Uttarakhand Coronavirus Update कोरोना से नहीं हुई एम्स ऋषिकेश में भर्ती महिला की मौत
एम्स में भर्ती लालकुआं हल्द्वानी नैनीताल निवासी महिला की मौत कोविड-19 से नहीं बल्कि सीवियर स्ट्रोक और अन्य कारणों से हुई है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 01 May 2020 10:38 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में पांच दिन पहले कोरोना संक्रमित पाई गई महिला की मौत हो गई। एम्स प्रशासन का कहना है कि महिला की मौत कोराना से नहीं, बल्कि ब्रेन अटैक से हुई है। इधर, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने भी एम्स प्रशासन की रिपोर्ट के हवाले से स्पष्ट किया कि महिला की मौत कोरोना से नहीं हुई। बहरहाल, प्रदेश में कोरोना संक्रमित किसी मरीज की यह पहली मौत है। कोविड-19 को लेकर सरकार के स्तर से जारी दिशा-निर्देशों के तहत शव बगैर पोस्टमार्टम के स्वजनों को सौंपा गया है।
एम्स के डीन (हॉस्पिटल प्रशासन) प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने नैनीताल जिले के लालकुआं हल्द्वानी निवासी 56 वर्षीय महिला को 22 अप्रैल को एम्स में भर्ती कराया गया था। ब्रेन अटैक के चलते महिला की तबीयत दो मार्च से खराब चल रही थी। एम्स से पहले उसका हल्द्वानी और बरेली के तीन अस्पतालों में इलाज चला। एम्स में वह न्यूरोलॉजी ब्लाक की आइसीयू में भर्ती थी। शुक्रवार की सुबह छह बजकर 48 मिनट पर महिला ने दम तोड़ दिया।
इस संबंध में एम्स के निदेशक प्रो रविकांत ने बताया कि 22 अप्रैल को महिला को जब अस्पताल लाया गया था, वह ब्रेन स्ट्रोक से ग्रसित थी। इस बीच महिला की कोरोना जांच भी कराई गई, जिसमें वह पॉजिटिव पाई गईं। लेकिन, महिला की मौत की वजह ब्रेन ब्लिड (दिमाग में रक्तस्राव)रही। प्रो रविकांत ने बताया कि उच्च रक्तचाप की वजह से हुए ब्रेन अटैक के कारण महिला के ब्रेन के ऐसे हिस्से में, जहां से शरीर का सारा सिस्टम कंट्रोल होता है, रक्तस्राव की समस्या थी। इसकी वजह से ही उसकी मौत हुई है। महिला कोरोना पॉजिटिव थी, पर उसे सबसे बड़ी समस्या उच्च रक्तचाप के कारण हुए रक्तस्राव थी। साथ ही उसे निमोनिया व यूरिन इन्फेक्शन भी था। गंभीर बीमारियों और अधिक उम्र की वजह से शुक्रवार को उसकी मृत्यु हो गई।
एम्स में कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ मधुर उनियाल के मुताबिक एम्स में भर्ती किए जाने के वक्त महिला के फेफड़े और ब्रेन फेलियर की स्थिति में थे। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। उनके शरीर में सेप्टीसीमिया भी पैदा हो गया था। साथ ही अन्य ऑर्गन भी फेल हो गए थे। जिसकी वजह से महिला की मौत हुई। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम का प्रावधान नहीं है।
अंत्येष्टि का विरोध करने वालों को पुलिस ने खदेड़ा
मुक्तिधाम चंद्रेश्वर नगर में महिला की अंत्येष्टि की सूचना पर कुछ लोगों ने वहां पहुंचकर श्मशान घाट पर ताला जड़ दिया। अब आबादी से हटकर गंगा तट पर संस्कार करने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ा और अपनी मौजूदगी में अंतिम संस्कार संपन्न कराया।वहीं, ऊधमसिंहनगर जिले में कोरोना संक्रमण के मामले फिर यकायक बढ़ने लगे हैं। बाजपुर निवासी एक ट्रक ड्राइवर के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद बीते रोज फिर दो लोग संक्रमित पाए गए। पिछले दो दिन के भीतर ऊधमसिंहनगर में कोरोना के तीन मामले आ चुके हैं। बता दें, प्रदेश में अब तक 57 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें 36 ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में उत्तराखंड में 21 एक्टिव केस हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने बताया कि बीते रोज 553 सैंपल की रिपोर्ट मिली है। जिनमें 551 की रिपोर्ट निगेटिव व दो केस पॉजिटिव हैं। कोरोना संक्रमित दोनों युवक सोमेश्वर, अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। बताया कि बुधवार को बाहर से आए कुल पांच लोगों को रामपुर बार्डर पर रोका गया था। यह सभी श्रमिक हैं और अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक के अनुसार यह लोग महाराष्ट्र व दिल्ली से वापस घर लौट रहे थे। बाहर से आने के कारण पुलिस ने इन्हें जिला अस्पताल स्वास्थ्य जांच के लिए भेज दिया था, जहां से इनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया।
बीते रोज इनमें दो की रिपोर्ट पॉजिटिव, जबकि तीन की निगेटिव आई है। उधर, कोरोना संक्रमिक बाजपुर निवासी ट्रक ड्राइवर की पत्नी को भी जिला अस्पताल में आइसोलेट किया गया है। जिसकी जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है।उन्होंने बताया कि प्रदेश में 36 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इस मुताबिक प्रदेश में रिकवरी रेट 63.16 प्रतिशत है, जबकि मामले डबल होने की दर भी 25 दिन है। एक अच्छी बात यह भी है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण दर लगातार नीचे जा रही है। वर्तमान में यह 0.92 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि हाल में 15,470 लोगों को होम क्वारंटाइन, जबकि 2221 लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन किया गया है। बीते रोज 147 और सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
इनमें सर्वाधिक 38 सैंपल जिला ऊधमसिंहनगर से हैं, जबकि देहरादून व नैनीताल से 37-37, हरिद्वार से 14, अल्मोड़ा व उत्तरकाशी से दस-दस और रुद्रप्रयाग से एक सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। वहीं निजी लैब में भी अभी 31 सैंपल की जांच होनी है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में जांच शुरू होने के बाद अब इसमें और तेजी आएगी।
coronavirus: एम्स निदेशक बोले, नर्स से नहीं तीमारदार और मरीज से हुआ कोरोना संक्रमणतीन लाख पहुंचा देहरादून में कम्युनिटी सर्विलांस का आंकड़ाकोरोना संक्रमण जैसे लक्षण वाले लोगों की पहचान के लिए किया जा रहा कम्युनिटी सर्विलांस दूसरे चरण में है। बीते रोज इस का ग्राफ दो लाख 93 हजार से अधिक लोगों तक पहुंच गया है। निरंतर राहत की यह भी बात है कि इस सर्वे में गुरुवार को कोई भी संदिग्ध लक्षण वाला व्यक्ति नहीं मिला। औचक रूप से 43 टीमों ने 253 लोगों से फोन पर भी बात की। पता चला कि उनमें खांसी-जुकाम के लक्षण नहीं हैं और उनका सर्वे पहले भी किया जा चुका है।
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