Dehradun Jhanda JI Mela: झंडेजी के आरोहण के साथ हुआ मेले का आगाज, साक्षी बने हजारों श्रद्धालु
Dehradun Jhanda JI Mela झंडा मेला श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में 86 फीट ऊंचे व 30 इंच मोटाई वाले झंडेजी के आरोहण के साथ आज से शुरू हो गया। बता दें कि होली के पांचवें दिन दरबार साहिब में झंडेजी के आरोहण के साथ मेला शुरू होता है।
टीम जागरण, देहरादून: Dehradun Jhanda JI Mela: देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में 86 फीट ऊंचे व 30 इंच मोटाई वाले झंडेजी के आरोहण के साथ आज से शुरू हो गया है। इस पल के साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से पहुंची संगत से दरबार साहिब परिसर पैक हो गया है।
दोपहर दो से शाम चार बजे के बीच दरबार साहिब के सज्जादा गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में झंडेजी का आरोहण किया गया। इस बार संसार सिंह पुत्र स्व. फतेह सिंह ग्राम शेखूपुर बाग, पोस्ट जारला, नवा शहर, पंजाब के परिवार को झंडेजी पर पवित्र दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
यह रहा कार्यक्रम
सुबह सात बजे दरबार साहिब के सज्जादा गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में झंडेजी को उतारने की प्रक्रिया के बाद दूध, दही, गंगाजल से नए ध्वजदंड (झंडेजी) को स्नान कराया गया। सुबह सात बजे झंडेजी जी की पूजा हुई। सात बजकर 40 मिनट पर दरबार साहिब के सज्जादा गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने संगत को दर्शन व आशीर्वाद दिया।
इसके बाद उन्होंने झंडेजी को उतरने के निर्देश दिए। उन्होंंने कहा कि आज का दिन पवित्र है। श्री गुरु राम राय महाराज को देहरादून का संस्थापक माना जाता है। उनके जन्मदिवस पर प्रतिवर्ष यह मेला लगता है। उन्होंने धैर्य के साथ झंडेजी के रोहण की प्रक्रिया में भागीदारी की अपील की।
दोपहर दो बजे से शुरू हुई झंडेजी के आरोहण की प्रक्रिया
झंडेजी को उतरने के बाद दूध, दही व गंगाजल से स्नान कराने के बाद उन्हें गिलाफ चढ़ाने की रस्म शुरू होगी। पहले सादे और फिर शनील के गिलाफ चढ़ाए जाएंगे। अंत में दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाएगा। दोपहर दो बजे से झंडेजी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू हुई।
दर्शनी गिलाफ को छूने के लिए श्रद्धालु आतुर दिखे। दरबार साहिब के सज्जादा गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में श्रद्धालु 86 फीट ऊंचे झंडेजी को लकड़ी से बनी कैंचियों के सहारे धीरे-धीरे खड़ा किया गया।
वातावरण श्री गुरु राम राय महाराज की जय, जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल, सच्चे दरबार की जय, दरबार साहिब की जय आदि जयकारों से गूंज उठा। संगतें ढोल की थाप पर नृत्य करती दिखीं। दरबार साहिब परिसर के अलावा तालाब और आसपास के घरों की छत पर बैठकर झंडेजी दर्शन करते रहे।
झंडेजी के आरोहण के सजीव प्रसारण के लिए श्री दरबार साहिब, श्री झंडाजी मेला आयोजन समिति ने परिसर में एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की थी। जो किसी कारणवश आयोजन स्थल तक नहीं जा सके उन्होंने दरबार साहिब द्वारा जारी किए स्कैन कोड, फेसबुक, यूट्यूब के माध्यम से सजीव प्रसारण देखा। वहीं, दरबार साहिब में ड्रोन कैमरे से कवरेज की गई।
शहर में दिनभर विभिन्न जगहों पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर चलते रहे। मातावाला बाग चौक, सहारनपुर चौक, जैन धर्मशाला, तिलक रोड, दरबार साहिब परिसर, हनुमान चौक पर भंडारे की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा विभिन्न धार्मिक, सामाजिक व व्यापारिक संगठनों ने पानी, जूस, फल, हलवा, कढ़ी चावल का प्रसाद वितरित किया।
30 मार्च रामनवमी तक चलेगा मेला
हर वर्ष होली के पांचवें दिन दरबार साहिब में झंडेजी के आरोहण के साथ मेला शुरू होता है। 30 मार्च रामनवमी तक मेला चलेगा। बीते तीन-चार दिनों से उत्तराखंड के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से संगत का दरबार साहिब पहुंचने का सिलसिला जारी है।
श्री दरबार साहिब श्री झंडेजी मेला आयोजन समिति की ओर से शनिवार देर शाम तक सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। आज नित्य पूजा-क्रम के बाद दरबार साहिब के सज्जादा गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने संगतों को दर्शन देकर उन्हें गुरु महाराज के बताए रास्ते पर चलने का संदेश देंगे।
संसार सिंह के परिवार को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य
समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि संसार सिंह के परिवार को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य मिला है। उनके दादाजी ने तकरीबन 100 वर्ष पहले यह बुकिंग की थी। संसार सिंह के विदेश में होने चलते उनके बेटे प्रेमदीप सिंह व परिवार इस रस्म को पूरा करने के लिए शनिवार देर शाम को दून पहुंचे।
गुरु महाराज की कृपा है कि जल्द आ गया हमारा नंबर
संसार सिंह के पुत्र 54 वर्षीय प्रेमदीप सिंह ने बताया कि उनके बेटे सुखमन सिंह, छोटे भाई बलविंदर सिंह की पत्नी संदीप कौर व बेटे अंबरवीर सिंह ने इस बार दर्शनी गिलाफ चढ़ाया। प्रेमदीप नवा शहर स्थित जोरावर सिंह फतेहरी खालसा सीनियर सकेंडरी स्कूल में गणित के शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि गुरु महाराज की परिवार पर कृपा है कि उन्हें यह सौभाग्य मिल रहा है।
बताया कि उनके पिता संसार सिंह व माता सुरजीत कौर ने तकरीबन 100 वर्ष पहले परिवार की सुख शांति के लिए बुकिंग कराई थी।
प्राकृतिक रंगों से सजी दीवार, रोशनी से नहाया दरबार दरबार साहिब के द्वार व अन्य दीवारों पर बनाई कलाकृतियों को प्राकृतिक रंगों से सजाया गया है, जो दिखने में खास है। इसके अलावा दरबार साहिब को झालर व रंग-विरंगी रोशनी से सजाया गया है। शनिवार देर शाम को पूरा दरबार परिसर जगमग नजर आया।
पूरब की संगत को दी विदाई श्री दरबार साहिब, श्रीझंडा जी मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि परंपरा के अनुसार झंडेजी के आरोहण की पूर्व संध्या पर शनिवार को पूरब की संगत को पगड़ी, ताबीज व प्रसाद देकर विदाई दी गई।
दरबार साहिब परिसर से 14 को होगी नगर परिक्रमा
मेला आयोजन समिति व व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि झंडेजी के आरोहण के तीसरे दिन यानी मंगलवार को दरबार साहिब के सज्जादा गद्दीनशीन देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में दरबार साहिब परिसर से सुबह साढ़े सात बजे से नगर प्ररिक्रमा शुरू होगी। जिसमें 25 हजार से अधिक संगत शामिल होगी।