पुनर्गठन के नाम पर पदों में कटौती, सिंचाई विभाग कार्मिकों ने किया विरोध
सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ ने शासन स्तर पर सिंचाई विभाग का दोबारा पुनर्गठन के नाम पर पदों को कम करने की साजिश का आरोप लगाया है। साथ ही विरोध प्रकट करते हुए पुनर्गठन न करने की मांग की है।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Sun, 03 Oct 2021 02:21 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: सिंचाई विभाग में ढांचे के पुनर्गठन के नाम पर पदों में कटौती की तैयारी है। जिसका कार्मिकों ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इससे विभागीय कार्यों में दिक्कतें पेश आने के साथ ही युवाओं को रोजगार की संभावनाएं समाप्त होने का हवाला दिया है।
सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ ने शासन स्तर पर सिंचाई विभाग का दोबारा पुनर्गठन के नाम पर पदों को कम करने की साजिश का आरोप लगाया है। साथ ही विरोध प्रकट करते हुए पुनर्गठन न करने की मांग की है। महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि वर्ष 2016 में तत्कालीन सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य ने विभाग का पुनर्गठन किया था। लेकिन, अब सूचना मिल रही है कि शासन स्तर पर साजिश के तहत पुन: सिंचाई विभाग के पुनर्गठन की तैयारी है। जिसमें निचले पदों को कम करने की तैयारी है। जिसका सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ पुरजोर विरोध करता है। उन्होंने कहा एक तरफ उत्तराखंड सरकार प्रदेश में बेरोजगारी दूर करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर सिंचाई विभाग के निचले पदों को कम करके बेरोजगारी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसका प्रदेश के नौजवान बेरोजगार युवकों में निराशा का भाव आएगा।
उन्होंने कहा इस संबंध में शीघ्र सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज से भी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल वार्ता करेगा। आवश्यकता पडऩे पर महासंघ आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेगा। महासंघ के प्रांतीय महामंत्री राकेश रावत ने कहा कि सिंचाई विभाग के किसी भी संवर्ग के पद कम किए जाते हैं तो महासंघ बैठक कर प्रदेश में आंदोलन का बिगुल फूंकेगा।
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महासंघ का बिजली कर्मियों के आंदोलन को समर्थन
विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत बिजली कर्मियों के समर्थन में उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक महासंघ आगे आया है। उनकी छह अक्टूबर से प्रस्तावित हड़ताल को जायज बताते हुए महासंघ ने आंदोलन में शामिल होने की बात कही है। महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिक उत्तर प्रदेश की भांति नौ वर्ष, 14 वर्ष व 19 वर्ष पर एसीपी की अनुमन्यता समेत अन्य मांगों को लेकर शांति पूर्वक आंदोलन चला रहे हैं। लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है। पांच अक्टूबर तक ऊर्जा निगम के कार्मिकों की मांगों का निस्तारण न होने की दशा में कार्मिकों ने बेमियादी हड़ताल का एलान किया है। जिसे महासंघ पूर्ण समर्थन देता है।
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