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कठुआ आतंकवादी हमले में बलिदान पांचों जवान उत्तराखंड के, देहरादून लाए गए पार्थिव शरीर

जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकवादी हमले में बलिदान हुए सभी पांच जवान उत्तराखंड के हैं। देवभूमि के पांच जवानों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। बलिदान हुए सभी जवानों का पार्थिव शरीर आज शाम चार बजे तक देहरादून एयरपोर्ट पर लाए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हमले को कायराना हमला बताते हुए बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 09 Jul 2024 05:11 PM (IST)
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कठुआ आतंकी हमले में शहीद हुए उत्तराखंड के लाल (फाइल फोटो)
जागरण टीम, देहरादून। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकवादी हमले (Kathua Encounter) में उत्तराखंड के पांच जवानों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। बलिदानियों में रुद्रप्रयाग निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह, लैंसडौन निवासी हवलदार कमल सिंह, टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह, रिखणीखाल निवासी राइफलमैन अनुज नेगी और टिहरी के थाती दांगल निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी हैं।

बलिदान हुए जवानों का शव शाम चार बजे तक देहरादून एयरपोर्ट लाए जाएंगे।

कठुआ में सेना पर हुए हमले में उत्तराखंड के रिखणीखाल ब्लॉक के दो जवान बलिदान हुए है। दोनो जवानों के बलिदान होने के सूची मिलने के बाद से ही क्षेत्र में सन्नाटा छाया हुआ है।

दोपहर में पत्नी से हुई थी फोन पर बात, रात में आई बलिदान की सूचना

ग्राम नौदानू निवासी हवलदार कमल सिंह की पत्नी व दोनो बच्चे कोटद्वार के पदमपुर में किराए के कमरे में रहते हैं। कल दोपहर करीब एक बजे कमल की अपनी पत्नी से वीडियो कॉल पर बात हुई थी, जिसमे उन्होंने गश्त के लिए निकलने की बात कही थी। कमल 22 गढ़वाल राइफल में तैनात थे। उन्हें देर रात कमल के बलिदान की सूचना मिली, जिसके बाद वे घर चले गए।

कमल 20 जून को क्षेत्र में संपन्न हुई पूजा में प्रतिभाग कर कुछ दिन पूर्व ही ड्यूटी पर लौटा था। मां भारती के लिए शहीद हुए कमल अपने घर के इकलौता चिराग थे। उनकी तीन बहने हैं, जिनकी शादी पूर्व में हो चुकी है। कुछ वर्ष पूर्व कमल के पिता का देहांत हो गया था। घर पर उनकी माता और दादी रहते हैं। अपनी दोनो बेटियों के बेहतर शिक्षा के लिए कमल ने इसी गर्मी में बच्चों को गांव से कोटद्वार शिफ्ट किया था।

वहीं कठुआ आतंकवादी हमले में बलिदान हुए 22 वर्षीय विनोद सिंह गढ़वाल राइफल में तैनात थे। बलिदानी का परिवार पिछले तीन वर्षों से डोईवाला के अठुरवाला में रह रहा है।

नवंबर में हुई थी बलिदानी अनुज नेगी की शादी

जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में सेवा के गश्ती दल पर हुए आतंकी हमले में बलिदान हुए प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत ग्राम डोबरिया निवासी अनुज नेगी के परिवार में मातम का माहौल छाया हुआ है। अनुज के घर में उनके माता-पिता, पत्नी व छोटी बहन हैं। बीते वर्ष नवंबर माह में अनुज का विवाह हुआ था। अनुज मई माह के अंत में ही छुट्टी काट ड्यूटी पर वापस लौटे थे।

वहीं टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के रहने वाले राइफलमैन आदर्श नेगी ने भी अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। बलिदान की खबर के बाद उनके घर में कोहराम मच गया है। उनके स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है।

आदर्श के घर में छाया मातम

26 वर्षीय आदर्श टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता दलबीर सिंह नेगी गांव में ही खेतीबाड़ी का काम करते हैं। आदर्श की बारहवीं तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज पिपलीधार से हुई। 2019 में वह गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हो गए।

उस दौरान वह गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी द्वितीय वर्ष थे। आदर्श तीन भाई बहन में सबसे छोटे थे। उनकी बहन की शादी हो चुकी है और भाई चेन्नई में नौकरी करता है। वह इसी साल फरवरी में अपने ताऊ के लड़के की शादी में घर आए थे। सोमवार देर रात उनके बलिदान होने की खबर स्वजन को दी गई। यह जानकारी मिलते ही उनके घर में मातम छा गया।

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