कठुआ आतंकवादी हमले में बलिदान पांचों जवान उत्तराखंड के, देहरादून लाए गए पार्थिव शरीर
जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकवादी हमले में बलिदान हुए सभी पांच जवान उत्तराखंड के हैं। देवभूमि के पांच जवानों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। बलिदान हुए सभी जवानों का पार्थिव शरीर आज शाम चार बजे तक देहरादून एयरपोर्ट पर लाए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हमले को कायराना हमला बताते हुए बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी है।
जागरण टीम, देहरादून। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकवादी हमले (Kathua Encounter) में उत्तराखंड के पांच जवानों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। बलिदानियों में रुद्रप्रयाग निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह, लैंसडौन निवासी हवलदार कमल सिंह, टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह, रिखणीखाल निवासी राइफलमैन अनुज नेगी और टिहरी के थाती दांगल निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी हैं।
बलिदान हुए जवानों का शव शाम चार बजे तक देहरादून एयरपोर्ट लाए जाएंगे।
कठुआ में सेना पर हुए हमले में उत्तराखंड के रिखणीखाल ब्लॉक के दो जवान बलिदान हुए है। दोनो जवानों के बलिदान होने के सूची मिलने के बाद से ही क्षेत्र में सन्नाटा छाया हुआ है।
दोपहर में पत्नी से हुई थी फोन पर बात, रात में आई बलिदान की सूचना
ग्राम नौदानू निवासी हवलदार कमल सिंह की पत्नी व दोनो बच्चे कोटद्वार के पदमपुर में किराए के कमरे में रहते हैं। कल दोपहर करीब एक बजे कमल की अपनी पत्नी से वीडियो कॉल पर बात हुई थी, जिसमे उन्होंने गश्त के लिए निकलने की बात कही थी। कमल 22 गढ़वाल राइफल में तैनात थे। उन्हें देर रात कमल के बलिदान की सूचना मिली, जिसके बाद वे घर चले गए।
कमल 20 जून को क्षेत्र में संपन्न हुई पूजा में प्रतिभाग कर कुछ दिन पूर्व ही ड्यूटी पर लौटा था। मां भारती के लिए शहीद हुए कमल अपने घर के इकलौता चिराग थे। उनकी तीन बहने हैं, जिनकी शादी पूर्व में हो चुकी है। कुछ वर्ष पूर्व कमल के पिता का देहांत हो गया था। घर पर उनकी माता और दादी रहते हैं। अपनी दोनो बेटियों के बेहतर शिक्षा के लिए कमल ने इसी गर्मी में बच्चों को गांव से कोटद्वार शिफ्ट किया था।
वहीं कठुआ आतंकवादी हमले में बलिदान हुए 22 वर्षीय विनोद सिंह गढ़वाल राइफल में तैनात थे। बलिदानी का परिवार पिछले तीन वर्षों से डोईवाला के अठुरवाला में रह रहा है।
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