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इसरो ने कैलास भूक्षेत्र का सैटेलाइट मैप किया तैयार

इसरो की नोडल एजेंसी ने प्रदेश के हिस्से में आने वाले कैलास भूक्षेत्र का सैटेलाइट मैप तैयार किया है। इसमें धरातल पर क्रमश 100 व 50 मीटर तक के भूक्षेत्र की जानकारी शामिल की गई है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 25 Dec 2016 06:45 AM (IST)
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इसरो ने कैलास भूक्षेत्र का सैटेलाइट मैप किया तैयार

देहरादून, [सुमन सेमवाल]: भारत, चीन और नेपाल में बंटे पवित्र कैलास भूक्षेत्र के अध्ययन की दिशा में उत्तराखंड ने बड़ी सफलता हासिल कर ली है। राज्य में इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की नोडल एजेंसी (उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र) ने प्रदेश के हिस्से में आने वाले कैलास भूक्षेत्र (7120 वर्ग किलोमीटर) का सैटेलाइट मैप (उपग्रह मानचित्र) तैयार किया है। इस मानचित्र में धरातल पर क्रमश: 100 व 50 मीटर तक के भूक्षेत्र की जानकारी शामिल की गई है।

उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के वैज्ञानिक शशांक लिंगवाल के मुताबिक सैटेलाइट मैप में भूक्षेत्र के 1000 से अधिक स्थलों को विशेष तौर पर चिह्नित किया गया है। इसमें गांव हैं, जलागम क्षेत्र हैं, वन हैं और विभिन्न मार्गों की जानकारी भी मौजूद है। मानचित्र की ये तमाम जानकारी इस पवित्र भूक्षेत्र और यहां के समुदाय के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
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यह अध्ययन ऐसे समय में अंजाम तक पहुंचा है, जब यूनेस्को (द यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन) कैलास भूक्षेत्र को प्राकृतिक या मिश्रित (प्राकृतिक व सांस्कृतिक) विश्व धरोहर बनाने पर विचार कर रहा है। हाल ही में इसे लेकर देहरादून में ही यूनेस्को के कैटेगरी-दो श्रेणी के केंद्रों की बैठक में भी कैलास भूक्षेत्र को विश्व धरोहर बनाने पर मंथन किया गया।

भूक्षेत्र की स्थिति (वर्ग किलोमीटर)

देश- क्षेत्रफल-आबादी

भारत- 7,120- 4,60,000

चीन(तिब्बत)- 10,843- 8,800

नेपाल- 13,289- 5,64,000

कुल- 31,252- 10,32,800
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घट रहा है वन घनत्व

यूसैक की सैटेलाइट मैपिंग में कैलास भूक्षेत्र के वन घनत्व का भी अध्ययन किया गया। पता चला कि वर्ष 1976 से अब तक यहां के वन घनत्व में 8.1 फीसद की कमी आ गई है। वहीं, यह बात भी सामने आई है कि राज्य के तहत आने वाले कैलास भूक्षेत्र में उच्च क्षेत्रों की आबादी भी तेजी से कम हुई है।

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वन घनत्व में कमी

वर्ष,क्षेत्रफल

1976, 2388

1999, 2153 (कमी 3.3 फीसद)

वर्तमान, 1880 (कमी 4.8 फीसद)

(क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर में)

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ईसीमोड वित्त पोषित है परियोजना

यूसैक के निदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने शुक्रवार को पवित्र कैलास भूक्षेत्र संरक्षण एवं विकास की पहल के तहत किए जा रहे कार्यों का कैलेंडर-2017 जारी किया। प्रो. पंत ने बताया कि यह परियोजना नेपाल स्थित अंतरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (ईसीमोड) से वित्त पोषित है। प्रदेश में परियोजना की नोडल एजेंसी जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन एनवॉयरमेंट एंड डेवलपमेंट (अल्मोड़ा) है और इसी के माध्यम से सैटेलाइट मैपिंग आदि के कार्य यूसैक को मिले हैं। कैलास भूक्षेत्र की बेहतरी के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान, उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड, सेंट्रल हिमालयन एनवॉयरमेंट एसोसिएशन (चिया) व वन विभाग से भी सहयोग लिया जा रहा है।

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