Kolkata Doctor Rape-Murder Case: देवभूमि में उबाल, पहाड़ से मैदान तक सड़कों पर उतरे डॉक्टर; तस्वीरें
Kolkata Doctor Rape-Murder Case कोलकाता के मेडिकल कालेज में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद नृशंस हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने भी शनिवार को देशभर के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में हड़ताल की घोषणा की है। उत्तराखंड में भी सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टर 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Kolkata Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता के मेडिकल कालेज में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद नृशंस हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। देशभर में प्रर्दशन और कैंडल मार्च का दौर जारी है।
घटना के विरोध में देशभर के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर आज शनिवार को कार्य बहिष्कार पर हैं। बता दें कि इडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने भी शनिवार को देशभर के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में हड़ताल की घोषणा की है।
हड़ताल का व्यापक असर उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है। राज्य में भी सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टर 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर हैं।
देहरादूनन में डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते जिला अस्पताल कोरोनेशन और दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की ओपीडी बंद है। वहीं जिला अस्पताल कोरोनेशन से डॉक्टर व स्टाफ ने मार्च निकाला।
ऋषिकेश में एम्स ऋषिकेश में आज पांचवें दिन भी चिकित्सकों की हड़ताल जारी है। वहीं, आज आईएमए ऋषिकेश के बैनर तले निजी अस्पतालों में भी चिकित्सक सामूहिक हड़ताल पर हैं। इससे एम्स के साथ ही अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने की संभावना है।
आईएमए ऋषिकेश के अध्यक्ष डा. हरिओम प्रसाद ने बताया कि कुछ देर में चिकित्सक रैली निकालकर कोलकाता घटना पर अपना रोष जताएंगे। इसके बाद एसडीएम के माध्यम से पीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
हिमालयन विश्वविद्यालय जौली ग्रांट के चिकित्सकों व मेडिकल स्टूडेंट की ओर से कोलकाता प्रकरण को लेकर विरोध मार्च निकाला।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की में भी कोलकाता मामले को लेकर छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार रात कैंडल मार्च निकाला।
सीमांत जनपद उत्तरकाशी में जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी व पीएचसी में ओपीडी सेवा ठप है। शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक डाक्टर व सभी स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान अस्पतालों में ओपीडी व नियमित सर्जरी बंद रहेगी।
छोटे निजी अस्पताल के चिकित्सक भी हड़ताल पर हैं। चिकित्सकों ने कहा कि अस्पतालों को सुरक्षित जोन घोषित किया जाए। ओपीडी सेवा बंद होने और चिकित्सकों के हड़ताल पर रहने से मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।