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उत्‍तराखंड : एक दिन का हो सकता है विधानसभा का मानसून सत्र

कोरोनाकाल में 23 सितंबर से होने वाला विधानसभा का मानसून सत्र एक दिनी हो सकता है। कैबिनेट की बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई।

By Edited By: Updated: Fri, 18 Sep 2020 08:41 AM (IST)
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उत्‍तराखंड : एक दिन का हो सकता है विधानसभा का मानसून सत्र
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोनाकाल में 23 सितंबर से होने वाला विधानसभा का मानसून सत्र एक दिनी हो सकता है। गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में देश के विभिन्न राज्यों के हालिया सत्रों का हवाला देते हुए इस विषय पर चर्चा की गई। ये तय किया गया कि सत्र की अवधि के संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत फैसला लेंगे। इस बीच मुख्यमंत्री रावत और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सचिवालय में विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार का निरीक्षण कर वहां सत्र के आयोजन की संभावनाएं टटोली। उधर, विस अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि मानसून सत्र विधानसभा में होगा या फिर सचिवालय में, इस बारे में एक-दो दिन में निर्णय लिया जाएगा।

कोरोना संक्रमण के निरंतर बढ़ते मामलों की छाया विधानसभा के मानसून सत्र पर साफ नजर आ रही है। सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों के अनुपालन के हिसाब से विधानसभा के सभामंडप में 71 सदस्यों (70 निर्वाचित व एक मनोनीत) के बैठने की व्यवस्था करने को जगह कम पड़ रही है। हालांकि, पत्रकार, दर्शक व अधिकारी दीर्घा तक सभामंडप के विस्तार समेत अन्य कई विकल्पों पर विधानसभा विचार कर रही है। बुजुर्ग विधायकों के साथ ही अन्य विधायकों के भी वर्चुअल आधार पर सत्र से जुड़ने पर जोर दिया जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह चर्चा भी पिछले कई दिनों से चल रही है कि सत्र की अवधि कम हो सकती है।

इस बीच गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में सत्र को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार चर्चा में कोरोनाकाल में अन्य राज्यों बुलाए गए सत्रों का हवाला देते हुए कहा गया कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों ने सत्र की अवधि कम की है। कहा गया कि कोरोना संकट को देखते हुए सुरक्षित शारीरिक दूरी समेत कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन किया जाना है। सूत्रों के मुताबिक ये तय हुआ है कि सत्र की अवधि क्या रखी जाए, इस बारे में मुख्यमंत्री फैसला लेंगे। कहा गया कि विपक्ष को भी मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर हर तरह से मंथन करना चाहिए। इस बात पर भी जोर दिया गया कि 20 से ज्यादा बुजुर्ग विधायकों को सत्र से वर्चुअल आधार पर जोड़ा जाए।

दूसरी ओर, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत गुरुवार शाम को सत्र के मद्देनजर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार का निरीक्षण किया। उन्होंने सत्र के दौरान विधायकों, मंत्रियों, अधिकारियों समेत अन्य व्यक्तियों की सुरक्षा, सुरक्षित शारीरिक दूरी के दृष्टिगत तमाम संभावनाएं तलाशी। इस मौके पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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संपर्क करने पर विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि सचिवालय के सभागार को विकल्प के तौर पर देखा गया है। उन्होंने कहा कि सत्र निर्बाध रूप से चले और किसी को दिक्कत न हो, इस हिसाब से व्यवस्थाएं की जानी हैं। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है।

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