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सावधान! उत्तराखंड में सड़कों पर भूस्खलन के 132 हॉटस्पॉट; जान हथेली पर रखकर करें सफर

Landslide in Uttarakhand उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन केंद्र ने अभी तक तक राज्य की सड़कों पर ऐसे 132 भूस्खलन हॉटस्पॉट क्षेत्र चिह्नित किए हैं जिनमें वर्षाकाल के दौरान विशेष निगरानी की आवश्यकता है। राज्य में अन्य संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों की पहचान के लिए भी प्रयास निरंतर जारी हैं। इन क्षेत्रों में कम समय में अधिक वर्षा होने से नुकसान अधिक होने की आशंका बनी रहती है।

By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Published: Wed, 03 Jul 2024 12:30 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 12:30 PM (IST)
Landslide in Uttarakhand: आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड

राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। Landslide in Uttarakhand: आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड की सड़कों पर आए दिन उभर रहे भूस्खलन क्षेत्र चिंता बढ़ा रहे हैं। उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन केंद्र ने अभी तक तक राज्य की सड़कों पर ऐसे 132 भूस्खलन हॉटस्पॉट क्षेत्र चिह्नित किए हैं, जिनमें वर्षाकाल के दौरान विशेष निगरानी की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय राजमार्गों पर इन हॉटस्पॉट की संख्या 95 है, जबकि अन्य सड़कों पर 37। उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन केंद्र की ओर से बीते दिवस मानसून की तैयारियों को लेकर सचिवालय में हुई बैठक में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से यह जानकारी दी गई।

बताया गया कि राज्य में अन्य संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों की पहचान के लिए भी प्रयास निरंतर जारी हैं। कुछ स्थानों पर भूस्खलन न्यूनीकरण के कार्य भी प्रारंभ कर दिए गए हैं।

बनेगा भूस्खलन संवेदनशीलता मानचित्र

राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले भूस्खलन का ब्योरा भी भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन एकत्र कर रहा है। इसके लिए सभी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों को बाकायदा प्रपत्र दिए गए हैं। भूस्खलन का आंकड़ा प्राप्त होने के बाद वर्षा के आंकड़ों के साथ यह भविष्य में उत्तराखंड के भूस्खलन की पूर्व चेतावनी और भूस्खलन की संवेदनशीलता मानचित्र के लिए उपयोगी साबित होगा।

यहां हैं भूस्खलन हॉटस्पॉट क्षेत्र

  • सड़कें, संख्या 
  • राष्ट्रीय राजमार्ग-34, 31
  • राष्ट्रीय राजमार्ग-7, 33
  • राष्ट्रीय राजमार्ग-9, 21
  • राष्ट्रीय राजमार्ग-107, 10
  • अन्य सड़कें, 37

यहां हो रहे भूस्खलन न्यूनीकरण के कार्य

हल्दापानी (चमोली), ग्लोगी (मसूरी), एल-धारा (धारचूला), बलियानाला (नैनीताल), जोशीमठ (चमोली) व बहुगुणानगर (कर्णप्रयाग)।

सड़कों पर जीपीएस से लैस होकर लोनिवि की 45 जेसीबी तैनात

मानसून सीजन के आरंभ से ही देहरादून जिले की सड़कों पर मलबा आने का क्रम शुरू हो गया है। प्रमुख मार्गों से लेकर ग्रामीण मार्गों तक के जगह जगह बाधित होने के खतरा बढ़ गया है। हालांकि, इस बार लोनिवि (राजमार्ग सहित) के अधिकारियों का दावा है कि मानसून सीजन में सड़कों पर आवागमन बहाल रखने के लिए पहले की तैयारी की जा चुकी थी।

वर्तमान में जिलेभर में सड़कों को तत्काल बहाल करने के लिए 45 जेसीबी और अन्य मशीनों को तैनात किया गया है। जिलाधिकारी सोनिका के मुताबिक 37 मशीनें लोनिवि की सड़कों पर, जबकि 08 मशीनें राजमार्ग खंड के अंतर्गत आने वाली सड़कों पर तैनात की गई हैं। सभी मशीनों पर जीपीएस लगाया गया है। ताकि उनके मूवमेंट को भी ट्रैक किया जा सके।

मशीनों की तैनाती भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के दोनों तरफ की गई हैं। ताकि सड़क बाधित होने के तत्काल बाद ही मार्ग को बहाल करने का काम शुरू किया जा सके। लोनिवि के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक राजधानी क्षेत्र में मसूरी रोड के गलोगी के पास के भूस्खलन संभावित क्षेत्र, लंबीधार किमाड़ी रोड और मालदेवता क्षेत्र की सड़कों पर विशेष निगाह रखी जा रही है।

इन क्षेत्रों में कम समय में अधिक वर्षा होने से नुकसान अधिक होने की आशंका बनी रहती है। दूसरी तरफ राजमार्ग खंड देहरादून ने मसूरी-टिहरी रोड और लखवाड़ बैंड क्षेत्र में चौकसी बढ़ाकर मशीनों को तैनात किया है। लोनिवि खंडों ने भेजा प्रारंभिक चरण का प्रस्ताव वर्षा के दौरान सड़कों को बहाल करने के कार्य में बजट की कमी आड़े न आए, इसके लिए लोनिवि के विभिन्न खंडों ने प्रारंभिक चरण के लिए इस्टीमेट बनाकर प्रस्ताव भेज दिए हैं।

माना जा रहा है कि खंडों को फौरी तौर पर 60 लाख से एक करोड़ रुपए के बजट की जरूरत पड़ेगी। ताकि सड़कों को बहाल करने के लिए लगाई गई मशीनें निर्बाध गति से अपना काम करती रहें। सहस्रधारा कार्लीगाड़ मार्ग मलबा आने से बंद जिला आपदा परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के मुताबिक देहरादून जिले में 05 ग्रामीण मार्ग 12 जगह बाधित हो गए हैं। वर्षा के दौरान मलबा आने से यह स्थिति पैदा हुई है।

लोनिवि के संबंधित खंड मार्गों को खोलने की कार्रवाई कर रहे हैं। संभावना है कि देर रात तक मार्गों को बहाल कर दिया जाए। लोनिवि प्रांतीय खंड देहरादून के अंतर्गत आने वाले मार्गों की बात की जाए तो सहस्रधारा कार्लीगाड़ मोटर मार्ग आठ अलग अलग स्थलों पर बाधित हो गया है। इसी तरह लोनिवि अस्थाई खंड चकराता के अंतर्गत अटाल पुल से रोहटा खड्ड और सुनोई से पैनुवा मार्ग दो स्थलों पर, जबकि अस्थाई खंड सहिया का काहरा नेहरा मार्ग और शाहिद सुरेश तोमर मार्ग भी बंद हो गया। सभी बाधित स्थलों पर तत्काल जेसीबी तैनात कर दी गई थी।

दून में बाधित दो राज्य राजमार्ग खोले वर्षा के बीच मलबा आने से चकराता लाखामंडल राज्य राजमार्ग दो जगह बाधित हो गया था। इसी तरह कालसी बैराटखाई मुख्य जिला मार्ग एक जगह पर बाधित हो गया था। लोनिवि की मशीनरी ने तत्परता के साथ दोनों सड़कों के बाधित भाग को बहाल कर दिया है।


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