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कांग्रेस ने Kedarnath By-Election के लिए उत्तराखंड से बनाए दो पर्यवेक्षक, नहीं दोहराया बदरीनाथ सीट वाला फॉर्मूला

Kedarnath By-Election केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। भुवन कापड़ी और वीरेंद्र जाति को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने इस प्रस्ताव पर हाईकमान की स्वीकृति की जानकारी देते हुए दोनों पर्यवेक्षकों के नाम घोषित कर दिए। पार्टी ने स्थानीय नेताओं पर भरोसा जताते हुए बड़े नेताओं को बाहर से नहीं बुलाया है।

By Ravindra kumar barthwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 12 Oct 2024 07:10 PM (IST)
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Kedarnath By-Election: भुवन कापड़ी व वीरेंद्र जाति को कांग्रेस ने बनाया पर्यवेक्षक. Concept Photo
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Kedarnath By-Election: प्रदेश में रिक्त चल रही केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस हाईकमान ने दो पर्यवेक्षक नामित किए हैं। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी और हरिद्वार की ज्वालापुर सीट से विधायक वीरेंद्र जाति पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी संभालेंगे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव पार्टी हाईकमान को भेजा गया था। पार्टी ने दोनों पर्यवेक्षक उत्तराखंड से बनाए हैं।

बदरीनाथ विधानसभा सीट की भांति निकटस्थ केदारनाथ सीट पर पार्टी ने प्रदेश के बाहर से बड़े नेताओं को भेजने के बजाय स्थानीय नेताओं पर अधिक भरोसा करने का फार्मूला अपनाया है।

गढ़वाल क्षेत्र में मजबूत जनाधार

कांग्रेस का पर्वतीय क्षेत्रों विशेषकर गढ़वाल क्षेत्र में मजबूत जनाधार रहा है, लेकिन वर्ष 2014 के बाद से परिस्थितियां तेजी से बदलीं। भाजपा ने कांग्रेस के जनाधार में सेंध लगाई और साथ ही मजबूत किलेबंदी करने में सफल रही है।

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वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को गढ़वाल क्षेत्र में मात्र तीन विधानसभा सीट पर संतोष करना पड़ा। इसी वर्ष लोकसभा चुनाव में प्रदेश की पांच में से एक भी सीट कांग्रेस को नहीं मिली। लेकिन, लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का दामन थामने वाले बदरीनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी को उपचुनाव में कांग्रेस ने जीतने नहीं दिया।

प्रदेश संगठन और शीर्ष नेताओं में मतभेद सामने आए

लोकसभा चुनाव के बाद बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सत्ताधारी दल को हराकर जिस प्रकार विजय प्राप्त की, उसे पार्टी को पर्वतीय क्षेत्र में जनाधार को और मजबूत करने का हौसला मिला है।

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केदारनाथ उपचुनाव के लिए भी कांग्रेस इसी बढ़े हौसले के साथ काम कर रही है। यह अलग बात है कि इस सीट पर पार्टी प्रत्याशी किसे बनाया जाए, इसे लेकर प्रदेश संगठन और शीर्ष नेताओं में मतभेद सामने आए हैं।

यद्यपि, मतभेद दूर करने और परस्पर मेलजोल से काम करने के लिए गठित प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक में संयुक्त रूप से रणनीति भी तय की गई।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी के चयन के लिए पर्यवेक्षक बनाने के संबंध में प्रस्ताव भेजा था। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने इस प्रस्ताव पर हाईकमान की स्वीकृति की जानकारी देते हुए दोनों पर्यवेक्षकों के नाम घोषित कर दिए।

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