भारत-चीन युद्ध में खाली हुआ उत्तराखंड का यह गांव बनेगा पर्यटन हब
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चीन बार्डर पर उत्तरकाशी के जादूंग गांव पर्यटन का हब बनेगा। नेलांग घाटी के बाद इस गांव तक पर्यटकों की आवाजाही कराने के प्रयास किए जाएंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 28 Sep 2018 09:41 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चीन बार्डर पर जादूंग गांव (उत्तरकाशी) पर्यटन का हब बनेगा। इस गांव को पर्यटन विभाग अपने अधिकार क्षेत्र में लेगा। नेलांग घाटी के बाद इस गांव तक पर्यटकों की आवाजाही कराने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही प्रदेश में टूरिज्म कैलेंडर से वर्षभर पर्यटन गतिविधियां संचालित की जाएंगी।
नींबूवाला स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (आइएचएम) में विश्व पर्यटन दिवस पर टूरिज्म ट्रांसफॉरमेशन थ्रो डिजिटलाइजेशन पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि डिजिटलाइजेशन के कई फायदे हैं। एक बटन दबाने से आप दुनियाभर की खोज कर सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि सोशल मीडिया के मार्फत गांव, कस्बे और जनपद के पर्यटन स्थलों की फोटो और जानकारी दुनिया तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि पाटा ट्रेवल मार्ट से पर्यटन को नई दिशा मिलेगी। इसके अलावा राजस्थान के कुलधरा गांव की तर्ज पर भारत-चीन के युद्ध में खाली हुए जादूंग गांव को भी पर्यटन से जोड़ा जाएगा। सिक्किम की तर्ज पर उत्तराखंड में भी सरकार होम-स्टे के भवनों को स्वयं बनाकर देगी। इस मौके पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि पर्यटन को लेकर पारंपरिक और आधुनिक सेक्टर में काम किया जा रहा है। रोप-वे, एडवेंचर टूरिज्म पर भी काम चल रहा है। कैरावान पर्यटन से गांव और शहर समृद्ध होंगे। इस मौके पर आइएचएम के छात्र-छात्राओं ने पर्यटन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। कार्यक्रम में आइएचएम के प्रिंसिपल जगदीप खन्ना, पूर्व आइएएस एसएस पांगती आदि मौजूद रहे।
कंडाली और झंगोरे की विदेश में मांग
पर्यटन मंत्री ने कहा कि विदेशों में कंडाली की चाय और सूप पर्यटकों के लिए आकर्षण है। पैकिंग कर भेजी जा रही कंडाली को पर्यटक खूब पसंद कर रहे हैं। खासकर बालों की ग्रोथ के लिए कंडाली की चाय को लोगों ने दवा के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया है। इस पर वैज्ञानिक भी रिसर्च कर रहे हैं। इसके अलावा फ्रांस की स्वीट डिस में झंगोरे की खीर शामिल हो गई है।
बंद कमरे में मनाया पर्यटन उत्सव
विश्व पर्यटन दिवस पर भी अफसरों ने जिम्मेदारी का निर्वहन औपचारिक किया। आइएचएम में आयोजित हुए कार्यक्रम में जहां मंत्री सतपाल महाराज समय पर पहुंचे। वहीं अफसरों ने इस कार्यक्रम के प्रति ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। करीब आधे घंटे बाद पर्यटन सचिव जावलकर कार्यक्रम में शामिल हुए। जिस जगह कार्यक्रम आयोजित किया गया, वहां 50 लोगों के लिए बैठने तक की जगह नहीं थी। शहर के दूसरे कोने में आयोजन को लेकर भी सवाल उठने लाजमी है। पर्यटन पर्व पर केक कटा तो मंत्री सचिव और दूसरे अफसरों के इंतजार में खड़े रहे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में पर्यटन के प्रति अफसर कितने संजीदा हैं। इस मामले में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस बार कुछ व्यस्तता रही। अगले साल भव्य रूप में पर्यटन दिवस मनाया जाएगा।
सफाई अभियान चलाया पर्यटन निदेशालय के कर्मचारियों और अधिकारियों ने पर्यटन दिवस पर नींबूवाला, गढ़ीकैंट क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया है। इसके अलावा मधुबन एकेडमी ऑफ हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट एंड रिसर्च के छात्र-छात्राओं ने भी साफ-सफाई, पौधरोपण, पोस्टर, निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया। इधर, केंद्रीय विद्यालय आइएमए के छात्र-छात्राओं ने बुद्धा मंदिर में शैक्षिक भ्रमण कर पर्यटन गतिविधियों में भाग लिया।
रेलवे स्टेशन पर किया स्वागत आइएचएम के छात्र-छात्राओं ने विश्व पर्यटन दिवस पर दून आने-जाने वाले पर्यटकों का रेलवे स्टेशन पर स्वागत किया। रेलवे स्टेशन पर अलग-अलग स्टॉल लगाकर छात्र-छात्राओं ने देर शाम आने वाले लोगों को उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों की जानकारी दी।
दिल्ली में उत्तराखंड को मिला पर्यटन सम्मान विश्व पर्यटन दिवस पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड को साहसिक पर्यटन में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार संयुक्त निदेशक पूनमचंद ने प्राप्त किया है। इसके अलावा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्वतीय पर्यटन एवं आतिथ्य अध्ययन केंद्र के परियोजना अधिकारी डॉ. सर्वेश उनियाल को नेशनल टूरिज्म अवार्ड दिया है। पर्यटन प्रोत्साहन एवं प्रचार श्रेणी में उनकी ट्रैवल हैंडबुक के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
आपदा की याद सुरक्षित रखने को बनेगा म्यूजियमकेदारनाथ धाम में 2013 में आई आपदा की यादों को सुरक्षित रखने को म्यूजियम बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण योजना में यह शामिल होगा। यह म्यूजियम आपदा की हर छोटी-बड़ी याद और इसकी निशानी का केंद्र होगा। इसमें केदारनाथ के अतीत और वर्तमान के भी दर्शन होंगे। विश्व पर्यटन दिवस पर नींबूवाला स्थित आइएचएम में आयोजित एक कार्यक्रम में सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण, सौंदर्यीकरण और वहां सभी जन सुविधाएं जुटाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया है। केदारनाथ धाम में अधिकांश योजनाएं धरातल पर उतर गई हैं। अब पर्यटन विभाग जून 2013 की आपदा की याद में वहां भव्य म्यूजियम बनाएगा। यह म्यूजियम केदार बाबा के दर्शन को आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। खासकर केदारनाथ आपदा में अपने परिजनों को गंवाने वालों के लिए भी यह म्यूजियम एक याद के रूप में रहेगा। आपदा में मारे गए लोगों की याद में यहां श्रद्धांजलि दी जा सकेगी। इसके अलावा आपदा के दौरान फंसे पर्यटकों की मदद करने वाले रुद्रप्रयाग जनपद के गांव और कस्बों की सेवाभाव को भी यहां याद में प्रदर्शित किया जाएगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के लोगों के लिए यह म्यूजियम दर्शनीय होगा। म्यूजियम में केदारनाथ के अतीत और वर्तमान को लेकर दस्तावेज, शिलालेख, आपदा से जुड़ी वस्तुएं, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी जैसी यादें रखी जाएंगी।
म्यूजियम में मिलेगी ये जानकारी - 16 जून को आई आपदा से हुए नुकसान
- आपदा में फंसे और मारे गए लोगों की संख्या - आपदा से निपटने को चलाए गए बचाव अभियान - आपदा पुनर्निर्माण से जुड़ी योजनाएं - आपदा के दौरान और बाद पहुंचने वाले प्रमुख लोग उत्तराखंड में है पर्यटन की असीम संभावनाएंअंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस के मौके पर पर्यटन नगरी ऋषिकेश में विभिन्न संस्थाओं ने कार्यक्रम आयोजित किए। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन की व्यापक संभावनाएं हैं मगर इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से ठोस कदम उठाने की जरूरत है। गुरुवार को टूरिज्म एंड डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के तहत ऋषिकेश के पर्यटक अतिथि गृह, यात्रा बस स्टैंड में विभिन्न प्रांतों से आए यात्रियों के सहयोग से संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी की अध्यक्षता ऋषिकेश पर्यटन कार्यालय के पर्यटन प्रभारी, वाईएस कोहली ने की। कार्यक्रम में धर्म सिंह राणावत, विजेंद्र बिष्ट, विजेंद्र पवार, जगमोहन, मनजीत रौतेला आदि मौजूद थे।उधर, ऋषिकेश के कालीकी ढाल स्थित पाठशाला को¨चग सेंटर में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस के मौके पर छात्र-छात्राओं ने गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में छात्र-छात्राओं ने उत्तराखंड में बढ़ रहे पर्यटन व्यवसाय और इन से जुड़ी हुई चुनौतियों के बारे में अपनी राय रखी। संस्थान के निदेशक पी कर्नाटक ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं है। पर्यटन के बेहतर भविष्य को देखते हुए युवाओं इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएं और स्वरोजगार अपनाकर दूसरों को रोजगार उपलब्ध कराएं।शिवानी गुप्ता ने कहा कि उत्तराखंड में रोजगार के कई श्रोत है, बस जरूरत है तो सरकारी तंत्र के सहयोग की। गोष्ठी में पूजा नेगी, शिवानी गुप्ता, रोशनी, साक्षी, दीपक, वासु, गौरव, विकास, कैलाश, कुलदीप, संदीप, सत्यम, आदि मौजूद रहे। वहीं गढ़वाल महासभा ने विश्व पर्यटन दिवस पर रुद्राक्षी योगशाला में गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी का शुभारंभ गढ़वाल महासभा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पौड़ी योगा एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजे नेगी ने करते हुए कहाकि ऋषिकेश का पौराणिक इतिहास है किन्तु पिछले पांच दशक से ऋषिकेश विश्व के मानचित्र पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल हुआ है। तीर्थनगरी में विभिन्न देशों और धर्मों के लोग न केवल आध्यात्मिक ज्ञान और योग के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। इसके साथ ही हमारे तीर्थ और पर्यटन स्थल देश और दुनियां को शांति का संदेश दे रह हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी विनोद जुगलान ने बताया कि विश्व पर्यटन दिवस की शुरुआत 27 सितम्बर 1970 को हुई थी जिसमे विश्व में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक एकता हेतु इस दिन को मनाया जाता है। इस अवसर पर योगाचार्य धीरज चौहान,स्वामी देवभक्त सुकदेव महाराज, राजीव थपलियाल, कमल ¨सह राणा, रमेश रावत, अंकित नैथानी, शुभम सेमवाल, मोहन भंडारी, अक्षय मलिक, पावन तिवारी, स्वीटी वर्मा, पूजा सक्सेना, दीपा चौहान आदि उपस्थित थे।यह भी पढ़ें: होम स्टे' पर सिस्टम की सुस्त चाल, अभी तक सिर्फ 335 पंजीकरणयह भी पढ़ें: खराब मौसम ट्रैकर्स की राह में बन रहा बाधा, फिर भी हौसला बरकरार
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