...तो क्या 25 दिसंबर तक नहीं हो पाएंगे उत्तराखंड निकाय चुनाव, केदारनाथ उपचुनाव की तारीख के एलान के चलते फंसा पेंच
केदारनाथ उपचुनाव (Kedarnath bypoll) के कारण उत्तराखंड में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों पर असर पड़ सकता है। सरकार अब नगर निकायों में आरक्षण निर्धारण और चुनाव की अधिसूचना को लेकर निर्वाचन आयोग से राय लेगी। आयोग को पत्र भेजकर यह स्पष्ट करने का आग्रह किया जाएगा कि इस प्रक्रिया में उपचुनाव की आदर्श आचार संहिता तो आड़े नहीं आएगी।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव की छाया स्थानीय नगर निकायों के चुनावों पर भी पड़ सकती है। इस क्रम में शासन अब नगर निकायों में आरक्षण का निर्धारण और चुनाव की अधिसूचना को लेकर निर्वाचन आयोग से राय लेने जा रहा है।
शासन से जुड़े सूत्रों के अनुसार आयोग को पत्र भेजकर यह स्पष्ट करने का आग्रह किया जाएगा कि इस प्रक्रिया में उपचुनाव की आदर्श आचार संहिता तो आड़े नहीं आएगी।
सूत्रों ने बताया कि यदि आचार संहिता आड़े आई तो निकायों में आरक्षण का निर्धारण और चुनाव की अधिसूचना 25 नवंबर के बाद ही होगी। ऐसे में निकाय चुनाव 25 दिसंबर से आगे खिसक सकते हैं।
निकाय चुनाव को लेकर चल रहे मामले में शासन की ओर से पूर्व में हाईकोर्ट में शपथपत्र दिया गया था कि 25 दिसंबर तक चुनाव करा लिए जाएंगे। इसके लिए अधिसूचना 10 नवंबर तक जारी होने की बात कही गई थी।
इसके बाद राज्य में नौ नगर निगम समेत 102 नगर निकायों में चुनाव के दृष्टिगत तेजी से कसरत की गई। निकायों में परिसीमन, वार्ड परिसीमन पूरा हो चुका है, जबकि 99 निकायों की पुनरीक्षित मतदाता सूची तैयार हो गई है। केवल तीन नगर पंचायतों में यह कार्य आठ नवंबर को पूरा होना है।
इस बीच विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव का कार्यक्रम भी घोषित हो गया। साथ ही छह से 12 नवंबर तक राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम भी राज्यभर में होने हैं।
यद्यपि, निकाय चुनाव के दृष्टिगत निकायों में अभी पदों के आरक्षण का निर्धारण होना है। यह कार्य पूर्ण होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को सूचना भेजी जाएगी और फिर आयोग चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी करेगा। सूत्रों ने बताया कि आरक्षण निर्धारण व निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने में अभी केदारनाथ उपचुनाव की आचार संहिता का पेच फंस सकता है।
केदारनाथ सीट के उपचुनाव की आचार संहिता 25 नवंबर को समाप्त होनी है। इसी के दृष्टिगत अब निर्वाचन आयोग से इस सिलसिले में स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि यदि आयोग से इन दोनों कार्यों के लिए अनुमति नहीं मिली तो ये 25 नवंबर के बाद होंगे। आरक्षण का निर्धारण होने पर आपत्तियां व दावे प्राप्त करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय दिया जाता है।
दो से तीन दिन इनके निस्तारण और अंतिम अधिसूचना जारी करने में लगेंगे। फिर राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण की विधिवत सूचना भेजी जाएगी। तत्पश्चात ही आयोग निकाय चुनाव का कार्यक्रम जारी करेगा। ऐसे में निकाय चुनाव 25 दिसंबर से आगे जा सकते हैं।
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