84 फीसद प्रत्याशी धनबल से जीतते हैं चुनाव : वरुण गांधी
सांसद वरुण गांधी ने कहा कि यदि सिर्फ चुनाव सिर्फ चार दिन तक चले और इसमें प्रचार, पोस्टर, बैनर, जनसभा करने पर प्रतिबंध लग जाए और प्रत्याशी घर-घर जाकर संपर्क करे तो परिवर्तन संभव है।
By Edited By: Updated: Fri, 07 Dec 2018 08:24 PM (IST)
विकासनगर, जेएनएन। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में 84 फीसद प्रत्याशी धनबल से जीतते हैं, जबकि गरीब प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि यदि सिर्फ चुनाव सिर्फ चार दिन तक चले और इसमें प्रचार, पोस्टर, बैनर, जनसभा करने पर प्रतिबंध लग जाए और प्रत्याशी घर-घर जाकर संपर्क करे तो परिवर्तन संभव है।
सांसद वरुण गांधी गुरुवार को देहरादून के पास डाल्फिन इंस्टीट्यूट आफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंसेज के छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए ब्रेन ड्रेन को रोकना होगा। कहा कि ऐसा तंत्र विकसित करना होगा, जिससे बुद्धिजीवी देश में ही रुक सकें। किसानों को लेकर उन्होंने कहा कि कृषि के लिए विशेषतौर पर योजनाएं बनानी होंगी। उन्होंने कहा कि दक्षिणी गुजरात में सिंचाई के साधन विकसित हुए हैं। गुजरात में कपास किसानों के लिए सिंचाई सुविधा सौ प्रतिशत है, लेकिन महाराष्ट्र के विदर्भ की ओर ध्यान नहीं दिया गया, यहां मात्र नौ प्रतिशत ही सिंचाई सुविधा मुहैया हो रही है। जिसके चलते विदर्भ में किसानों की आत्महत्या की दर सर्वाधिक है।
बैंको में बढ़ते एनपीए पर उन्होंने कहा कि यह स्थिति किसानों के कर्ज न चुका पाने की वजह से नहीं आई है, बल्कि किसानों के कर्ज का तीस गुना तो मात्र पचास बड़े कारपोरेट घरानों पर है। कहा कि ब्रिटिश भारत में एक प्रतिशत अमीर बाइस प्रतिशत संपत्ति के मालिक थे, जबकि आजाद भारत में एक प्रतिशत अमीर साठ प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं। कहा कि यह असमानता अन्याय को जन्म देगी।
इससे पहले वरुण ने अपनी किताब ए 'रूरल मेनिफेस्टो-रियलाइजिंग इंडियाज फ्यूचर थ्रू हर विलेजेज' का विमोचन भी किया। इस दौरान उन्होंने डाल्फिन इंस्टीट्यूट के परिसर में चंदन का पौधा रोपा। कार्यक्रम में हैस्को संस्थापक डा. अनिल जोशी, डॉल्फिन इंस्टीट्यूट के चेयरमैन अरविंद गुप्ता, प्राचार्य डॉ. शैलजा पंत, फॉरेस्ट्री विभाग के हेड डॉ. एसएस विश्वास और डॉ. अरुण कुमार मौजूद थे।
चिपको आंदोलन को किया याद
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने चिपको आंदोलन को पर्यावरण संरक्षण के लिए सशक्त आंदोलन बताते हुए कहा कि जिस प्रकार यह आंदोलन चला, उसी तर्ज पर प्लास्टिक उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण व सड़कों के निर्माण के लिए लोगों को आगे आना होगा।यह भी पढ़ें: विधानसभा सत्र: लोकायुक्त मामले में सरकार का कांग्रेस पर पलटवार
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