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पिता बांट रहे थे शादी के कार्ड, बेटे मेजर चित्रेश ने देश को गले लगाया

मेजर चित्रेश का विवाह सात मार्च को होना था। पूरा घर शादी की तैयारियों में व्यस्त था। उधर, इन सबसे से बेखबर वह देश की रक्षा के लिए दुश्मनों से जूझ रहे थे।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 17 Feb 2019 11:45 AM (IST)
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पिता बांट रहे थे शादी के कार्ड, बेटे मेजर चित्रेश ने देश को गले लगाया
देहरादून, सुमन सेमवाल। जब कोई जांबाज देश की रक्षा की शपथ लेता है तो अपने परिवार से पहले वह देश का सपूत कहलाता है। बेशक वह किसी का बेटा, किसी का पति, पिता और भाई होता है, मगर यह रिश्ते देश की आन-बान और शान के बाद आते हैं। मेजर चित्रेश बिष्ट की शहादत से इस बात को भली-भांति समझा जा सकता है। मेजर चित्रेश का विवाह सात मार्च को होना था। पूरा घर शादी की तैयारियों में व्यस्त था। उधर, इन सबसे से बेखबर वह देश की रक्षा के लिए दुश्मनों से जूझ रहे थे।

जिस समय मेजर चित्रेश ने अपने प्राण देश पर न्यौछावर किए, उस समय उनके पिता एसएस बिष्ट बेटे की शादी के कार्ड बांट रहे थे। एसएस बिष्ट शाम के समय शादी के कार्ड रानीखेत स्थित अपने पैत्रक गांव पिपली बस से भेजने के लिए आइएसबीटी गए थे। बेटे की शादी की तैयारियों में व्यस्त एसएस बिष्ट अपना मोबाइल भी घर पर भूल गए थे। उन्हें क्या पता था कि जिस बेटे के सात फेरों की वह तैयारी कर रहे हैं, वह देश को गले लगा चुका है। वह सभी रिश्तों को पीछे छोड़कर हम सबकी सुरक्षा की खातिर अपना सर्वस्व बलिदान कर चुका है। 

शहीद चित्रेश के साथी ने एसएस बिष्ट के मोबाइल पर कॉल किया, मगर कोई जवाब नहीं मिला। कई बार घंटी बजने पर चित्रेश की मां रेखा बिष्ट ने फोन उठाया तो चित्रेश के साथी ने स्पष्ट कुछ नहीं बताया। हालांकि सीमा पर मौजूदा हालात को भांपते हुए रेखा बिष्ट ने दिल कड़ा करते हुए पूछा कि साफ-साफ बता दो क्या हुआ उनके बेटे के साथ। आशंका के अनुरूप जवाब मिला तो पूरे घर में कोहराम मच गया। तब तक एसएस बिष्ट भी घर पहुंच चुके थे।

कुछ समय पहले जिस घर में शादी को लेकर तमाम तैयारियां चल रही थीं, वहां वक्त ठहर सा गया। एसएस बिष्ट इतना ही कह पाए कि उन्होंने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा तो उनके साथ यह सब क्या हो गया। शहीद के पिता पुलिस अधिकारी रह चुके हैं और जानते हैं कि उनका बेटा देश की कितनी बड़ी जिम्मेदारी को निभा गया है। पहले वह खुद संभले और फिर परिवार को संभाला। 

चित्रेश की शादी में जाने को उत्साहित गांव शोकमग्न

रानीखेत, दीप बोरा। पुलवामा हमले के बाद ही सीमा पर नौशहरा के झंगड़ सेक्टर में आइईडी विस्फोट में रानीखेत का लाल भी शहीद हो गया। ताड़ीखेत ब्लाक के पीपली गांव निवासी शहीद मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट का पैतृक गांव शोक में डूबा है। गांव में शहादत की खबर ने कोहराम मचा दिया है। दरअसल, पूरा गांव चित्रेश की शादी में जाने के लिए उत्साहित था, लेकिन शनिवार को आई खबर ने उन्हें गम में डुबो दिया।

ताड़ीखेत के छोटे से गांव पीपली के लोगों को फख्र था कि उनका बेटा सेना में अफसर है। अभी दो माह पहले ही चित्रेश के पिता सुरेंद्र सिंह गांव आए थे। सभी को चित्रेश की सात मार्च को होने जा रही शादी को न्यौता भी दे गए थे। सभी के लिए यह खुशी का मौका था कि मेजर बेटे की शादी में शरीक होने देहरादून जाएंगे। रात जब जागरण की टीम गांव पहुंची और चित्रेश की शहादत की खबर दी तो सबके चेहरे उतर गए। मातमी सन्नाटे के बीच चित्रेश के ताऊ रघुवर सिंह बिष्ट, चाचा पंचम बिष्ट, चाची हंसी देवी व बीना बिष्ट तथा चचेरी बहन निकिता आदि को सहसा यकीन ही नहीं हुआ।

चाचा रणजीत सिंह बोले, सात मार्च को चित्रेश की शादी थी। सभी ने प्लान बनाया था कि देहरादून जाएंगे। गांव में बड़ी खुशी का माहौल था। दो माह पूर्व ही सुरेंद्र सिंह गांव आए थे। गांव वालों की नींद शहादत की खबर ने उड़ा दी है। मध्य रात्रि तक कोई फोन पर देहरादून में पिता को ढाढस बंधा रहा है तो कोई नाते-रिश्तेदारी में जानकारी दे रहा है। कश्मीर के लगातार बिगड़ रहे हालात, जवानों की शहादत, पाकिस्तान और आतंकियों की नापाक हरकतों को लेकर सभी के अंदर गुस्सा भी है। गांव रो भी रहा है, आखिर गांव ने होनहार बेटा खोया है।

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