देहरादून में बसता था चाचा नेहरू का मन, यहां की जेल में उन्होंने लिखे थे 'भारत एक खोज' के कई अंश
देहरादून में चाचा नेहरू (Jawaharlal Nehru Jayanti) का मन बसता था। यहां की जेल में उन्होंने भारत एक खोज के कई अंश लिखे थे। उन्होंने इंदिरा गांधी के नाम नामक पत्र भी यहीं से लिखा था। आज भी नेहरू की मेज कुर्सी पलंग चादर और टेबल क्लाथ है।
By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiUpdated: Mon, 14 Nov 2022 10:00 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। Jawaharlal Nehru Birth Anniversary पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का उत्तराखंड के देहरादून से गहरा नाता था। वह वर्ष 1906 में मसूरी आए थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वह देहरादून की जेल में 4 बार बंद रहे थे। जेल में वर्ष 1932 से 1941 के बीच नेहर 878 दिन कैद रहे। इस दौरान उन्होंने भारत एक खोज' के कई अंश लिखे थे।
नेहरू वार्ड दिला चाचा के संघर्षों की याद
- देहरादून के प्रिंस चौक के पास पुरानी जेल है। इसी परिसर में नेहरू वार्ड बना है। यह वार्ड आज भी चाचा के संघर्षों को बताता है। यहीं उन्होंने भारत एक खोज' के कई अंश लिखे थे।
चांद की रोशनी में लिखते थे पुस्तक
- यहां दून की पुरानी जेल में पंडित जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru Jayanti) चांद की रोशनी में पुस्तक के अंश लिखते थे। यहां नेहरू का स्नानागार, रसोई और पाकशाला आदि मौजूद हैं।
- यहां वह कमरा भी है, जहां वो सोया करता था। यहां नेहरू की मेज, कुर्सी, पलंग, चादर और टेबल क्लाथ भी है।
- वर्ष 1939 में उन्होंने 'इंदिरा गांधी के नाम' नामक पत्र भी यहीं से लिखा।
अंतिम बार सहस्रधारा में किया भोजन
- पंडित जवाहर लाल नेहरू मृत्यु से एक दिन पहले यानी 26 मई 1964 को देहरादून आए थे। वह सर्किट हाऊस में रुके थे।
- यहां से वे परिजनों के साथ सहस्रधारा गए। यहां उन्होंने स्नान किया थो। लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में उन्होंने भोजन और विश्राम किया था।
पंडित जवाहर लाल नेहरू को भाता था प्राकृतिक सौंदर्य
पंडित जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru Birth Anniversary) को दून का सर्किट हाउस ( जो वर्तमान में राजभवन है) बहुत पसंद था। पंडित नेहरू जब भी देहरादून आते, वे यहीं रुकते थे। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य पर मंत्रमुग्ध थे। यहां के सुंदर पहाड़ उनका मन मोह लेते थे। उन्होंने विजिटर बुक में 160 एकड़ भूभाग में फैले सर्किट हाउस की सुंदरता का उल्लेख भी किया है।
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