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Mahashivratri 2023: ऐसा शिवालय जहां लगातार आकार बदल रहे महादेव, केवल दर्शनमात्र से ही दूर होते हैं कष्‍ट

Mahashivratri 2023 चकराता छावनी बाजार में ब्रिटिशकाल में बसे श्री चिंताहरण महादेव मंदिर में दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं की चिंता दूर हो जाती है। मंदिर के पास जलकुंड भी स्थित है। इस कारण इसे बावड़ी मंदिर भी कहा जाता है।

By rahul chauhanEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 17 Feb 2023 02:04 PM (IST)
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Mahashivratri 2023: श्री चिंताहरण महादेव मंदिर में दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं की चिंता दूर हो जाती है।
राहुल चौहान, चकराता: Mahashivratri 2023: शनिवार को विभिन्‍न संयोगों के साथ महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। जिसे लेकर देवभूमि उत्‍तराखंड के सभी मंदिर और शिवालय सज चुके हैं।

इस पावन मौके पर दैनिक जागरण आपको ऐसे दो शिव मंदिरों में बारे में बताने जा रहा है। जहां भक्‍तों की अटूट आस्‍था है और मान्‍यता है कि यहां आने से भक्‍तों के कष्‍ट दूर होते हैं।

देवभूमि उत्तराखंड अनेक मंदिरों, तीर्थस्थलों, ऋषि-मुनियों की तपोभूमि के रूप में अपनी विशेष पहचान रखता है। मान्यता है कि यहां के शिवालय दर्शनमात्र से ही श्रद्धालुओं का कष्ट हरते हैं।

ब्रिटिशकाल से है यह मंदिर

देहरादून जिले में चकराता छावनी बाजार में ब्रिटिशकाल में बसे श्री चिंताहरण महादेव मंदिर में दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं की चिंता दूर हो जाती है। इसी मान्यता के चलते क्षेत्रवासियों में श्री चिंताहरण महादेव के प्रति अटूट आस्था व विश्वास है। महाशिवरात्रि को देखते हुए मंदिर में विशेष तैयारियां की गई है।

मंदिर के चारों ओर मनमोहक बांझ, बुरांस, चीड़ और देवदार के पेड़ हैं। मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग है, जो आकार में अन्य शिवलिंग से काफी बड़ा है। मंदिर के पास जलकुंड भी स्थित है।

इस कारण इसे बावड़ी मंदिर भी कहा जाता है। मंदिर के बाबा सिद्धेश्वर गिरी महाराज बताते हैं कि मंदिर में विराजमान शिवलिंग स्वयंभू है, जब शिवलिंग प्रकट हुआ, तब यह आकार में इतना बड़ा नहीं था।

धीरे-धीरे अपना आकार बदल रहे महादेव

उन्होंने दावा किया कि अब महादेव धीरे-धीरे अपना आकार बदल रहे हैं। कहा कि मंदिर का नाम चिंता हरण महादेव इसलिए भी पड़ा, जो लोग काफी परेशानियों में थे, वे यहां आए, उनको मन की शांति मिली और हर चिंता का निवारण मिला। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में सच्चे दिल से जो कोई प्रार्थना करता है, महादेव उसकी चिंता दूर करते हैं।

उन्‍होंने बताया कि चिंता हरण महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी जोरों से चल रही है। महाशिवरात्रि के दिन मंदिर में संध्या आरती के समय 11,100 दीपक से भव्य आरती की जाएगी और शिव भक्तों के लिए प्रसाद व भंडारे का भी आयोजन होगा।

स्थानीय निवासी टोनी वर्मा, दर्शन बिष्ट, शुभम कुकरेजा, बिट्टू चौहान, संतराम, शूरवीर रावत, विनोद कुमार आदि बताते हैं कि श्री चिंताहरण महादेव मंदिर के प्रति स्थानीय लोग व क्षेत्रवासियों की अटूट आस्था है। यहां पर शिवरात्रि के दिन सैकड़ों की संख्या में भक्तजन आते हैं।

यह है मान्‍यता

मान्यता यह भी है कि जो श्रद्धालु एक बार महादेव के दर्शन को आता है, वह फिर बार-बार आता रहता है, क्योंकि उसकी सारी चिंताएं महादेव के दर्शन मात्र से दूर हो जाती है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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