Kargil Vijay Diwas: गढ़वाल रेजीमेंट ने प्रथम विश्व युद्ध से लेकर कारगिल युद्ध में दिखाया रण कौशल, साहस और विलक्षण बहादुरी के किस्से सात समंदर पार
प्रथम विश्व युद्ध से लेकर कारगिल युद्ध तक गढ़वाल रेजीमेंट ने अपने रण कौशल की बदौलत दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। इसके लिए वर्ष 1921 में गढ़वाल रेजीमेंट को विशिष्ट रायल रस्सी के खिताब से नवाजा गया।
अनुज खंडेलवाल, लैंसडौन: प्रथम विश्व युद्ध से लेकर कारगिल युद्ध तक गढ़वाल रेजीमेंट ने अपने रण कौशल की बदौलत दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। यही कारण है की रेजीमेंट के साहस व विलक्षण बहादुरी के किस्से सात समंदर पार भी बड़े फक्र के साथ सुनाए जाते हैं।
विशिष्ट रायल रस्सी के खिताब से नवाजा
1921 में गढ़वाल रेजीमेंट को विशिष्ट रायल रस्सी के खिताब से नवाजा गया। पैदल सेनाओं में गढ़वाल रेजीमेंट को इस खिताब से अलग पहचान मिली।
29 जून से 13 जुलाई 1999 के मध्य दिया वीरता का परिचय
सन् 1999 में आपरेशन विजय में गढ़वाल राइफल्स की छह बटालियन कारगिल के बटालिक और द्रास सेक्टर में तैनात थी। इस आपरेशन में 10, 17, और 18, बटालियन ने 29 जून से 13 जुलाई 1999 के मध्य जिस वीरता का परिचय दिया, उसकी यादें आज भी लोगों के जहन में ताजा है।
युद्ध जीत कर दुश्मनों को वापस लौटने पर किया विवश
दुश्मनों को मुंहतोड़ जबाव देकर इन बटालियन ने अपने वतन की न सिर्फ एक-एक इंच जमीन वापस लेने में कामयाबी हासिल की, बल्कि युद्ध जीत कर एक बार दुश्मनों को वापस लौटने पर विवश कर दिया। इस युद्ध में गढ़वाल रेजीमेंट के 55 सैनिक शहीद हुए, जिनमें दो अधिकारी, एक जोसीओ शामिल है।
17 बटालियन को वीर चक्र, सेना मेडल
कारगिल युद्ध में वीरता के लिए 17 बटालियन को एक वीर चक्र, एक सेना मेडल, और मुख्य सेनाध्यक्ष के दो प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुए जबकि दस बटालियन को छह वीर चक्र, एक वार टू सेवा मेडल और सात सेना मेडल प्रदान किए गए।
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स्वतंत्रता के बाद गढ़वाल रेजीमेंट की ओर से जीते गए मुख्य पदक
अशोक चक्र -01
महावीर चक्र-04
कीर्ति चक्र-11
वीर चक्र-52
शौर्य चक्र-38
सेना मेडल 194
मैंशन इन डिस्पैच 107
नोट- इसके अलावा गढ़वाल रेजीमेंट ने कई अन्य पदक भी हासिल किए है।
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