Move to Jagran APP

ऋषिकेश के ढालवाला में घुसा गुलदार, छह घंटे तक अटकी रही सांस

ऋषिकेश क्षेत्र के ढालवाला के बहुगुणा मार्ग पर स्थित आबादी क्षेत्र में एक गुलदार घुस आया। इससे क्षेत्र के लोग दहशत में आ गए।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 04 Jan 2019 08:34 PM (IST)
Hero Image
ऋषिकेश के ढालवाला में घुसा गुलदार, छह घंटे तक अटकी रही सांस
ऋषिकेश, जेएनएन। ऋषिकेश के ढालवाला में सुबह एक गुलदार (तेंदुआ) घनी आबादी के बीच घुस गया। संकरी गलियों से होता हुआ गुलदार एक घर की पांच फीट ऊंची दीवार फांद बाथरूम में जा घुसा। गुलदार के घुसने का पता चलते ही घर के सदस्यों ने मुख्य द्वार बंद कर दिया और छत पर एकत्र हो गए। इस बीच वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई और बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया। बाद में देहरादून से ट्रैंकुलाइजर के साथ विशेषज्ञों की टीम पहुंची। इसके बाद ही गुलदार को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ा जा सका। करीब छह घंटे क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बना रहा।

घटना शुक्रवार प्रात: साढ़े सात बजे की है। ऋषिकेश के ढालावाला क्षेत्र में हेमवती नंदन बहुगुणा मार्ग से सटे भट्ट मोहल्ले की गली में गुलदार के गुर्राने की आवाज सुनाई दी। मोहल्ले की एक बुजुर्ग महिला ने घर से बाहर निकलकर देखा तो सामने गुलदार था। घबराई महिला ने शोर मचाते हुए घर का दरवाजा बंद कर दिया। शोर सुनकर मोहल्ले के अन्य लोग भी गली में आए। 

गुलदार को देख वहां भगदड़ जैसे हालात बन गए। शोर सुनकर गुलदार भी गली में भागते हुए एक मकान की पांच फीट ऊंची दीवार फांद बाहर बने बाथरूम में छिप गया। यह घर सत्य प्रकाश जेठड़ी का है। घर में किरायेदारों के परिवार समेत करीब 15 लोग रहते हैं। जैसे ही परिवार को भान हुआ कि गुलदार घुस आया है। घर का मुख्य द्वार बंद कर सब छत पर आ गए। इस बीच मोहल्ले के अन्य लोग भी घर के दरवाजे बंद कर छत पर जमा हो गए। 

इस बीच पुलिस और वन विभाग की टीम जाल लेकर मौके पर पहुंची। प्रभागीय वनाधिकारी धर्म सिंह मीणा ने बताया कि सबसे पहले टीम ने बाथरूम में घुसे गुलदार को जाल डालकर काबू में करने की कोशिश की, लेकिन जगह तंग होने के कारण यह नहीं हो पाया। ऐसे में बाथरूम का दरवाजा बंद कर देहरादून से गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने के लिए टीम बुलाई गई। 

देहरादून से वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. राकेश नौटियाल और हरिद्वार से डॉ. अमित ध्यानी ट्रैंकुलाइजर गन के साथ मौके पर पहुंचे। बाथरूम से सटे कमरे की दीवार पर ड्रिल मशीन से छेद कर गन के लिए जगह बनाई गई। दोपहर बाद दो बजे गुलदार को ट्रैंकुलाइज किया गया।वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. राकेश नौटियाल ने बताया कि हालांकि मौके पर भीड़ अधिक होने के कारण गुलदार की जांच नहीं की जा सकी है, लेकिन पहली नजर में वह स्वस्थ नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि संभवत: गुलदार भटककर यहां पहुंचा है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू सेंटर में गुलदार का परीक्षण किया जाएगा। 

 यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में साल दर साल बढ़ रहे हैं आदमखोर, इस साल टूटा 13 सालों का रिकॉर्ड

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में जख्म दे रहे है वन्यजीव, मरहम का इंतजार

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।