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मौसम विभाग ने जारी किया था चारधाम के लिए पूर्वानुमान, केदारनाथ क्षेत्रों में घने बादल छाये रहने का था अनुमान

Kedarnath Helicopter Crash मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को केदारनाथ और आसपास के क्षेत्रों में घने बादल छाये रहने का अनुमान था। इससे यह कहा जा सकता है हेली कंपनियां मौसम विभाग के पूर्वानुमान का संज्ञान नहीं ले रहीं हैं।

By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiUpdated: Wed, 19 Oct 2022 12:52 AM (IST)
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मौसम विभाग की ओर से पूर्व में ही पूर्वानुमान जारी कर दिया गया था।
जागरण संवाददाता, देहरादून: Kedarnath Helicopter Crash उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बदल-बदला है। खासकर चारधाम में मौसम संवेदनशील बना हुआ है। इसे लेकर मौसम विभाग की ओर से पूर्व में ही पूर्वानुमान जारी कर दिया गया था।

मंगलवार सुबह भी कर दिया गया था सतर्क

केदारनाथ समेत आसपास के क्षेत्रों में घने बादल छाये रहने और हल्की वर्षा होने की संभावना जताते हुए मौसम विभाग की ओर से मंगलवार सुबह भी सतर्क कर दिया गया था। हेलीकाप्टर दुर्घटना से हेली कंपनियों के रवैये पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या मौसम विभाग के पूर्वानुमान का कंपनियां संज्ञान ले ही नहीं रही हैं। जबकि, ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में मौसम विभाग की ओर से दी जाने वाली हर सूचना बेहद अहम मानी जाती है।

मौसम के मिजाज की दी जाती है जानकारी

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, चारधाम और हेमकुंड साहिब के लिए विशेष पूर्वानुमान बुलेटिन जारी किया जाता है। जिसमें हर तीन घंटे से लेकर अगले सात दिन तक मौसम के मिजाज की जानकारी होती है।

मुख्यत: बादल छाये रहने का है अनुमान

मंगलवार को भी सुबह नौ बजे पूर्वानुमान जारी किया गया था। जिसमें रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ में बादल छाये रहने और हल्की वर्षा की आशंका जताई गई थी। इसके अलावा चारों धामों के मार्गों पर पड़ने वाले प्रमुख पड़ावों में मौसम का हाल भी नियमित तौर पर जारी किया जाता है। अगले दो दिन चारधाम मार्गों पर ज्यादातर स्थानों पर आंशिक से लेकर मुख्यत: बादल छाये रहने का अनुमान है।

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चारधाम यात्रा मार्गों पर यहां घने बादल व वर्षा का पूर्वानुमान

  • रुद्रप्रयाग-जोशीमठ: रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, चमोली, जोशीमठ।
  • जोशीमठ-बदरीनाथ-हेमकुंड साहिब: गोविंदघाट, पांडुकेश्वर, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब।
  • रुद्रप्रयाग-केदारनाथ: अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग, गौरीकुंड, केदारनाथ।
  • उत्तरकाशी-गंगोत्री: उत्तरकाशी, हर्षिल, गंगोत्री।
  • उत्तरकाशी-बड़कोट-यमुनोत्री: धरासू, बड़कोट, जानकीचट्टी, यमुनोत्री।
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