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JEE Paper Leak: एनएसयूआइ ने मांगा केंद्रीय शिक्षा मंत्री का इस्तीफा, उच्च स्तरीय जांच की मांग

JEE Paper Leak उत्तराखंड मुक्त विवि में 56 पदों पर गुपचुप भर्ती में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के इस्तीफे की भी मांग संगठन ने की। गुरुवार को संगठन के कार्यकर्त्ताओं ने गांधी पार्क से घंटाघर तक रैली निकाली और प्रदर्शन किया।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 10 Sep 2021 04:02 PM (IST)
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एनएसयूआइ ने मांगा केंद्रीय शिक्षा मंत्री का इस्तीफा, उच्च स्तरीय जांच की मांग।
जागरण संवाददाता, देहरादून। JEE Paper Leak भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) ने जेईई मेन पेपर लीक मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वहीं इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का इस्तीफा भी मांगा। उत्तराखंड मुक्त विवि में 56 पदों पर गुपचुप भर्ती में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के इस्तीफे की भी मांग संगठन ने की। गुरुवार को संगठन के कार्यकर्त्ताओं ने गांधी पार्क से घंटाघर तक रैली निकाली और प्रदर्शन किया। इस दौरान पुतला फूंकने को लेकर पुलिस व एनएसयूआइ कार्यकर्त्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

एनएसयूआइ प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने कहा कि केंद्र सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रही है। उस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जेईई जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा करवाने में भी नाकाम है। आरोप लगाया कि केंद्र के साथ राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री भी चहेतों को गलत ढंग से नौकरी दिलवाने में जुटे हैं। ऐसे में योग्य और जरूरतमंद युवा बेरोजगार ही घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ युवाओं को सड़क पर उतरना होगा।

भंडारी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की यदि इन दोनों मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा। साथ ही मंत्रियों के आवास के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन में प्रदेश उपाध्यक्ष आयुष गुप्ता, महानगर अध्यक्ष अभिषेक डोबरियाल, उदित थापलियाल, वाशु शर्मा, संजू कोरंगा, प्रियल ध्यानी, दिव्या रावत, नमन शर्मा, प्रियांशु गौड़, काॢतक भाटिया, सौरभ कुमार, अरुण टम्टा, भव्या सिंह आदि मौजूद रहे।

दून विश्वविद्यालय की भर्ती प्रक्रिया पर उठाए सवाल

उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने दून विश्वविद्यालय की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। भर्ती में धांधली का आरोप लगा उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है। गुरुवार को उक्रांद नेता शिव प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में कुलपति को ज्ञापन सौंपने पहुंचे कार्यकर्त्ताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय में हर बार भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ रही है। नियमों को ताक पर रखकर चहेतों को नियुक्त किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच की जाए।

दल के संगठन मंत्री संजय बहुगुणा ने आरोप लगाया कि पद विज्ञापित होने के बाद शैक्षिक योग्यता में परिवर्तन कर दिया गया। इसके लिए न ही एग्जीक्यूटिव काउंसिल की अनुमति ली गई और न ही शासन की। महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने निजी एजेंसी से परीक्षा कराए जाने पर आपत्ति जताई। नरेश बौंठियाल ने कहा कि अलग-अलग पद के लिए एक समान शैक्षिक योग्यता निर्धारित करना ही धांधली की ओर इशारा करता है। अब तक विश्वविद्यालय की नियमावली नहीं बनाए जाने पर भी उन्होंने आपत्ति जताई है। ज्ञापन देने वालों में उक्रांद नेता अरविंद बिष्ट, सरोज रावत आदि शामिल रहे।

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उधर, विश्वविद्यालय की कुलपति का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। जिन बिंदुओं पर आपत्ति जताई जा रही है, उनकी अनुमति कार्य परिषद से ली जाएगी।

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