Move to Jagran APP

झंगोरे की भीनी-भीनी खुशबू और जायके का जवाब नहीं, जानिए इसकी बनाने की विधि

झंगोरा पहाड़ का एक झटपट पकने वाला भोज्य पदार्थ है जो झंगोरे के चावल से तैयार होता है। आप फाणू झोली कढ़ी डुबका मणझोली आदि के साथ इसका जायका ले सकते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 23 Oct 2019 07:08 AM (IST)
Hero Image
झंगोरे की भीनी-भीनी खुशबू और जायके का जवाब नहीं, जानिए इसकी बनाने की विधि
देहरादून, जेएनएन। झंगोरा पहाड़ का एक झटपट पकने वाला भोज्य पदार्थ है, जो झंगोरे के चावल (झंगरियाल) से तैयार होता है। एक दौर में झंगोरा पर्वतीय अंचल में दोपहर के भोजन का अनिवार्य हिस्सा हुआ करता था। लेकिन, नए दौर में लोगों ने इसका लगभग परित्याग-सा कर दिया। हालांकि, वर्तमान में गांवों से निकलकर शहरों में आ बसे प्रवासी पहाड़ी झंगोरा को महंगे दाम पर खरीदने को भी तैयार रहते हैं। आप गहत (कुलथ) का फाणू, झोली, कढ़ी, डुबका, मणझोली, दही, कद्दू का रैठू, काखड़ी (खीरा) का रैला, चैंसू, कंडाली की काफली, पिंडालू के पत्तों की काफली, आलू का झोल, आलू का थिंच्वाणी या कद्दू की सब्जी के साथ झंगोरे का जायका ले सकते हैं। 

झंगोरा बनाने की विधि भी बहुत ही आसान है। इसके लिए सबसे पहले पतीले में पानी उबाल लें, लेकिन पानी की मात्रा झंगोरा से दोगुना होनी चाहिए। झंगोरा यदि ओखली में कूटा गया है तो उसे धोने की जरूरत नहीं। लेकिन, मशीन में कूटे गए झंगोरे को धोकर ही खौलते पानी में डालें। इसके बाद करछी चलाते रहें, ताकि झंगोरा बर्तन की तली पर न लगे। यदि पानी के ऊपर झंगोरा के कुछ छिलके वाले दाने तैर रहे हों तो उन्हें अलग निकाल लें। हां! आंच कम नहीं होनी चाहिए। चाहे तो कुछ पल पतीली में ढक्कन भी रख सकते हैं। लेकिन, पानी के खौलने पर करछी जरूर चलाते रहें। दसेक मिनट में झंगोरा गाढ़ा होने लगेगा। 

यह भी पढ़ें: इस तरह रखें अपने खान-पान का सही ख्याल, बीमारी जाएगी दूर भाग

इस बीच देख लें कि पानी बिना माप के ज्यादा तो नहीं रख दिया। यदि हां, तो पतीली में से तो मांड निकाल लें। झंगोरे के साथ घी का शौक फरमाते हैं तो एकाध चम्मच पतीली में डाल लें, स्वाद मजेदार हो जाएगा। अब करछी चलाकर झंगोरे को अच्छी तरह पलट लें और पानी सूखने पर पतीली में ढक्कन लगाने के बाद आंच मामूली-सी धीमी कर लें। थोड़ी देर भपने दें और यह पता लगाने के लिए कि अभी पका या नहीं, पतीली के झंगोरे वाले हिस्से में बाहर से पानी की छींटे मारें। इस बीच अगर पानी सूख गया हो और पतीली को चूल्हे से उतार दें। लीजिए, तैयार है मजेदार फरफर्रा (जिसका दाना-दाना अलग हो जाए) झंगोरा। इसकी झंगराण (भीनी-भीनी खुशबू) आपका मन मोह लेगी। 

यह भी पढ़ें: मीठे भात की भीनी-भीनी मीठी खुशबू, खानपान संस्कृति का रहा है यह मुख्य हिस्सा 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।