Delhi से Dehradun तक दिखा स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के दावे का असर, समझें- क्या है केदारनाथ मंदिर में 228 KG सोना चोरी होने का मामला?
Kedarnath Gold Plating Controversy साल 2022 में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर की तरह स्वर्णमंडित किया गया। महाराष्ट्र के दानीदाता लखी परिवार के सहयोग से यह कार्य किया गया था। लेकिन अब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब होने का दावा किया है।
ऑनलाइन डेस्ट, जागरण। Kedarnath Gold Plating Controversy: साल 2022 में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर की तरह स्वर्णमंडित किया गया। तब तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने सोने की जगह तांबे की प्लेट लगाने का आरोप लगाते हुए डेढ़ अरब के घोटाले का आरोप लगाया था। अब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब होने का दावा किया है। आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला?
- 2022 में महाराष्ट्र के दानीदाता लखी परिवार के सहयोग से यह कार्य किया गया था। तब तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने सोने की जगह तांबे की प्लेट लगाने का आरोप लगाते हुए डेढ़ अरब के घोटाले का आरोप लगाया था जिसकी वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थी।
- यह वीडियो सामने आने के बाद श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (बीकेटीसी) ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने पर इंटरनेट मीडिया में फैलाये जा रहे भ्रम को षड्यंत्र का हिस्सा बताया है।
- तब तत्कालीन मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया था कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रविधानों के अनुरूप ही दानीदाता से दान स्वीकारा गया है। दानीदाता ने अपने स्तर से पहले ज्वेलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार करवाई व फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई और अपने ज्वेलर्स के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित कराया।
- इस दौरान पुर्ननिर्माण कार्यों के निरीक्षण को आए विशेष कार्याधिकारी भाष्कर खुल्वे व पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने भी सोने की परत लगाने वाले कारगीरों से जानकारी ली थी और इस कार्य पर संतोष जताया था।
- बता दें कि महाराष्ट्र का यह दानीदाता लखी परिवार 2004 में बदरीनाथ धाम में भी सोने का सिंहासन दान कर चुका है।
फिर विवादों से घिरा केदारनाथ मंदिर
अब एक बार फिर केदारनाथ को स्वर्णमंडित करने का मामला विवादों से घिर गया है। अब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दावा किया है कि केदारनाथ मंदिर से 228 किलोग्राम सोना चोरी हुआ है।
जिसके बाद फिर से यह मामला गरमा गया है। जिसके बाद बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य पर पलटवार किया।
उनका कहना है कि 'केदारनाथ धाम में सोना गायब होने पर उनका बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं उनसे आग्रह करता हूं और चुनौती भी देता हूं कि वह तथ्य और सबूत सामने लाएं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में जाना चाहिए,'
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।कैसे किया गया मंदिर स्वर्णमंडित ?
- गर्भगृह की दीवारों से चांदी की परत उतारने के बाद तांबे की परत चढ़ाई गई।
- तांबे के इन प्लेट को महाराष्ट्र ले जाया गया, वहां पर सोने की परत चढ़ाई गई।
- सोने की परत चढ़ी इन प्लेटों को पहले दिल्ली से पहुंचाया गया और फिर गौरीकुंड लाकर खच्चरों की मदद से केदारनाथ धाम पहुंचाया गया।
- इससे पहले गर्भगृह में चांदी की परत चढ़ी हुई थी। 2017 में एक दानीदाता के सहयोग से गर्भगृह की चारों दीवारों पर चांदी की परतें चढ़ाई गई थीं।
विशेषज्ञों की देखरेख में हुआ था काम
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के दो विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का काम पूरा कराया गया था। आइआइटी रुड़की, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और एएसआई की टीम ने मंदिर का निरीक्षण करके गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने की स्वीकृति प्रदान की थी।कब-क्या हुआ?
- केदार बाबा के मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित का कार्य 42 दिन में पूरा हुआ।
- 13 सितंबर 2022 से यह कार्य शुरू हुआ था।
- पहले चरण में गर्भगृह में लगी चांदी की परतें उखाड़ी गई।
- इसके बाद स्वर्ण परत चढ़ाने के लिए तांबे की प्लेट तैयार की गई।
- 23 अक्टूबर से गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू किया गया।
- विशेषज्ञों की देखरेख में 35 कारीगरों ने दिन-रात काम करके 15 जून की सुबह इसे संपन्न किया।
- केदारनाथ मंदिर के 12 फीट गुणा 12 फीट आकार के गर्भगृह की चारों दीवारों के साथ ही जलहरी और छत्र पर सोने की परत चढ़ाई गई है।
- इसमें अलग-अलग नाप की सोने की कुल 550 परतें चढ़ाई गई हैं।
- सोने की इन परतों पर गणेश जी और शिव परिवार के सदस्यों के चित्र भी बनाए गए हैं।