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Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि आज, उत्‍तराखंड के मंदिरों में पूजा अर्चना; देखें तस्‍वीरें

आज मंगलवार को महाशिवरात्रि पर मध्‍यरात्रि से श्रद्धालु शिव मंदिरों में पहुंचने लगे थे। भक्तों ने राजधानी देहरादून में गढ़ी कैंट स्थित टपकेश्‍वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। वहीं राज्‍य के अन्‍य जिलों में भी शिव मंदिरों में श्रद्धालु उमड़े।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 01 Mar 2022 07:44 AM (IST)
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शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर दून के शिवालय भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठे।
जागरण संवाददाता, देहरादून : शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर दून के शिवालय भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठे। दीयों की रोशनी, फूलों और रंग-विरंगी लाइटों से सजे मंदिरों में शिव के भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु झूमते रहे। मध्यरात्रि में गढ़ी कैंट स्थित एतिहासिक टपकेश्वर महादेव मंदिर, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर आदि मंदिरों में रुद्राभिषेक व श्रृंगार के बाद श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल गए गए। फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। आज शुभ मुहूर्त में व्रत धारण कर श्रद्धालु दिनभर जलाभिषेक कर सकेंगे। प्रथम पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 8:15 से शुरू होगा।

सोमवार को टपकेश्वर महादेव मंदिर गढ़ी कैंट, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सहारनपुर चौक, जंगम शिवालय पलटन बाजार, कमलेश्वर महादेव मंदिर जीएमएस रोड, नर्वदेश्वर मंदिर डानलनवाला, प्राचीन शिव मंदिर धर्मपुर, शिव मंदिर डाकरा, स्वर्गापुरी मंदिर निरंजनपुर आदि में शिव की पूजा के बाद रुद्राभिषेक किया गया।

उत्तरकाशी में मंदिरों में तड़के से ही लगी लाइन

महाशिवरात्रि पर्व को लेकर उत्तरकाशी में विश्वनाथ मंदिर, कालेश्वर मंदिर, गोपेश्वर मंदिर और धौंतरी क्षेत्र के तामेश्वर मंदिर में तड़के से ही जलाभिषेक को श्रद्धालुओं की लाइन लगी हुई है। मंदिरों के आस पास जय भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। तामेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु सोमवार की रात को ही उत्तरकाशी से गंगाजल लेकर जंगल के रास्ते पैदल चलकर क़रीब 30 किलोमीटर दूर तामेश्वर मंदिर पहुंचे।

पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में 2100 दीये के साथ रंगोली

सहारनपुर चौक स्थित पृत्थ्वीनाथ महादेव मंदिर में सूजी से बने विशेष रंगों से नंदीगण पर विराजमान अर्धनारीश्वर बनाए गए। इस दौरान 2100 दीये की जगमगाती रोशनी ने श्रद्धालुओं को मोहित किया। मध्यरात्रि में हरिद्वार से लाए गंगाजल के साथ दूध, दही, घी, शक्कर के साथ रुद्राभिषेक किया गया। पुष्प, बिल्वपत्र, भांग, धतूरा चढ़ाकर आरती की गई। इस दौरान विश्व शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस मौके पर महापौर सुनील उनियाल गामा, पूर्व विधायक राजकुमार, कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा आदि मौजूद रहे। मंदिर के सेवादार संजय गर्ग ने बताया कि शिवरात्रि पर मंगलवार को भस्म आरती होगी।

बाजार में उमड़ी खरीदारों की भीड़

शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर बाजार में फलों के साथ ही चौलाई के लड्डू, कुट्टु का आटा खरीदने के लिए दुकानों पर भीड़ रही। फलों के दाम भी सामान्य दिनों के मुकाबले अधिक रहे। 40 रुपये दर्जन बिकने वाला केला 60 रुपये तक बिका। वहीं, कीनू भी 20 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 50 रुपये किलो तक बिका।

यह है मान्यता

ज्योतिषाचार्य डा. आचार्य सुशांत राज ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार इस महापर्व पर शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। तब भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्यागकर गृहस्थ जीवन अपनाया। वहीं, कुछ पौराणिक ग्रंथों में ये भी माना गया है कि इस दिन भगवान शिव दिव्य ज्योर्तिलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।

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आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। इस पावन अवसर पर आप ‘देवभूमि’ में भगवान शिव को समर्पित विभिन्न मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। उत्तराखंड में पंच केदार की बहुत मान्यता है, जिनमें श्री केदारनाथ धाम, मध्यमहेश्वर मंदिर, तुंगनाथ मंदिर, रुद्रनाथ मंदिर तथा कल्पेश्वर मंदिर हैं। इन मंदिरों में देवों के देव, महादेव के विविध स्वरूपों की आराधना होती है। #SHIVRATRI #UTTARAKHAND #shivmandir - Uttarakhand Tourism (@uttarakhand_tourismofficial) 1 Mar 2022

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हमारी आंतरिक दुर्बलताएँ व अहंकार ही जीवन का विष और आत्मिक उन्नति की सबसे बड़ी बाधा है ! भूतभावन मृत्युंजय महादेव की उपासना द्वारा आत्म ज्ञान रूपी अमृतत्व की निष्पत्ति सहज संभव है ! महादेव आपकी लौकिक -पारलौकिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करें। #महाशिवरात्रि #मृत्युंजय #mahashivratri #KooForIndia #कू - Swami Avdheshanand Giri (@avdheshanandg) 1 Mar 2022

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