Uttarakhand Zone List: उत्तराखंड का एक जिला रेड, तो एक ग्रीन जोन में शामिल; जानिए किस जोन में हैं आप
Uttarakhand Zone List नैनीताल जिला एकबार फिर से रेड जोन में आ गया है जबकि ऊधमसिंहनगर को ग्रीन जोन में रखा गया है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 01 Jun 2020 10:06 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। Uttarakhand Zone List प्रदेश सरकार ने जिलों की तीसरे सप्ताह के जोन निर्धारित कर दिए हैं। आशंका के अनुरूप नैनीताल ऑरेंज से फिसलकर रेड जोन में चला गया है। वहीं, ऊधमसिंह नगर ने सैंपलिंग, संक्रमण दर और एक्टिव केस में सुधार कर ऑरेंज से ग्रीन जोन में छलांग लगा दी है। बाकी 11 जिले अभी भी ऑरेंज जोन में ही हैं। हालांकि, इन पर रेड जोन का खतरा लगातार बरकरार है।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार की तरफ से जारी जोनिंग आदेश में कहा गया है कि रविवार को दो बजे तक जारी कोरोना संक्रमण के आंकड़ों के अनुसार जिलों का विश्लेषण किया गया। संक्रमण के आंकड़ों के लिहाज से नैनीताल जिला शनिवार को ही रेड जोन की श्रेणी में आ गया था। रविवार दोपहर तक इसमें और इजाफा हो गया। जोनिंग में सबसे बड़ा सुधार ऊधमसिंह नगर ने किया। यहां एक्टिव केस, कुल संक्रमण व सैंपलिंग की दर ग्रीन जोन के अनुसार पाए जाने पर जिले को ग्रीन श्रेणी में डाल दिया गया। शेष 11 जिलों में एक साथ तीन मानक ग्रीन श्रेणी के न होने के चलते उनका ऑरेंज जोन बरकरार रखा गया है। हालांकि, संक्रमण दर के लिहाज से टिहरी सबसे अधिक तेजी से रेड जोन की तरफ बढ़ता दिख रहा है। वहीं, देहरादून को मृत्यु दर के लिहाज से रेड जोन में जाने का भय सता रहा है।
जोन की कसौटी पर जिले
- सैंपलिंग दर: देहरादून, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार व नैनीताल में ग्रीन जोन व शेष में ऑरेंज जोन के अनुरूप सैंपलिंग दर।
- संक्रमण दर: टिहरी ने रेड जोन को पार किया। नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल रेड जोन
- डबलिंग दर: कोई भी जिला मानक पूरा नहीं करता।
- प्रति लाख जनसंख्या पर एक्टिव केस: नैनीताल जिले ने रेड जोन का आंकड़ा पार, देहरादून व पिथौरागढ़ खतरे के करीब।
- कुल एक्टिव केस: नैनीताल ने खतरे के लाल निशान को पार किया। दून इसके करीब।
- मृत्यु दर: देहरादून को छोड़कर बाकी पर रेड श्रेणी का अभी खतरा नहीं।
रेड जोन से आने वालों के हाथों पर लगेगी अमिट मुहर
अब रेड जोन क्षेत्र से ट्रेन के जरिये आने वाले यात्रियों के हाथ पर संस्थागत क्वारंटाइन के संबंध में पक्की स्याही से अमिट मुहर लगाई जाएगी। इसमें इनके 14 दिन के क्वारंटाइन का जिक्र किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने ट्रेन से आने-जाने वालों के लिए मानक निर्धारण प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसके अनुसार आयुक्त व आइजी गढ़वाल व कुमाऊं को अपने-अपने मंडलों में रेलवे से समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिलाधिकारियों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को जिला नोडल अधिकारी बनाया गया है।
रविवार को शासन ने ट्रेन से आने-जाने वाले यात्रियों के संबंध में एसओपी जारी की। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जिला प्रशासन चिह्नित रेलवे स्टेशनों में लाइजन ऑफिसर्स की तैनाती करेंगे, जिसमें स्वास्थ्य विभाग का एक अधिकारी भी शामिल रहेगा। इसके अलावा हर स्टेशन पर हेल्प डेस्क बनाई जाएगी। यह डेस्क आने वाले सभी यात्रियों की शारीरिक दूरी के मानकों के साथ थर्मल स्केनिंग व अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करेगी। डेस्क आने वाले यात्रियों के नाम व पते समेत सभी सूचनाएं भी एकत्र करेगी। रेड जोन से आने वाले सभी यात्रियों के उल्टे हाथ पर अमिट स्याही से स्टांप लगाया जाएगा। इसमें 'प्राउड टू प्रोटेक्ट उत्तराखंड-इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन' अंकित होगा। प्रदेश के नोडल अधिकारी ट्रेन के प्रारंभिक स्टेशन में यात्रियों की स्क्रीनिंग करना सुनिश्चित कराएंगे। जिला नोडल अधिकारी इन आने-जाने वाले यात्रियों के वाहन की व्यवस्था करेंगे। इस दौरान रेलवे स्टेशनों में आपात स्थिति के लिए स्वास्थ्य टीमों को भी तैनात किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन से आने वाले यात्रियों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें: Lockdown: 12 घंटे दुकानें खुलने की रियायत के बाद भी चार बजे ही बंद हो गए बाजारआवश्यक कार्यों, व्यापार के सिलसिले और तकनीकी विशेषज्ञों को निर्धारित क्वारंटाइन केंद्रों में रहना होगा। उन्हें केवल कार्यस्थल से आने-जाने की छूट रहेगी। वे 14 दिन की क्वारंटाइन शर्त से मुक्त रहेंगे। काम समाप्त होने के पश्चात उन्हें गृह जिलों को वापस जाना होगा।
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