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उत्तराखंड के सबसे लंबे रोपवे का रास्ता साफ, अब 25 मिनट में पूरा होगा सोनप्रयाग से केदारनाथ का सफर

Kedarnath Ropeway प्रदेश सरकार केदारनाथ यात्रा को सुलभ व सरल बनाने के लिए उत्तराखंड के सबसे लंबे रोपवे सोनप्रयाग-केदारनाथ के निर्माण की डीपीआर बना चुकी है। रोपवे से सोनप्रयाग से केदारनाथ का सफर 25 मिनट में पूरा किया जा सकेगा।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 14 Oct 2022 08:09 AM (IST)
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Kedarnath Ropeway : केदारनाथ रोपवे परियोजना को मिली स्वीकृति।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: Kedarnath Ropeway : उत्तराखंड के बहुप्रतीक्षित सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे के निर्माण का रास्ता अब साफ होता नजर आ रहा है। राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की बैठक में केदारनाथ रोपवे परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

इसके साथ ही बोर्ड ने रुद्रप्रयाग में रामबाड़ा से गरुड़चट्टी के लिए 3.5 किमी लंबे पैदल मार्ग निर्माण को भी सहमति प्रदान की है। हेमकुंड साहिब रोप वे को राष्ट्रीय वन्य जीव क्षेत्र में न बताते हुए बोर्ड ने एक तरह से इसके निर्माण का रास्ता भी साफ कर दिया है।

25 मिनट में पूरा होगा सोनप्रयाग से केदारनाथ का सफर

प्रदेश सरकार केदारनाथ यात्रा को सुलभ व सरल बनाने के लिए उत्तराखंड के सबसे लंबे रोपवे सोनप्रयाग-केदारनाथ के निर्माण की डीपीआर बना चुकी है।

तकरीबन 11.5 किमी लंबे इस रोप वे परियोजना की लागत 950 करोड़ रुपये आंकी गई है। रोपवे से सोनप्रयाग से केदारनाथ का सफर 25 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। अभी इसके लिए लगभग 16 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है।

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इस रोपवे निर्माण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीन नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ने एक कंपनी को सौंपी है। कार्यदायी संस्था इसके निर्माण के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण पूरा कर चुकी है। प्रस्तावित रोप वे में 22 टावर लगाए जाने प्रस्तावित है।

उत्तराखंड सरकार ने पर्यावरण मंत्रालय को लिखा था पत्र

सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे पर चार स्टेशन गौरीकुंड, चीरबासा, लिनचोली और केदारनाथ में बनाए जाने प्रस्तावित है। यह क्षेत्र नेशनल वाइल्डलाइन सेंचुरी के अंतर्गत आता है, इसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने रोप वे परियोजना की मंजूरी को पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा था।

उत्तराखंड ब्रिज रोप वे एंड टनल (ब्रिडकुल) के चेयरमैन व प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अब इस रोप वे के लिए पर्यावरणीय अनुमति ली जाएगी। इसके बाद इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।

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