कांग्रेस ने विरासत में दिया प्रदूषण, बनानी होगी कार्ययोजना
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने दून में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। साथ ही उन्होंने इसका ठीकरा कांग्रेस की पिछली सरकार पर फोड़ा।
देहरादून, [जेएनएन]: वायु प्रदूषण फैलाने के मामले में देश के 273 शहरों की सूची में दून का छठा स्थान होने की खबर का शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि दून में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। हालांकि, वह इसका ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण समेत शहर की जो हालत अभी हो रखी है, उसे कांग्रेस ने विरासत में दिया है। इस समय राज्य में भाजपा की सरकार है तो हमें ही प्रदूषण को कम करने का बीड़ा उठाना है।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि शहर की सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त करने का अभूतपूर्व अभियान चलाया जा रहा है। ताकि वाहन बिना रुके आगे बढ़ सकें और इससे भी प्रदूषण पर लगाम लगेगी। इसके अलावा स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ग्रीन ट्रांसपोर्ट पर बल दिया जा रहा है। शहर में इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी तो वायुमंडल में मिलने वाले प्रदूषण के कण अपने आप कम हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए अनियोजित निर्माण पर अंकुश लगाने व मानकों से अधिक धुआं उगल रहे वाहनों पर भी अंकुश लगाया जाएगा। इसके लिए प्रवर्तन कार्य सख्ती से किए जाएंगे।
दूसरी तरफ पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि का कहना है कि देहरादून में प्रदूषण बढ़ने के कई अहम कारण हैं। वाहनों की बढ़ती संख्या, लगातार हो रहे नए निर्माण कार्य, औद्योगिक क्षेत्रों का बढ़ना और खनन के कारण उड़ती धूल इसमें मुख्य रूप से शामिल हैं।
यही कारण है कि वायुमंडल में पीएम-10 की मात्रा बढ़ रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी वायु प्रदूषण को लेकर सर्वे कर रहा है, ताकि ऐसे कदम उठाए जा सकें, जिनसे वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
सरकार की प्राथमिकता नहीं रहा समाधान
अब तक की जो भी सरकारें आईं, किसी की भी प्राथमिकता में वायु प्रदूषण रहा ही नहीं। यही वजह है कि आज दून में वायु प्रदूषण का स्तर मानक से कोसों आगे पहुंच गया है। इस दफा जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद शहरी विकास मंत्री कार्ययोजना बनाने की बात जरूर कर रहे हैं, मगर यह तभी हो पाएगा, जब पूरा सिस्टम इस दिशा में एक साथ खड़ा हो।
जो संस्तुति दून घाटी के लिए पूर्व में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान की ओर से की गई हैं, उन्हें सख्ती से लागू करने की जरूरत है।
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