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आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए बनाई जाए दीर्घकालीन योजनाएं

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 16 Sep 2019 07:38 PM (IST)
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आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए बनाई जाए दीर्घकालीन योजनाएं
देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि रेवेन्यू प्राप्ति की संभावना वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर उनपर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। कर चोरी को रोकने के लिए एनफोर्समेंट को मजबूत किया जाए। समस्त फाईनेंसियल सिस्टम को ऑनलाइन किया जाए। साथ ही कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए वित्त और कार्मिक विभाग संयुक्त रूप से एक प्रकोष्ठ बनाया जाए। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सचिवालय में वित्त और नियोजन विभाग की सीएम डेशबोर्ड उत्कर्ष' में केपीआई के आधार पर समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने कहा कि योजनाओं की समीक्षा आउटकम आधारित हो। फंड की पार्किंग न हो। मार्च माह में खर्च करने की प्रवृत्ति को रोका जाए। टाइम ओवर रन और कोस्ट ओवर रन को रोकने के लिए योजनाओं को समय पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा, टैक्स और जीडीपी के अनुपात को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए इस तरह की योजना बनाई जाए कि आम जनता पर बिना बोझ डाले राज्य की आय को बढ़ाया जा सके। टैक्स सिस्टम में व्याप्त छिद्रों को बंद करने पर फोकस किया जाए। पिछले कुछ समय में इसमें अच्छा काम किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए रजिस्ट्री के समय ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। हाई वैल्यु स्पॉट का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। फर्मों और सोसायटी के रजिस्ट्रीकरण या नवीनीकरण के समय आपत्तियां एक बार में ही बता दी जाएं। राज्य सरकार की सभी योजनाओं को यथासंभव डीबीटी पर लाया जाए। 

बैठक में सचिव अमित नेगी ने बताया कि इस साल अप्रैल से अगस्त की अवधि में जीएसटी और वैट संग्रहण 4415 करोड़ रुपए रहा और एनफोर्समेंट की संख्या 373122 रही। जबकि पिछले साल इसी अवधि में जीएसटी और वैट संग्रहण 3697 करोड़ रुपए रहा था और एनफोर्समेंट की संख्या 276881 थी। स्टाम्प रेवेन्यू कलैक्शन इस साल अप्रैल से अगस्त की अवधि में 466 करोड़ रुपए थी और पिछले साल इसी अवधि में 446 करोड़ रुपए थी। 

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड डीबीटी को लागू करने वाले अग्रणी राज्यों में है। राज्य के डीबीटी पोर्टल को डीबीटी भारत पोर्टल से जोड़ा गया है। 108 केंद्र प्रवर्तित स्किम के साथ 114 राज्य की स्किमों को भी डीबीटी भारत पोर्टल पर ऑन बोर्ड किया गया है। ऑनलाइन ऑडिट की व्यवस्था लागू की गई है। फर्मो और सोसायटी के रजिस्ट्रीकरण और नवीनीकरण को भी ऑनलाइन किया गया है।

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1659 जीएसटी मित्रों को प्रशिक्षित किया गया है। ट्रेजरी, बजटिंग और अकाउंटिंग का समन्वित सिस्टम बनाया गया है। इसे पेपरलैस बना दिया गया है। उत्तराखंड पहला राज्य होगा जहां कि जीआइएस आधारित सर्किल रेट सिस्टम बनाया जा रहा है।  

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