विज्ञान का आधार है तर्क और विश्लेषण, देश-दुनिया को नवाचार की जरूरत Dehradun News
डॉ. सीएस नौटियाल ने कहा कि विज्ञान का आधार तर्क और विश्लेषण है। आज देश-दुनिया को नवाचार की जरूरत है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 17 Aug 2019 09:22 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सीएस नौटियाल ने कहा कि विज्ञान का आधार तर्क और विश्लेषण है। आज देश-दुनिया को नवाचार की जरूरत है। विज्ञान के समक्ष वैश्विक चुनौतियां हैं। जिनका सामना करने के लिए हमें युवा शक्ति को गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा के प्रति अधिक जवाबदेही बनाना होगा। यह बात उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि डीबीएस कॉलेज की सोशल साइंसेज एंड ह्यूमेनिटीज सेल की कार्यशाला के उद्घाटन मौके पर कही।
यूकॉस्ट और टीएचडीसी-सेवा की ओर से संयुक्त रूप से तीन दिवसीय कार्यशाला ओल्ड मसूरी रोड स्थित सहकारी प्रबंध संस्थान में शनिवार से शुरू हुई। कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि पूर्व राज्य मंत्री विवेकानंद खंडूरी ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला निरंतर होती रहनी चाहिए। सरकार और अन्य संस्थाएं ऐसी कार्यशालाओं को निरंतर प्रोत्साहित करती हैं और अनुदान प्रदान करती हैं। कार्यशाला में विशेष अतिथि हिमालय ड्रग्स कंपनी के अध्यक्ष डॉ. एस फारूख ने कहा कि विज्ञान और मानविकी के विषयों में निरंतर अनुसंधान होते रहना चाहिए। वर्तमान समय में सामाजिक अभियांत्रिकी की आवश्यकता है। गढ़वाल विवि के अर्थशास्त्र के पूर्व प्रोफेसर डॉ. आरआर नौटियाल ने कहा कि वर्तमान में डाटा विश्लेषण की आवश्यकता है। यह भी जानना आवश्यक है कि हमें किस प्रकार के तथ्यों में किस प्रकार के टूल की आवश्यकता होगी। कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन डॉ. अजय चौहान ने तीन दिन के कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यशाला की संयोजक राजलक्ष्मी दत्ता ने आए हुए सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रथम दिवस की कार्यशाला का संचालन डॉ. परितोष सिंह ने किया। इस मौके पर डीबीएस के शिक्षक डॉ. दीपक कुमार, कमल बिष्ट, डॉ. बीएस रावत, अमित चौहान, पूनम सेमवाल समेत शोध छात्र उपस्थित रहे।
छह राज्यों के प्रतिभागी रखेंगे विचार
तीन दिवसीय कार्यशाला में केरल, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। जिसमें डाटा साइंस यूज के बारे में अपने-अपने विचार व्यक्त करेंगे और नवाचार के बारे में टिप्स लेंगे।
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