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जानिए जेल में बंद जितेंद्र नारायण का क्या ट्वीट हो रहा है वायरल, किस बात की लगा रहे हैं गुहार

जेल में बंद जितेंद्र नारायण त्यागी (पहले का नाम वसीम रिजवी) के ट्विटर हैंडल का एक स्क्रीन शाट इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें त्यागी ने लखनऊ में रहने वाली अपनी पत्नी की हत्या की आशंका जताते हुए मदद की गुहार लगाई है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 23 Jan 2022 11:49 AM (IST)
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जानिए जेल में बंद जितेंद्र नारायण का क्या ट्वीट हो रहा है वायरल। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। भड़काऊ भाषण मामले में हरिद्वार जेल में बंद जितेंद्र नारायण त्यागी (पहले का नाम वसीम रिजवी) के ट्विटर हैंडल का एक स्क्रीन शाट इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें त्यागी ने लखनऊ में रहने वाली अपनी पत्नी की हत्या की आशंका जताते हुए मदद की गुहार लगाई है। ऐसा बताया गया है कि जितेंद्र नारायण त्यागी का ट्विटर एकाउंट चलाने वाले किसी व्यक्ति ने यह ट्वीट किया है। वहीं, जेल प्रशासन ने जितेंद्र नारायण त्यागी की ओर से ऐसी किसी भी शिकायत या गुहार से इन्कार किया है।

शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे ट्वीट के स्क्रीन शाट में जितेंद्र नारायण त्यागी की लखनऊ में रहने वाली पत्नी फरहा फातिमा की जान बचाने की गुहार लगाई गई है। न्याय के लिए अपील करते हुए उनकी पत्नी की ओर से लखनऊ के थाना सआदतगंज के थाना प्रभारी को दिया गया प्रार्थना पत्र भी अपलोड किया गया है। अपील में लिखा है कि कुछ धर्मगुरुओं ने मारपीट कर उनकी पत्नी को घर से निकाल दिया है। लिखा गया है कि इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस का एक एसआइ जैदी भी धर्मगुरुओं का साथ दे रहा है। साथ ही आशंका जताई गई है कि वह फरहा की हत्या भी कर सकते हैं।

इस मामले में शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि इंटरनेट मीडिया से ऐसी जानकारी मिलने पर उन्होंने जितेंद्र नारायण त्यागी की पत्नी से फोन पर बात की। उन्होंने बताया कि कुछ दबंगों ने मारपीट कर उन्हें घर से निकाल दिया। वहीं, हरिद्वार जेल के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य का कहना है कि जितेंद्र नारायण त्यागी की ओर से ऐसी कोई लिखित या मौखिक शिकायत उनसे नहीं की है।

जेल में मुलाकात की बात फर्जी

इस बीच इंटरनेट मीडिया पर यह चर्चा भी हुई कि ट्विटर हैंडल चलाने वाले व्यक्ति ने जेल में जितेंद्र नारायण त्यागी से मुलाकात के बाद यह ट्वीट किया है। लेकिन, वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने इसे पूरी तरह फर्जी बताया है। उनका कहना है कि कोविड गाइडलाइन के चलते बंदियों से मुलाकातें पूरी तरह बंद हैं, जितेंद्र नारायण त्यागी से भी किसी की कोई मुलाकात नहीं हुई है।

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