Shardiya Navratri: देहरादून में शारदीय नवरात्र में अष्टमी पर मां महागौरी स्वरूप की पूजा-अर्चना, लिया आशीर्वाद
Shardiya Navratri देहरादून में शारदीय नवरात्र में अष्टमी पर मां महागौरी स्वरूप की पूजा-अर्चना की गई। हलवा पूड़ी चना फल मिष्ठान दक्षिणा भेंट की। जिन जगहों पर कन्याएं नहीं मिली वहां भक्तों ने नजदीकी मंदिरों में प्रसाद चढ़ाया।
By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiUpdated: Mon, 03 Oct 2022 11:24 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून : Shardiya Navratri 2022 शारदीय नवरात्र में अष्टमी पर मां महागौरी स्वरूप की पूजा-अर्चना की गई। भक्तों ने मां दुर्गा की स्तुति कर कंजक पूजन किया। कन्याओं को घर बुलाकर मंगल तिलक लगाकर चुनरी ओढ़ाई व हलवा, पूड़ी, चना, फल मिष्ठान, दक्षिणा भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। जिन जगहों पर कन्याएं नहीं मिली वहां भक्तों ने नजदीकी मंदिरों में जाकर उनके निमित्त प्रसाद चढ़ाया। कई भक्त आज नवमी पर पूजा करेंगे।
मां नंदा देवी की झांकी को देखने उमड़ी भीड़
सहारनपुर चौक स्थित श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में पूजा के बाद भक्तों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। मेला मैया की भजन संध्या में श्री शक्ति जागरण पार्टी ने आ मां आ तुझे दिल ने पुकारा, मां मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी, तू कितनी भोली है आदि भजनों की प्रस्तुति दी। रात में मां नंदा देवी डोली की भव्य झांकी प्रस्तुत की गई, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
मां से मनोकामना पूर्ण करने का आशीर्वाद मांगा
उन्होंने अपना शीश नवाकर मां से मनोकामना पूर्ण करने का आशीर्वाद मांगा। मध्यरात्रि में मंदिर प्रांगण में सामूहिक हवन किया गया, जो भोर तक चलेगा। मंगलवार को मेला मैया के भजन संध्या में भव्य डांडिया रास में वृंदावन के कलाकार प्रस्तुति देंगे।यह भी पढ़ें:- Shardiya Navratri 2022: चमोली में स्थित है मां नंदा देवी का मंदिर, यहां 12 साल में होता राज जात का आयोजन
151 कन्याओं को पाठ्य सामग्री भेंट की
टपकेश्वर स्थित माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर में पूजा के बाद 151 कन्याओं को पाठ्य सामग्री भेंट कर पढ़ाई करने का संकल्प कराया। मंदिर के संस्थापक आचार्य बिपिन जोशी ने कहा हमें मात्र नवरात्रों में नहीं बल्कि सालभार कन्याओं को आगे बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। उधर, प्रेमनगर स्थित सनातन धर्म मंदिर में पंडित राजू उपाध्याय ने पूजा कर प्रदेश की सुख शांति की कामना की। श्रद्धालुओं ने मंदिर में सेवा कार्यों के लिए प्रधान सुभाष माकिन को सम्मानित किया।यह भी पढ़ें:- Dussehra 2022: चमोली में भगवान शिव के साथ होती है रावण की पूजा, दशहरे पर नहीं जलाया जाता लंकापति का पुतला
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