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ऋषिकेश: अव्यवस्था से नाराज पूर्व काबीना मंत्री मोहन सिंह 'गांववासी' ने बिना इलाज छोड़ा एम्स, व्यवस्था पर उठाए सवाल

पूर्व काबीना मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता मोहन सिंह रावत गांववासी ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश की व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश की अव्यवस्था के चलते उन्हें रात को एम्स छोडऩा पड़ा।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 12 Dec 2021 04:18 PM (IST)
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जानिए क्यों नाराज होकर उत्तराखंड के पूर्व मंत्री ने बिना इलाज छोड़ दिया एम्स अस्पताल।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: पूर्व काबीना मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता मोहन सिंह रावत 'गांववासी' ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश की व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश की अव्यवस्था के चलते उन्हें रात को एम्स छोडऩा पड़ा। एम्स ऋषिकेश की अव्यवस्था के खिलाफ वह केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे।

पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत 'गांववासी' की शनिवार सुबह तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद उनकी पत्नी मुन्नी रावत तथा उनके संबंधियों ने उन्हें एम्स ऋषिकेश पहुंचाया। एम्स में उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया। शनिवार को इंदिरा नगर स्थित अपने परिचित के आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व काबीना मंत्री मोहन ङ्क्षसह रावत ने एम्स की व्यवस्था पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किए जाने के बाद उनके कई परीक्षण किए गए।

चिकित्सकों ने उन्हें सीटी स्कैन की सलाह दी। मगर जब वह सिटी स्कैन के लिए पहुंचे तो वहां उन्हें बताया गया कि सीटी स्कैन की रिपोर्ट तीन दिन से पहले नहीं मिल सकती। उन्होंने सवाल उठाया कि इमरजेंसी में भर्ती मरीज को आखिर तीन दिन बाद रिपोर्ट क्यों दी जा रही है। उन्होंने बताया कि पूरे दिन इमरजेंसी में भर्ती रखने के बाद जब उन्होंने चिकित्सकों से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट करने का आग्रह किया। चिकित्सक की संस्तुति के बावजूद उन्हें एम्स के एक जनरल वार्ड में भर्ती किया गया, जहां 32 बेड के वार्ड में मात्र एक शौचालय था। इस वार्ड में तीमारदार के बैठने के लिए भी स्टूल तक नहीं था।

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उन्होंने कहा कि उन्होंने वार्ड में मौजूद चिकित्सक तथा स्टाफ से भी स्वयं व पत्नी के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्राइवेट कक्ष उपलब्ध कराने की अपील की। मगर, उनके साथ दुव्र्यवहार किया गया। रात 9:00 बजे तक उन्हें जनरल वार्ड के बेड में एक कंबल तक नहीं दिया गया। इतना ही नहीं जब उन्होंने एम्स के सक्षम अधिकारियों से बात करनी चाही तो उनकी ओर से भी कोई रिस्पांस नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश की व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो चुकी है। चिकित्सक, स्टाफ तथा अधिकारी पूरी तरह निरंकुश हो गए हैं। एम्स में पर्याप्त बेड व कक्ष उपलब्ध होने के बावजूद मरीजों को बेवजह उपचार से वंचित किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि इन तमाम व्यवस्था को देखते हुए उन्हें रात्रि 10:00 बजे बिना इलाज कराए एम्स छोडऩा पड़ा। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश को लेकर उत्तराखंडवासियों ने जो सपने देखे थे, कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। एम्स में न तो उत्तराखंड के नौजवानों को रोजगार मिला और ना ही अब उपचार मिल पा रहा है। इस दौरान भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ज्योति सजवाण व नगर निगम पार्षद राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट भी मौजूद रहे।

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