Kedarnath Helicopter Crash में सामने आई बड़ी बात, केदारनाथ से उड़ान भरने के एक मिनट बाद ही हुई दुर्घटना
Kedarnath Helicopter Crash केदारनाथ में हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त में पायलट समेत सात की मौत हुई। सभी मृतकों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इसमें तीन यात्री गुजरात व तीन तमिलनाडू के हैं जबकि मृतकों में मुंबई निवासी पायलट भी शामिल है।
By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiUpdated: Tue, 18 Oct 2022 11:45 PM (IST)
जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग: Kedarnath Helicopter Crash बाबा केदारनाथ के दर्शन कर लौट रहे तमिलनाड़ू व गुजरात के छह श्रद्धालुओं को लेकर आ रहा हेलीकाप्टर मंगलवार को केदारघाटी में गरुड़चट्टी के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दुर्घटना में सात की मौत
दुर्घटना में मुंबई निवासी हेलीकाप्टर उड़ा रहे आर्मी ऐविएशन के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल पायलट व सभी छह श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई। दुर्घटना में एक दपंती समेत पांच महिला व दो पुरुष शामिल हैं।दुर्घटना का कारण घना कोहरा
दुर्घटना पूर्वाहन पौने 12 बजे केदारनाथ हेलीपैड से उड़ान भरने के एक मिनट के भीतर हो गई। दुर्घटना का प्रारंभिक कारण घना कोहरा बताया जा रहा है। राष्ट्रीय एवं राज्य के आपदा मोचन बल व आपदा प्रबंधन की टीमों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया व शवों को निकाला। खराब मौसम व बचाव कार्य के कारण केदारनाथ में हेली सेवा शाम तक बंद रहीं।घटनास्थल पर जाएगी डीजीसीए की टीम
नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव व उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि जांच के लिए डीजीसीए की टीम देहरादून पहुंच गई है और बुधवार सुबह घटनास्थल पर जाएगी।
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प्रशासन की ओर से राहत व बचाव कार्य पूरे होने तक की हेली सेवा रोकी गई थी, लेकिन बुधवार से हेली सेवा पहले की तरह सुचारू रहेगी। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख व्यक्त करते हुए दुर्घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।11:42 बजे वापस गुप्तकाशी के लिए भरी उड़ान
हेलीकाप्टर (बेल 407 वीटी-आरपीएन) आर्यन कंपनी पायलेट समेत सात यात्री की सीट क्षमता का था, जिसने मंगलवार सुबह 11:30 बजे गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी। सुबह 11:39 बजे यह केदारनाथ पहुंचा और तीन मिनट रुकने के बाद 11:42 बजे वापस गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी।एक मिनट बाद ही हुआ हादसा
इसके एक ही मिनट बाद यानी 11:43 बजे केदारनाथ हेलीपैड से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर गरुड़चट्टी देवदर्शनी के समीप तेज धमाके के साथ हेलीकाप्टर में आग लग गई और यह खाई में गिर गया।यात्रियों ने पुलिस को दी सूचना
पैदल मार्ग से केदारनाथ जा रहे यात्रियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन, आपदा मोचन बल की टीमें दुर्घटनास्थल पहुंची, लेकिन किसी को बचाया नहीं जा सका। सभी की मृत्यु हो चुकी थी व शव क्षत-विक्षत स्थिति में पड़े थे।- रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि धमाके के बाद हेलीकाप्टर कई हिस्सों में टूट गया व बीच का हिस्सा पूरी तरह जलकर राख हो गया।
सेवानिवृत्त ले. कर्नल अनिल कुमार उड़ा रहे थे हेलीकाप्टर
हेलीकाप्टर आर्मी एविएशन के सेवानिवृत्त ले. कर्नल अनिल कुमार उड़ा रहे थे और उन्हें 4800 घंटे से अधिक उड़ान भरने का अनुभव था। केदार घाटी में भी वर्ष 2018 से वह लगातार अपनी सेवाएं दे रहे थे। पुलिस ने सभी सात शव बरामद कर लिए, जिन्हें हेली से गुप्तकाशी लाया गया है।मृतकों के नाम
- पायलट अनिल कुमार (57 वर्ष) निवासी मुंबई।
- पूर्वा रामानुज (26 वर्ष), कुर्ती बराड़ (30 वर्ष) व ऊर्वी बराड़ (25 वर्ष) तीनों निवासी गुजरात।
- सुजाता (56 वर्ष) व उनके पति प्रेम कुमार (63 वर्ष), कला (60 वर्ष) तीनों निवासी तमिलनाडू
केदारनाथ में पहले भी हुई घटना
केदारघाटी में पहले भी हेलीकाप्टर की दुर्घटना हो चुकी हैं। वर्ष 2010 से अब तक केदारघाटी में आठ दुर्घटना हो चुकी हैं, जिनमें 32 की जान जा चुकी हैं। इनमें वर्ष 2013 में आई आपदा के बचाव कार्य के दौरान ही तीन हेलीकाप्टर दुर्घटना हुई और इनमें 23 की जान गई थी।उल्लेखनीय है कि जांच में मिली अनियमितताओं पर इसी साल अगस्त में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने केदारनाथ धाम में यात्रियों को ले जाने वाले पांच हेलीकाप्टर आपरेटरों पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। साथ ही, डीजीसीए ने सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के लिए दो अन्य आपरेटरों के अधिकारियों को तीन महीने के लिए निलंबित भी किया था।इस वर्ष अब तक हेली सेवा से 1,42100 यात्रियों ने दर्शन किए।
- कुल शटल इस वर्ष अब तक 26639
- प्रति दिन उड़ान भर रही औसतन-250 लगभग