उत्तराखंड की हाई प्रोफाइल सीटों को लेकर कांग्रेस में सस्पेंस, राहुल की मौजूदगी से ही सुलझेगा मामला; कहां फंसा है पेंच
Lok Sabha Election 2024 उत्तराखंड की दो हाई प्रोफाइल सीटों पर कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। हरिद्वार और नैनीताल- ऊधमसिंह नगर सीटों पर फंसा पेंच अब राहुल गांधी की मौजूदगी में ही सुलझेगा। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में ही प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लग सकेगी। 18 या 19 मार्च को प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। हरिद्वार और नैनीताल- ऊधमसिंह नगर सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा अब कुछ दिनों के लिए टल गई है। दोनों सीटों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर पार्टी नेतृत्व को मशक्कत करनी पड़ रही है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में ही प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लग सकेगी। 18 या 19 मार्च को प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं।
कांग्रेस उत्तराखंड की इन दोनों सीटों पर अपनी संभावनाओं को बेहतर आंक रही है। भाजपा प्रदेश की सभी पांचों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। ऐसे में प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी पर भी इस मामले में दबाव बढ़ गया है। पार्टी जातीय गणित के साथ ही मुस्लिम मतदाताओं से भी उम्मीद बांधे हुए है।
टिकट के समीकरण उलझे
प्रयास ये किया जा रहा है कि नैनीताल-ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार की सीटों पर दमदार प्रत्याशी उतारे जाएं। ऐसे में पार्टी के भीतर कई नेताओं की दावेदारी सामने आने से टिकट के समीकरण भी उलझ गए हैं। हरिद्वार सीट पर कड़े संघर्ष को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को ही प्रत्याशी बनाने पर बल दिया जा रहा है। यद्यपि, स्वयं हरीश रावत अपने पुत्र वीरेंद्र रावत के लिए टिकट की पैरवी कर रहे हैं।दिल्ली में हैं हरीश रावत
इस समय हरीश रावत दिल्ली में ही हैं। दिल्ली में शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं अन्य शीर्ष नेताओं के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और हरीश रावत की बैठक टल गई है।
राहुल गांधी की उपस्थिति में होगा अंतिम फैसला
बताया जा रहा है कि अब यह बैठक राहुल गांधी की न्याय यात्रा के मुंबई में समापन कार्यक्रम के बाद ही होगी। प्रदेश की दो सीटों पर प्रत्याशियों पर निर्णय के लिए बैठक में राहुल भी उपस्थित रहेंगे। नैनीताल-ऊधमसिंहनगर सीट पर प्रत्याशी चयन में स्थानीय समीकरणों को साधने पर अधिक ध्यान है।यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: महासमर के शंखनाद में बस कुछ घंटे, जानें 2019 में उत्तराखंड में कब-कब हुई थी वोटिंग
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