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ऋषिकेश में 12 साल के बच्चे का अपहरण, फिरौती में मांगे 15 लाख रुपये; बालक बिजनौर से बरामद

ऋषिकेश से अपहरण कर ले जाए जा रहे एक 12 वर्षीय बालक को पांच घंटे में एसओजी देहात ऋषिकेश पुलिस व बिजनौर पुलिस की संयुक्त टीम ने धामपुर से सकुशल बरामद किया है। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 24 Jul 2021 10:19 PM (IST)
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पुलिस की गिरफ्त में अपहरण का आरोपित राजन उर्फ भोला। जागरण
जागरण संवाददाता ऋषिकेश। ऋषिकेश से अपहरण कर ले जाए जा रहे एक 12 वर्षीय बालक को पांच घंटे में एसओजी देहात ऋषिकेश पुलिस व बिजनौर पुलिस की संयुक्त टीम ने धामपुर से सकुशल बरामद किया है। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपित बालक के पिता के घर में एक वर्ष पूर्व राजमिस्त्री का काम करता था। उसने फिरौती के रूप में 15 लाख रुपये की मांग की थी।

कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि शनिवार को इस मामले में भट्टोंवाला श्यामपुर निवासी गोपाल कृष्ण उप्रेती ने कोतवाली ऋषिकेश को एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने बताया कि भोला नाम के एक राज मिस्त्री जिसने करीब एक वर्ष पूर्व लगभग छह माह तक मेरे मकान में कार्य किया था, वह शनिवार को एक बजे उनके घर आया और उनके पिताजी को बताकर उनके 12 साल के बेटे को अपने साथ कुछ खाने पीने का सामान दिलाने के बहाने ले गया। मगर, उसके बाद वह बेटे को लेकर वापस नहीं आया। उन्होंने जब अपने नंबर से भोला के मोबाइल पर फोन किया तो उसने फोन नहीं उठाया। कुछ समय पश्चात जब उन्होंने अपनी पत्नी के नंबर से फोन किया तो उसने फोन उठा लिया और कहा कि तुम्हारा बेटा मेरे कब्जे में है। मैंने तुम्हारे बेटे का अपहरण कर लिया है। दो घंटे के अंदर 15 लाख रुपये का इंतजाम करो और पुलिस को बताया तो तुम्हारा बेटा नहीं मिलेगा। दोबारा पत्नी के नंबर से फोन कर भोला को बोला कि मेरे पास 15 लाख नहीं हैं तो उसने कहा कि 13 लाख से कम से नहीं होगा, तब उन्होंने उसे पैसों का इंतजाम करने की बात कही।

कोतवाली शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा दर्ज करते हुए प्रभारी एसओजी देहात ओम कांत भूषण के साथ पांच अलग-अलग टीमें गठित कर रवाना की गई। गठित पुलिस टीम ने अपहरणकर्ता के मोबाइल नंबर की लोकेशन ट्रेस करते हुए लगातार उसका पीछा किया गया। उन्होंने बताया कि गोपाल कृष्ण उप्रेती सेना से सेवानिवृत्त हैं और वह वर्तमान में एम्स में सुपरवाइजर के रूप में कार्यरत हैं।

पुलिस क्षेत्राधिकारी डीसी ढौंडियाल ने बताया कि पुलिस टीम अपहरणकर्ता के पीछे-पीछे ऋषिकेश से रायवाला होते हुए हरिद्वार, नजीमाबाद, नगीना से धामपुर पहुंची। जहां थाना प्रभारी धामपुर अपनी टीम के साथ धामपुर तिराहे पर चेकिंग कर रहे थे। उनको उपरोक्त घटना का विवरण देकर लोकेशन की जानकारी दी गई व संयुक्त रूप से आने जाने वाले वाहनों को चेक करने लगे। जिस पर लगातार लोकेशन ट्रेस करते हुए नगीना की तरफ से आती हुई एक रोडवेज बस को रोककर चेक किया गया तो उसमें एक व्यक्ति, 13 वर्षीय बच्चे के साथ मिला। उक्त व्यक्ति फोटो से मिलान किया तो वह राजन उर्फ भोला था। जिस पर पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद करते हुए आरोपित राजन उर्फ भोला पुत्र लल्लन पटेल निवासी गांव सरिया बिर्थी, पोस्ट सरिया बाजार, थाना पहाड़पुर जिला मोतिहारी बिहार हाल निवासी माया मार्केट श्यामपुर ऋषिकेश को गिरफ्तार कर लिया।

लाकडाउन की तंगी ने डाला अपराध के रास्ते पर

पूछताछ में आरोपित राजन उर्फ भोला ने बताया गया कि उसने लगभग एक साल पूर्व गोपाल उप्रेती के मकान में कार्य किया था। उसे पता था कि इनके पास काफी पैसा है। बालक के पिता एम्स ऋषिकेश में सिक्योरिटी सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं। लाकडाउन के चलते राजन उर्फ भोला का कहीं काम नहीं चल रहा था, तो उसने गोपाल के बेटे के अपहरण की योजना बनाई। शनिवार को राजन उर्फ भोला ने गोपल उप्रेती के घर पहुंचकर उनके पुत्र को गाड़ी दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया। उसके घर से फोन आने पर राजन ने बताया भी कि उसने उनके बेटे का अपहरण कर लिया है और अब 15 लाख रुपये देने पर ही उसे लौटाएगा। यदि पैसे नहीं दिए तो वह उसे जान से मार देगा। राजन ने बताया कि वह बच्चे को लेकर बस से मुरादाबाद तक जा रहा था। उसके बाद में ट्रेन से आगे जाना था, मगर पुलिस ने उसे धर दबोच लिया।

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