Move to Jagran APP

62 साल बाद होगी घर वापसी, दोबारा बसाया जाएगा उत्तरकाशी का जादूंग गांव; जीएमवीएन को मिली जिम्मेदारी

पिछले दिनों केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत इस गांव को भी शामिल किया तो इसे जीवंत बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई। इसे बसाने का जिम्मा जीएमवीएन को दिया गया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जादुंग गांव को वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Riya Pandey Published: Wed, 03 Jul 2024 09:08 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 09:08 PM (IST)
चीन सीमा पर फिर बसेगा उत्तरकाशी का जादुंग गांव (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, देहरादून। चीन सीमा से सटे उत्तरकाशी जिले के जादुंग गांव को फिर से बसाने का जिम्मा जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) को मिला है। यह परियोजना पहाड़ का पलायन रोकने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।

6.67 करोड़ रुपये की लागत से वहां आरंभिक परियोजना के तहत छह होमस्टे, प्रवेश द्वार, चेक पोस्ट, व्यू प्वाइंट और भैंरोघाटी-जादुंग मोटर मार्ग का निर्माण होगा। 

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जादुंग गांव को वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराया गया था। वर्तमान में इस गांव के 23 परिवार नीचे बसे बगोरी गांव में रह रहे हैं।

गांव बसाने को बजट मंजूर

पिछले दिनों केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत इस गांव को भी शामिल किया तो इसे जीवंत बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई। इसे बसाने का जिम्मा जीएमवीएन को दिया गया और बजट भी स्वीकृत हो गया। वहां छह होमस्टे बनाकर उनका संचालन पूर्व में रहने वाले छह परिवारों को दिया जाएगा। जिससे उनकी आय का स्रोत बनेगा और पलायन में भी अंकुश लगेगा।

वहीं सरकार ने जादुंग में होमस्टे के लिए यह शर्त भी हटा दी है कि होम स्टे संचालक को परिवार सहित वहां रहना अनिवार्य होगा। यह छूट दी गई है कि होमस्टे वाला परिवार चाहे तो उसे लीज पर भी दे सकता है या फिर सरकार को भी संचालन के लिए दे सकता है।

कार्य शुरू कराने के लिए टेंडर जारी

सरकार की इस परियोजना से आने वाले दिनों में जादुंग में पर्यटकों के लिए रहने की दिक्कत नहीं होगी। जीएमवीएन ने निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं और वन विभाग समेत अन्य विभागों से एनओसी लेने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही वहां निर्माण कार्य शुरू होगा।

देहरादून जीएमवीएन प्रबंध निदेशक विनोद गोस्वामी के अनुसार, वाइब्रेंट विलेज में शामिल चीन सीमा में बसे जादुंग को बसाने के लिए आरंभिक परियोजना शुरू हो गई है। इससे क्षेत्र के पलायन में अकुंश लगेगा और पर्यटकों को सभी सुविधा मुहैया होंगी।

चमोली के टिम्मरसैंण मंदिर का होगा कायाकल्प

जीएमवीएन चमोली जिले में स्थित टिम्मरसैंण मंदिर का भी कायाकल्प कराएगा और इसके लिए 7.95 करोड़ रुपये भी स्वीकृत हो गए हैं। इसके तहत मंदिर के नजदीक पाथ, शिव उद्यान, रैन शेल्टर, साइट डेवलपमेंट और पार्किंग सहित कई निर्माण कार्य होंगे। निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया की जा रही और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा।

यह भी पढ़ें- अब उत्तराखंड की बिजली व्यवस्था में होगा सुधार, राज्य को कोयला आपूर्ति के लिए केंद्र से मिली सैद्धांतिक मंजूरी

यह भी पढ़ें- 'तेजी से हों शहरों के मास्टर ड्रेनेज प्लान और फ्लड प्लैन जोनिंग के काम', सीएम धामी ने सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.