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Kedarnath Helicopter Crash: केदारनाथ में उड़ानों को लेकर उठती रही हैं अंगुलियां, डीजीसीए ने लगाया था जुर्माना

Kedarnath Helicopter Crash 11657 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ क्षेत्र में हवाई उड़ानों को लेकर उठती अंगुलियां रही हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इसी वर्ष अगस्त में पांच हेलीकाप्टर आपरेटरों पर पांच-पांच लाख का जुर्माना लगाया था।

By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiUpdated: Tue, 18 Oct 2022 09:18 PM (IST)
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Kedarnath Helicopter Crash: 11657 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ क्षेत्र में हवाई उड़ानों को लेकर उठती अंगुलियां रही हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Kedarnath Helicopter Crash: समुद्रतल से 11657 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम से लौट रहे हेलीकाप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इस उच्च हिमालयी क्षेत्र में हवाई उड़ानों को लेकर अब फिर से बहस का दौर शुरू हो गया है। विषम भौगोलिक परिस्थितियां और पल-पल में रंग बदलते मौसम के बीच यहां होने वाली उड़ानों में पहले भी नियमों के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं। दो माह पहले ही नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इसी वजह से पांच हेलीकाप्टर आपरेटरों पर पांच-पांच लाख रुपये के जुर्माने की कार्रवाई की थी, जबकि दो आपरेटरों को तीन माह के लिए निलंबित किया गया था।

केदारनाथ क्षेत्र में मौसम बदलता रहता है रंग

केदारनाथ क्षेत्र में मौसम कब रंग बदल ले, कहा नहीं जा सकता। यात्राकाल के दौरान वहां बादलों की लुका-छिपी के बीच निरंतर उड़ानें होती रहती हैं, जिन्हें लेकर अक्सर प्रश्न उठते आए हैं। यद्यपि, हेली सेवाओं के संचालन के लिए नियम-कानून हैं, लेकिन कई मौकों पर इनकी अनदेखी भारी पड़ जाती है। यही नहीं, व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण पैदा होड़ भी कम नहीं है।

एक हेलीकाप्टर ने केदारनाथ में की थी रफ लैंडिंग

इसी वर्ष 30 मई को यात्रियों को लेकर जा रहे एक हेलीकाप्टर की केदारनाथ में रफ लैंडिंग हुई थी। इसके बाद डीजीसीए ने केदारनाथ में हेलीकाप्टरों के संचालन की जांच कराई। तब ये बातें सामने आई थी कि सात हेलीकाप्टर आपरेटरों ने नियमों का उल्लंघन किया। और तो और, उड़ान के रिकार्ड को ही नहीं रखा गया। इस पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई। इसके बाद भी केदारनाथ क्षेत्र में खराब मौसम के बावजूद होने वाली उड़ान को लेकर प्रश्न उठते आए हैं।

केदारनाथ क्षेत्र में मंगलवार को हुई हेलीकाप्टर दुर्घटना के लिए भी मौसम के बिगड़े मिजाज को कारण बताया जा रहा है। यद्यपि, जांच के बाद कारण तो साफ हो जाएंगे और जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी होगी, लेकिन इस घटना से सबक लेने की जरूरत है। इसे देखते हुए हेलीकाप्टर सेवा प्रदाता आपरेटरों पर कड़ी निगरानी की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। आखिर, प्रश्न यात्रियों की सुरक्षा के साथ ही राज्य की साख से भी जुड़ा है।

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अजेंद्र अजय (अध्यक्ष, श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति) ने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में हुई हेलीकाप्टर दुर्घटना दुखद है। संबंधित एजेंसियां इसकी जांच करेंगी। यदि यहां संचालित हेली कंपनियां नियम-कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए

गणेश गोदियाल (पूर्व अध्यक्ष श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति) ने कहा कि केदारनाथ तक हेली सेवा की व्यापारिक होड़ को सुरक्षा की कसौटी पर कसने की आवश्यकता है। ऐसा न होना ही दुर्घटना का कारण बन रहा है। केदारनाथ में यात्रियों की संख्या के स्थान पर उनकी सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।

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