इस दिन योग निद्रा से उठेंगे भगवान विष्णु, शुरू हो जाएंगे मांगलिक कार्य
मान्यतानुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को योग निद्रा से उठने के बाद ही शुभ मुहूर्त में मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 04 Nov 2019 08:34 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। देवउठनी (देवोत्थान) एकादशी आठ नवंबर से शुरू हो रही है, जिससेविवाह, मुंडन, ग्रहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य भी आरंभ हो जाएंगे। मान्यतानुसार देवशयनी एकादशी के तहत 12 जुलाई से चार महीने के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। जिसके चलते चार महीने तक मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसके बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को योग निद्रा से उठने के बाद ही शुभ मुहूर्त में मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं।
पंडित सुभाष जोशी ने बताया कि देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु के साथ ही सभी देवताओं की आराधना की जाती है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी के साथ ही देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सुख समृद्धि के लिए व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना का विधान है। इसी दिन यानि देवशयनी एकादशी 12 जुलाई से मांगलिक कार्यो पर लगा चार महीने का बेरियर भी हट जाता है। जिसके चलते विवाह, मुंडन आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।
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12 दिसंबर तक शादी का शुभ मुहूर्तआचार्य संतोष खंडूड़ी के अनुसार सृष्टि के पालक भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से देवउठनी एकादशी को उठते हैं। उन्होंने बताया कि चार महीने के बाद नवंबर माह में 8, 9, 10, 14, 18, 22, 23, 24 और 30 नवंबर को शादी के शुभ मुहूर्त हैं। वहीं दिसंबर में 5, 6, 11, 12 तारीख को शादी, ग्रह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। मान्यता के अनुसार देवश्यनी एकादशी 12 जुलाई से चार महीने के लिए भगवान विष्णु योग निंद्रा में चले जाते हैं। जिसके चलते चार महीने तक मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते है। इसके बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को योग निद्रा से उठने के बाद ही शुभ मुहूर्त में मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं।
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