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Kedarnath आपदा प्रभावित व्यवसायियों को उत्‍तराखंड सरकार ने दी राहत, मुख्यमंत्री राहत कोष से नौ करोड़ जारी

Kedarnath Disaster केदारनाथ क्षेत्र में भारी बारिश से प्रभावित व्यवसायियों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री राहत कोष से 9.08 करोड़ रुपये की राहत राशि स्वीकृत की गई है। यह राशि लिनचौली से सोनप्रयाग तक के प्रभावित व्यवसायियों को दी जाएगी। 31 जुलाई को हुई भारी बारिश में इस क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ था।

By Vikas gusain Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 06 Sep 2024 01:33 PM (IST)
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Kedarnath Disaster: 31 जुलाई को हुई वर्षा से मची थी तबाही।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Kedarnath Disaster: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ क्षेत्र में भारी वर्षा से हुए नुकसान के कारण प्रभावित व्यवसायियोंं को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 9.08 करोड़ की राहत राशि स्वीकृत कर दी है।

मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद शासन ने मुख्यमंत्री राहत कोष से यह धनराशि जारी कर दी है। यह राशि 31 जुलाई को भारी वर्षा के कारण लिनचौली से सोनप्रयाग तक क्षतिग्रस्त पैदल ट्रेक व मोटर मार्ग के प्रभावित व्यवसायियों को दी जाएगी।

लिनचौली से सोनप्रयाग तक का मार्ग हो गया था क्षतिग्रस्त

प्रदेश में इस बार भारी वर्षा हुई है। 31 जुलाई को हुई वर्षा में केदारनाथ धाम को जाने वाला लिनचौली से सोनप्रयाग तक का मार्ग काफी क्षतिग्रस्त हो गया था। इस पर रुद्रप्रयाग के मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में व्यवसायियोंं व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई, जिसमें प्रभावितों को क्षतिपूर्ति के लिए 9.08 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत कराने के संबंध में सर्वसम्मति बनी।

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यह प्रस्ताव शासन को भेजा गया। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रभावितों की क्षतिपूर्ति के लिए यह धनराशि जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को उपलब्ध कराई जाए। इस पर अब सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली ने आदेश जारी कर दिया है।

इसमें स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृति धनराशि जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार 31 जुलाई की अतिवृष्टि के प्रभावितों में वितरित की जाएगी।

प्रभावितों को भुगतान करने से पहले इस संबंध में जारी शासनादेशों का परीक्षण किया जाए तथा प्रभावितों का सत्यापन करने के उपरांत ही भुगतान किया जाए। साथ ही लाभार्थियों का विवरण, नाम, पता व दूरभाष नंबर जिला स्तर पर सुरक्षित रखे जाएं।

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