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Lok Sabha Election 2024 Result: मुख्‍यमंत्री धामी समेत उत्‍तराखंड के नए चेहरों की रही धमक, कांग्रेस ने भी लगाया पूरा जोर

Lok Sabha Election 2024 Result सत्ता पक्ष की बात करें तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में लोकसभा का यह पहला चुनाव था। मुख्यमंत्री धामी तो चुनाव की घोषणा के काफी पहले ही मैदान में डट गए थे। वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में भी यह पहला चुनाव लड़ा गया।

By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 01 Jun 2024 10:24 AM (IST)
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Lok Sabha Election 2024 Result: प्रदेश के नए चेहरों की रही धमक

केदार दत्त, जागरण देहरादून। Lok Sabha Election 2024 Result: लोकसभा की पांच सीटों वाले उत्तराखंड में मतदान पहले चरण में हुआ और राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार को सीमित समय ही मिला, लेकिन इस दौरान स्टार प्रचारक की भूमिका में प्रदेश के नए चेहरों की धमक भी रही।

सत्ता पक्ष की बात करें तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में लोकसभा का यह पहला चुनाव था। मुख्यमंत्री धामी तो चुनाव की घोषणा के काफी पहले ही मैदान में डट गए थे। दो माह के दौरान उन्होंने राज्य के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में 109 जनसभाएं व रोड शो किए। पार्टी ने अन्य राज्यों में भी उनका भरपूर उपयोग किया।

अध्यक्ष भट्ट ने 23 विधानसभा क्षेत्रों का जिम्मा संभाला

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने मुख्य रूप से उन 23 विधानसभा क्षेत्रों का जिम्मा संभाला, जिनमें पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को सफलता नहीं मिल पाई थी। वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में भी यह पहला चुनाव लड़ा गया। वह भी कांग्रेस के स्टार प्रचारक के रूप में लगभग सभी सीटों पर सक्रिय रहे।

माहरा ने प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में तीन-तीन दिन बिताए और 60 से ज्यादा सभाओं को संबोधित किया। भाजपा और कांग्रेस के इन नेताओं की मेहनत का क्या प्रतिफल सामने आता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। चार जून को मतगणना के बाद इसे लेकर तस्वीर साफ हो सकेगी।

धामी ने उत्तराखंड ही नहीं, अन्य राज्यों में भी संभाला मोर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस लोकसभा चुनाव से एक बड़े चेहरे के तौर पर उभरे हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही मुख्यमंत्री धामी राज्य में माहौल बनाने में जुट गए थे। उन्होंने सभी जिलों में मातृशक्ति वंदन कार्यक्रमों से इसकी शुरुआत की, जिनमें भीड़ भी खूब उमड़ी। साथ ही विभिन्न स्थानों पर रोड शो किए। चुनाव की घोषणा होने पर भाजपा ने उन्हें स्वाभाविक रूप से स्टार प्रचारकों की सूची में रखा।

मुख्यमंत्री अपनी इस भूमिका में निरंतर सक्रिय नजर आए। बात चाहे पार्टी प्रत्याशियों के नामांकन में शामिल होने की रही हो या फिर उनके समर्थन में आयोजित रैलियों, सभाओं व रोड शो की, सभी में वह सक्रिय रहे। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी के केंद्रीय नेताओं के चुनाव प्रचार के दौरान 42 कार्यक्रम हुए, जबकि मुख्यमंत्री ने अकेले ही 68 कार्यक्रम किए।

इसमें एक अप्रैल के पहले के चुनावी दृष्टि से हुए 41 कार्यक्रम भी जो दें तो यह संख्या 109 है। केंद्रीय नेताओं की सभाओं में वह स्वाभाविक रूप से उपस्थित रहे। यही नहीं, अपने दूसरे कार्यकाल में दो साल के भीतर ही लिए गए तमाम ऐतिहासिक निर्णयों के चलते पार्टी ने उन्हें अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार के मोर्चे पर लगाया। राज्य में 19 अप्रैल को मतदान संपन्न होने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, तेलंगाना, बंगाल, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश में भी ताबड़तोड़ 95 बड़ी सभाएं व रोड शो किए।

कसौटी पर रहेगा भट्ट का चुनाव कौशल

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के पार्टी की बागडोर संभालने के बाद विधानसभा की चंपावत सीट के उपचुनाव के अलावा हरिद्वार जिले के पंचायत चुनावों में भाजपा को सफलता मिली। ऐसे में लोकसभा चुनाव में उनका रणनीतिक कौशल कसौटी पर रहेगा।

इसे देखते हुए भट्ट ने प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते राज्य में विधानसभा की उन 23 सीटों की जिम्मेदारी ली, जिनमें पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने इन विस क्षेत्रों में बूथ प्रबंधन से लेकर अन्य विषयों पर निरंतर बैठकें व सभाएं की। साथ ही अन्य 47 विस क्षेत्रों में भी जनसभाएं और रोड शो किए। बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक को भाजपा के पाले में खींचने में भी उनकी अहम भूमिका रही।

कांग्रेस के चुनाव अभियान को गति देने में जुटे रहे माहरा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व विधायक करन माहरा ने बतौर स्टार प्रचारक अपनी जिम्मेदारी निभाने में कहीं कोई कसर नहीं छोड़ी। यह इसलिए भी स्वाभाविक था, क्योंकि उनके नेतृत्व में पार्टी ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा।

लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के दृष्टिगत उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर रैली व यात्राएं निकालीं, रोड शो किए। इस दौरान उनके निशाने पर प्रदेश व केंद्र की सरकारों के साथ ही भाजपा रही। लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान को गति देने के मद्देनजर वह प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में तीन-तीन दिन का प्रवास कर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में जुटे रहे। इस दौरान उन्होंने पांचों लोकसभा क्षेत्रों में 60 से ज्यादा छोटी-बड़ी सभाओं को संबोधित किया।

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