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केदारनाथ आपदा के पांच सालः नए रूप में निखर रहा महादेव का धाम केदारनाथ

वर्ष 2013 की आपदा का कहर झेलने के बाद देवों के देव महादेव का धाम केदार अब नए रूप में निखर रहा है। केंद्र की मोदी सरकार की भरपूर मदद मिलने से राज्य सरकार भी राहत में है।

By BhanuEdited By: Updated: Mon, 18 Jun 2018 05:25 PM (IST)
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केदारनाथ आपदा के पांच सालः नए रूप में निखर रहा महादेव का धाम केदारनाथ
देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: वर्ष 2013 की आपदा का कहर झेलने के बाद देवों के देव महादेव का धाम केदार अब नए रूप में निखर रहा है। मंदाकिनी और सरस्वती के उफनते तटों को बांधकर खुली-खुली जगह पर भव्य केदारपुरी आने वाले समय में देश में प्रमुख स्मार्ट धार्मिक स्थल के रूप में नजर आएगी। इस कार्य में केंद्र की मोदी सरकार की भरपूर मदद मिलने से राज्य सरकार भी राहत में है।  

धाम पहुंचते ही मंदिर दर्शन

केदारनाथ धाम के इस स्वरूप में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है। दैवीय आपदा के खतरे को देखते हुए श्रीकेदारनाथ मंदिर और उसके आसपास के स्थल को आबादी, अतिक्रमण और निर्माण कार्यों से दूर रखा गया है। खास बात ये है कि अब केदारनाथ में प्रवेश करते ही 273 मीटर दूरी से श्रद्धालु मंदिर के दर्शन कर रहे हैं। 

मंदिर के आसपास के स्थान पर 2013 की आपदा में 12 फीट मलबा इकट्ठा हो गया था। मलबे को खुदाई कर हटाया गया है। मंदिर का चबूतरा 1500 वर्गमीटर से 4125 वर्गमीटर तक बढ़ाया गया है। मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम स्थल से मंदिर परिसर की दूरी 270 मीटर है। मंदिर मार्ग की चौड़ाई 50 फीट की गई है। 

मार्ग के दोनों किनारों पर ड्रेनेज व केबल्स के लिए डक्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए इस मार्ग के बीच दस फीट चौड़ाई में पत्थर तराश कर बिछाने का काम पूरा हो चुका है। इसके बाद गुजरात में अलंग शिप ब्रेकिंग यार्ड की रबर मैटिंग को इन पत्थरों के ऊपर बिछाया गया है। गरुड़चट्टी-केदारनाथ पैदल मार्ग का निर्माण हो गया है। 73 तीर्थ पुरोहितों के आवासों में 13 आवासों के निर्माण का कार्य चल रहा है। 

सीएसआर में 10 करोड़ जमा

नई केदारपुरी के विकास में केंद्र सरकार की भरपूर रुचि का ही असर है कि औद्योगिक घराने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉंसिबिलिटी (सीएसआर) से मदद करने को आगे आए हैं। श्रीकेदारनाथ पुनर्निर्माण के लिए बने केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट में अब तक 10 करोड़ रुपये सीएसआर मद में जमा हो चुके हैं। 

पीएम नरेंद्र मोदी की सीधी नजर

केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण को ड्रीम प्रोजेक्ट बता चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई केदारपुरी के निर्माण कार्यों पर सीधे नजर रखे हुए हैं। वह अब तक कई बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ड्रोन की मदद से श्रीकेदारनाथ धाम के दर्शन और निर्माण कार्यों का जायजा ले चुके हैं। प्रधानमंत्री से पहले मिले सुझाव पर अमल करते हुए मंदाकिनी नदी के दाहिने तट से 200 मीटर ऊंचाई पर योग ध्यान गुफा का निर्माण कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ, गरुड़चट्टी व आसपास के स्थानों में ध्यान केंद्र गुफाएं बनाने का सुझाव दिया है। इससे आध्यात्म के नजरिये से आने वाले श्रद्धालु ऐसे केंद्रों में अधिक दिन ठहरकर ध्यान योग कर सकेंगे। 

निम का विशेष योगदान

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग यानी निम ने 11000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम को आपदा के झंझावात से उबारने में बड़ी भूमिका निभाई। निम प्रभारी कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में निम की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद मलबे से अटे पड़े केदारनाथ धाम में मलबे को हटाने से लेकर श्रीकेदारनाथ मंदिर की सुरक्षा को दीवार निर्माण से लेकर मंदिर तक पहुंचने के लिए मार्ग का निर्माण समेत केदारनाथ धाम को दोबारा व्यवस्थित करने का अहम कार्य किया।

ये सभी कार्य भारी बर्फबारी, विषम मौसम और दुर्गम हालात में अंजाम दिया गया। निम के कार्यों को प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहा गया है।

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