बदरीनाथ में अलकनंदा से भू-कटाव ने उड़ाई नींद
चमोली जिले के बदरीनाथ धाम में अलकनंदा और उससे लगे बामणी गांव में ऋषिगंगा से हो रहे भू-कटाव ने शासन-प्रशासन की नींद उड़ाई हुई है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 21 Jul 2018 05:10 PM (IST)
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: बदरीनाथ धाम में अलकनंदा और उससे लगे बामणी गांव में ऋषिगंगा से हो रहे भू-कटाव ने शासन-प्रशासन की नींद उड़ाई हुई है। चमोली के डीएम की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि के बाद शासन हरकत में आया है। दोनों नदियों से उत्पन्न खतरे से निबटने के लिए बाढ़ नियंत्रण के तहत कार्य कराए जाएंगे। इसके लिए सिंचाई विभाग ने बदरीनाथ में बाढ़ सुरक्षा के मद्देनजर पुराने कार्यों के जीर्णोद्धार और बामणी में सुरक्षा दीवार बनाने को 3.19 करोड़ की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की है। विभाग के मुताबिक बजट अवमुक्त होते ही पर कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
बदरीनाथ में अलकनंदा नदी के किनारे बाढ़ सुरक्षा के मद्देनजर बनाई गई सुरक्षा दीवार कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। परिणामस्वरूप वहां लगातार भू-कटाव हो रहा है। इसके साथ ही बदरीनाथ से लगे बामणी गांव में ऋषिगंगा से भूमि कटाव के कारण दिक्कतें बढ़ गई हैं। इस सिलसिले में शासन ने चमोली के डीएम से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। इसमें भू-कटाव की रोकथाम को जल्द से जल्द बाढ़ सुरक्षा प्रबंध किए जाने का आग्रह किया गया है।
इसके बाद हरकत में आए शासन ने बाढ़ नियंत्रण के तहत दोनों स्थानों पर कार्य कराने के मद्देनजर सिंचाई विभाग को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता (चमोली, रुद्रप्रयाग व पौड़ी) जयपाल सिंह के अनुसार 319 लाख की डीपीआर तैयार कर ली गई है। इसके तहत बामणी गांव में ऋषिगंगा के किनारे सुरक्षा दीवार का निर्माण और बदरीनाथ में सुरक्षा दीवार का जीर्णोद्धार प्रस्तावित है। यह डीपीआर शासन को जल्द सौंपी जाएगी।
यह भी पढ़ें: केदारनाथ में पांच वर्ष बाद भी तीन कुंडों को नहीं खोज पाई सरकार
यह भी पढ़ें: केदारनाथ आपदा के पांच सालः नए रूप में निखर रहा महादेव का धाम केदारनाथ
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।