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Lok Sabha Election: कांग्रेस ने उत्तराखंड में किया बड़ा उलटफेर का दावा, मतदान में कमी बताई बड़ी वजह

लोकसभा के चुनावी रण में उत्तराखंड की पांच सीटों पर अधिकतर एक्जिट पोल ने कांग्रेस की झोली भले ही खाली रखी हो लेकिन कांग्रेस उलटफेर की उम्मीदें संजोये हुए हैं। प्रदेश में 30 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने जिस प्रकार हर चुनाव में कांग्रेस पर विश्वास बनाए रखा है और इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान में कमी आई उसे पार्टी अपने लिए बेहतर परिणाम में आंक रही है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Published: Mon, 03 Jun 2024 09:47 AM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2024 09:47 AM (IST)
कांग्रेस ने उत्तराखंड में किया बड़ा उलटफेर का दावा, मतदान में कमी बताई बड़ी वजह

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। लोकसभा के चुनावी रण में उत्तराखंड की पांच सीटों पर अधिकतर एक्जिट पोल ने कांग्रेस की झोली भले ही खाली रखी हो, लेकिन कांग्रेस उलटफेर की उम्मीदें संजोये हुए हैं। प्रदेश में 30 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने जिस प्रकार हर चुनाव में कांग्रेस पर विश्वास बनाए रखा है और इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान में कमी आई, उसे पार्टी अपने लिए बेहतर परिणाम के रूप में आंक रही है।

पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ी जातियों के मत का बड़ा हिस्सा पार्टी की झोली में आया है। चार जून को चुनाव परिणाम की घोषणा पार्टी के लिए शुभ साबित होने जा रही है। प्रदेश में अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर कांग्रेस लंबे समय से भरोसा करती आई है। अब तक जितने भी लोकसभा चुनाव रहे हों या विधानसभा के चुनाव, कांग्रेस ने मतदाताओं के बड़े हिस्से पर अपनी पकड़ साबित की है।

यह बात अलग है कि राज्य में पिछले चार लोकसभा चुनाव में मतों के मामले में कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका वर्ष 2019 में लगा था। वर्ष 2004 के चुनाव में कांग्रेस को 38.31 प्रतिशत, वर्ष 2009 में 43.13 प्रतिशत, वर्ष 2014 में 34.40 प्रतिशत और वर्ष 2019 में 31.73 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। इन सभी मत प्रतिशत में अल्पसंख्यक विशेष रूप से मुस्लिम के साथ अनुसूचित जाति के मतों की संख्या अच्छी-खासी मानी जाती है।

अल्पसंख्यक समुदाय विशेष रूप से मुस्लिम, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ी जातियों का गठजोड़ हरिद्वार और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की हार-जीत तय करने में बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं। इन दोनों सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है। प्रदेश में मतदान का ग्राफ नीचे तो गिरा, लेकिन अल्पसंख्यक बहुल विधानसभा क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक मतदान हुआ है। मतदाताओं के इस व्यवहार ने ही कांग्रेस के विश्वास को नया संबल भी दिया।

कांग्रेस के पक्ष में रहेंगे चुनाव परिणाम

करन माहरा इसी प्रकार गढ़वाल संसदीय सीट में रामनगर और कोटद्वार में मुस्लिम मतदाता अच्छी संख्या में हैं। अनुसूचित जाति की संख्या भी लगभग 22 प्रतिशत मानी जाती है। अल्पसंख्यक और जातीय समीकरण के आधार पर कांग्रेस को भरोसा है कि गढ़वाल संसदीय सीट पर उसका प्रदर्शन अच्छा रहेगा।

इसी भरोसे के कारण कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को गढ़वाल सीट के अंतर्गत रामनगर और हरिद्वार में रुड़की में चुनाव प्रचार के लिए बुलाया गया। कांग्रेस इसी कारण विशेष रूप से हरिद्वार और गढ़वाल सीट पर बेहतर चुनाव परिणाम मिलने की आशा कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि चार जून को चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहेंगे। पार्टी बेहतर प्रदर्शन करने जा रही है।


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