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ऋषिकेश के नए लक्ष्मण झूला पुल पर दौड़ेंगे हल्‍के वाहन, पढ़िए पूरी खबर

ऋषिकेश में नए झूला पुल में अब हल्के वाहन भी चलेंगे। पुल के दोनों किनारे ढाई-ढाई मीटर कांच के होंगे जो फुटपाथ का काम करेंगे।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 25 Nov 2019 08:43 PM (IST)
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ऋषिकेश के नए लक्ष्मण झूला पुल पर दौड़ेंगे हल्‍के वाहन, पढ़िए पूरी खबर
ऋषिकेश, हरीश तिवारी। लक्ष्मण झूला क्षेत्र में तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां बनने वाले नए झूला पुल में अब हल्के वाहन भी चलेंगे। पुल के दोनों किनारे ढाई-ढाई मीटर कांच के होंगे, जो फुटपाथ का काम करेंगे। जबकि, पुल के दोनों छोर पर लोग केदारनाथ मंदिर के मॉडल के नीचे से होकर गुजरेंगे।

अपनी आयु पूरी कर चुके लक्ष्मण झूला पुल को शासन ने लोनिवि की रिपोर्ट के आधार पर इस वर्ष 12 जुलाई को बंद कर दिया था। इस पुल पर दोनों और गेट लगा दिए गए हैं। अब तक यहां प्रस्तावित नए झूला पुल को सिर्फ पैदल पुल बनाए जाने की तैयारी थी। लेकिन, शासन स्तर पर  गहन मंथन के बाद इसे हल्का वाहन मोटर पुल बनाने की मंजूरी दे दी गई।

लक्ष्मण झूला स्वर्गाश्रम क्षेत्र में जाने के लिए अब तक गरुड़चट्टी पुल और बैराज का रास्ता अपनाया जाता था। लेकिन, भविष्य में लोग लक्ष्मण झूला पुल पर हल्के वाहनों से आवाजाही कर सकेंगे।

कार्यदायी संस्था लोनिवि नरेंद्रनगर खंड के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ खान ने बताया कि लंबी कवायद के बाद इस पुल को झूला पुल के साथ हल्का वाहन पुल बनाने की मंजूरी शासन से मिली है। पुल निर्माण को डिजाइन बनाने के लिए 18 नवंबर को अनुबंध हो चुका है। विभाग के कंसलटेंट पीके चमोली को यह डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बताया कि पूर्व में इस पुल की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर प्रस्तावित थी। अब हल्का वाहन के लिए यह आठ मीटर कर दी गई है। इसी तरह पूर्व में इसकी लंबाई 130 मीटर निर्धारित थी, जिसे अब 135 मीटर किया जा रहा है। पुल की अनुमानित लागत करीब 30 करोड़ रुपये होगी। खास बात यह कि पुल के बीच में चौपहिया, दुपहिया, ठेली आदि चलने की सुविधा होगी। जबकि, दोनों किनारों पर लोग पैदल चलेंगे। बताया कि डिजाइन बनाने के साथ पुल की डीपीआर पर भी साथ में काम जारी रहेगा।

पुल के दोनों द्वार पर केदारनाथ का मॉडल

लक्ष्मण झूला पुल के लिए विभाग ने पुल के दोनों प्रवेश द्वार पर लोहे की जगह आरसीसी के टावर बनाने का निर्णय लिया है। पुराना लक्ष्मण झूला और राम झूला पुल के प्रवेश द्वार लोहे के टावर वाले हैं। नए पुल के प्रवेश द्वार पर आरसीसी के टावर के ऊपर केदारनाथ मंदिर का मॉडल बनाया जाएगा।

दो-लेन पुल पर वन-वे व्यवस्था

लोनिवि की योजना के मुताबिक आठ मीटर चौड़ाई वाले पुल के मध्य भाग में डिवाइडर लगेगा। अधिशासी अभियंता आरिफ मोहम्मद खान के मुताबिक डिवाइडर इसलिए बनाए जा रहा है कि पुल के एक तरफ पैदल जाने और दूसरी तरफ आने का रास्ता उपलब्ध हो सके। इससे पुल पर जाम भी नहीं लगेगा। पुल के दोनों किनारे ढाई-ढाई मीटर के होंगे और बीच का हिस्सा तीन मीटर का। ढाई मीटर के हिस्से 52 एमएम मोटे कांच की होंगे। इस कांच के पैदल रास्ते से लोग गंगा दर्शन भी कर पाएंगे। कांच जामनगर (गुजरात) से मंगवाया जाएगा।

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अब रास्ते में दम नहीं तोड़ेंगे लोग

अब तक गरुड़ चट्टी से लेकर बैराज पुल के बीच कोई हल्का वाहन पुल नहीं है। जबकि, गंगा पार यमकेश्वर प्रखंड के लोग चिकित्सा सुविधा को लेकर पूरी तरह ऋषिकेश पर निर्भर हैं।  सफर लंबा होने के कारण कई बार बीमार रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। लक्ष्मण झूला हल्का वाहन पुल बन जाने से ऋषिकेश की दूरी काफी घट जाएगी। यानी चिकित्सा सुविधा के लिहाज से यह पुल संजीवनी साबित होगा।

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