Scholarship Scam: छात्रवृत्ति घोटाले में 54 पर मुकदमा, 66 संस्थान एसआइटी के राडार पर
छात्रवृत्ति घोटाले में देहरादून और हरिद्वार में 54 शैक्षणिक संस्थानों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज करा चुकी है। वहीं 66 शैक्षणिक संस्थानों में किए गए गोलमाल की जांच अंतिम दौर में है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 14 Dec 2019 06:02 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले में आइपीएस मंजूनाथ टीसी की अगुवाई में गठित एसआइटी देहरादून और हरिद्वार में 54 शैक्षणिक संस्थानों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज करा चुकी है। वहीं, 66 शैक्षणिक संस्थानों में किए गए गोलमाल की जांच अंतिम दौर में है, जिसमें आने वाले दिनों में मुकदमा हो सकता है।
एसआइटी की ओर से शुक्रवार को राजपुर थाने में द्रोणा कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्निकल एजूकेशन विलेज कालागांव, वसंत विहार थाने में इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया मैनेजमेंट ऑफ टेक्नालॉजी इंद्रानगर और सहसपुर थाने में देहरादून इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नालॉजी रांझावाला के प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इन तीनों संस्थानों पर शैक्षणिक सत्र 2012-13 से लेकर 2015-16 के बीच समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति ऐर जनजाति को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में करीब सवा आठ करोड़ रुपये के गोलमाल का आरोप है। देहरादून और हरिद्वार में कुल मिलाकर अब तक 54 संस्थानों पर मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। जबकि 66 के करीब संस्थानों में दी गई छात्रवृत्ति की जांच चल रही है।
एसआइटी प्रभारी संजय गुज्याल ने बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में वह सभी संस्थान राडार पर हैं, जहां छात्रवृत्ति वितरण में गड़बड़ी की गई है। जिन संस्थानों के खिलाफ गड़बड़ी के पर्याप्त साक्ष्य संकलित हो जा रहे हैं, उनके खिलाफ मुकदमे की कार्रवाई की जा रही है।
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दो शिक्षकों के निवास प्रमाण पत्र मिले संदिग्ध
वहीं, रुड़की में दो और शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। लेखपालों ने प्रमाण-पत्रों की जांच की तो दोनों शिक्षकों के निवास स्थान प्रमाण पत्र सही नहीं मिले। अब प्रशासन इन प्रमाण पत्रों को निरस्त करने की तैयारी में है। शासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग में शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। इसी बीच एसआइटी के एसपी मणिकांत मिश्रा ने रुड़की तहसील को दो शिक्षकों के स्थायी प्रमाण पत्र की जांच करने को कहा। दोनों ही शिक्षकों के स्थायी प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत मिली है।
यह भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग का कैंप प्रभारी गिरफ्तारइस पर रुड़की तहसील प्रशासन की ओर से मामले की जांच कराई गई। तहसील प्रशासन के नाजिर अनिल कुमार ने बताया कि जांच में दोनों के निवास पत्र सही नहीं मिले। इस संबंध में एसआइटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि रुड़की तहसील से अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के बाद दोनों शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
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