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लोकसभा चुनाव: कुनबा बढ़ाने की रणनीति को अपनों से झटका

उत्तराखंड में भाजपा के किले में सेंध लगाने के लिए किस बड़े व्यक्ति या रसूखदार को कांग्रेस में शामिल किया जाएगा इसका खुलासा अब 16 मार्च को ही होगा।

By Edited By: Updated: Thu, 14 Mar 2019 07:29 PM (IST)
लोकसभा चुनाव: कुनबा बढ़ाने की रणनीति को अपनों से झटका
देहरादून, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव के मौके पर कुनबे में इजाफा करने की रणनीति को अपनों से ही झटका मिलने के अंदेशे से कांग्रेस सहम गई है। इसे देखते हुए पार्टी का दामन थामने के लिए तय वक्त से पहले नाम जाहिर करने से बचा जा रहा है।

उत्तराखंड में भाजपा के किले में सेंध लगाने के लिए किस बड़े व्यक्ति या रसूखदार को कांग्रेस में शामिल किया जाएगा, इसका खुलासा अब 16 मार्च को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा में ही होगा। फिलहाल पार्टी की ओर से इस मामले में प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं को चुप्पी साधने की हिदायत दी गई है। 

उधर, भाजपा के एक काबीना मंत्री के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं पर विराम लगने के बाद बुधवार को अब भाजपा के ही एक पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र के कांग्रेस का दामन थामने की चर्चाएं जोरों पर रहीं। वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में बड़ी टूट झेल चुकी कांग्रेस अपना कुनबा बढ़ाने कद्दावर और जमीनी पैठ रखने वाले नेताओं को जोड़ने पर जोर दे रही है। यूं तो इस रणनीति को पार्टी अंजाम दे चुकी है, लेकिन अभी पार्टी को बड़े नेताओं को अपने पाले में आने का इंतजार है। 

इसी वजह से इन दिनों पार्टी में बड़े नेताओं को शामिल किए जाने को लेकर चर्चाएं तेज हैं। सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव के मौके पर पार्टी का दामन थामने वाले बड़े नेता का नाम पहले जाहिर करने से कांग्रेस बच रही है। ऐसा पार्टी में किसी भी नेता की ज्वाइनिंग से पहले विवाद पैदा नहीं होने देने के लिए किया जा रहा है। ऐसे ही मामले में पार्टी नेतृत्व के सख्त रुख के कारण बीते रोज टिहरी संसदीय क्षेत्र के घनसाली विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके धनीलाल शाह को पार्टी में शामिल कराया गया, लेकिन किसी को भी असंतोष जाहिर करने से मनाही भी की गई थी। शाह की ज्वाइनिंग को टिहरी सीट पर पार्टी अपने लिए मुफीद मानकर चल रही है। 

दरअसल बीते दिनों श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ चुके एक नेता के कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी मिलने के बाद अंदरखाने कांग्रेस में रोष पनप गया था। एक पूर्व विधायक ने इस मामले में प्रदेश संगठन के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था। बाद में पार्टी के बैकफुट पर जाने के बाद ही ये मामला शांत हो सका।

पार्टी के उच्च पदस्थ पदाधिकारियों के मुताबिक हाईकमान ने किसी भी नई ज्वाइनिंग को लेकर पहले ही नई ज्वाइनिंग के बारे में कुछ भी बताने से इन्कार किया है। ज्वाइनिंग के बारे में पार्टी के शीर्ष स्तर से ही निर्णय लिया जाएगा। इस बारे में अब जो कुछ भी होगा, वह 16 मार्च को सामने आ सकता है। माना जा रहा है कि राहुल की मौजूदगी में कुछ बड़े नेता पार्टी का दामन थाम सकते हैं। उधर, संपर्क करने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र के शामिल होने की जानकारी होने से इन्कार किया। 

कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा जल्द 

कांग्रेस के उत्तराखंड की पांच सीटों के लिए लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा रविवार यानी 17 मार्च को भी हो सकती है। इसके संकेत कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह की ओर से भी दिए गए। हालांकि, पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रत्याशियों की घोषणा 15 मार्च को भी संभावित है। कांग्रेस में शामिल होने वाले किसी नेता को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने के मद्देनजर प्रत्याशियों की घोषणा में देरी हो सकती है।

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