष्टांग योग का अभ्यास करवाया। चीन से आये भारतीय मूल के योगाचार्य मोहन भंडारी ने फ्लो ऑफ योगी-सुधार और विस्तार, अमेरिकी योगाचार्य और संगीतज्ञ आनन्द्रा जार्ज ने सूर्य उदय नाद योग साधना का अभ्यास कराया।
योगाचार्य बेथ शॉ ने योग के माध्यम से आघात चिकित्सा, योगाचार्य एचएस अरूण ने ताड़ासन से सभी आसनों का नेतृत्व, योगाचार्य कीया मिलर ने कुण्डलिनी जागरण और योगाचार्य आनंद मेहरोत्रा ने कुण्डलिनी के प्रवाह तक पहुंचने की कला से साधकों को रूबरू कराया। अन्य सत्रों में आस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एलेजांड्रो जंगर, फंक्शनल फोरम के निर्माता जेम्स मास्केल, मुम्बई से आयी प्रसिद्ध नाड़ी विशेषज्ञ डॉ. स्मिता नरम, आर्गेनिक इंडिया और अपलिफ्ट के संस्थापक भारत मित्रा ने साधकों का मार्गदर्शन किया।
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