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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का कारनामा, प्रश्न पत्र में कई त्रुटियां

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में एमए राजनीतिक विज्ञान अंतिम वर्ष के चौथे पेपर में कई तरह की गलतियां देखने को मिली हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 15 May 2019 07:18 PM (IST)
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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का कारनामा, प्रश्न पत्र में कई त्रुटियां
देहरादून, जेएनएन। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा तो दूर, महत्वपूर्ण वार्षिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र तैयार करने में भी घोर लापरवाही बरती जा रही है। विवि परीक्षा प्रबंधन की ओर से की गई लापरवाही का एक उदाहरण एमए की परीक्षा में देखने को मिला। मंगलवार को एमए राजनीतिक विज्ञान अंतिम वर्ष के चौथे पेपर में न केवल अंग्रेजी और हिंदी के वाक्यों में गलतियां मिलीं, बल्कि प्रश्न पत्र में यह भी अंकित नहीं था कि दिए गए कुल 10 प्रश्नों में से कितने हल करने हैं। या सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। 

'मॉडल इंडियन पॉलिटिकल थॉट' नाम के इस प्रश्न पत्र में प्रारंभ से लेकर अंतिम तक गलतियों की भरमार है। प्रश्न पत्र में पहला और दूसरा प्रश्न एक जैसा है। पहला प्रश्न है कि 'पाश्चात्य संपर्क का आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन पर पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन कीजिए'। जबकि दूसरा प्रश्न 'आधुनिक भारत के राजनीतिक चिंतन की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।' दोनों प्रश्नों का आशय एक ही है। 

प्रश्न पत्र के सभी प्रश्न हिन्दी और अंग्रेजी में पूछे गए हैं। जैसे आधुनिक को मॉर्डन कहा जाता है, मगर प्रश्नपत्र में मेडर छापा गया है। प्रश्न नंबर तीन में 'रचना' को रजचना लिखा गया है। इसके अलावा भी प्रश्न पत्र में कई लिपिकीय त्रुटियां हैं। विदित रहे कि राज्य के सभी 103 राजकीय महाविद्यालय श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध हैं। इसके अलावा कई अन्य निजी कॉलेज की मान्यता भी श्रीदेव सुमन विवि से है।                 

पेपर सेटर को ब्लैक लिस्ट किया 

जानकारी मिलने के तत्काल बाद विवि के कुलपति डॉ. यूएस रावत ने विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. दिनेश चंद्र को तलब कर संबंधित प्रश्नपत्र के बारे में रिपोर्ट मांगी। डॉ.यूएस रावत ने बताया कि एमए राजनीतिक विज्ञान अंतिम वर्ष के चौथे पेपर में कुछ त्रुटियां हैं। जिसे देखते हुए तत्काल प्रभाव से पेपर सेटर को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। प्रश्न पत्र के 10 सवालों में से पांच ही हल करने थे, उसकी जानकारी सभी सेंटरों में पेपर शुरू होते ही परीक्षा नियंत्रक ने टेलीफोन के जरिए दे दी थी। भविष्य में गलतियां न हों, इसके कड़े निर्देश दिए गए हैं। 

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