पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में मेजर विभूति ढौंडियाल शहीद, पार्थिव शरीर पहुंचा घर
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सोमवार सुबह सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में देहरादून के मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल समेत चार जवान शहीद हो गए।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 18 Feb 2019 09:04 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। पुलवामा में आतंकी मुठभेड़ में शहीद दून के मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिव शरीर सोमवार रात उनके नेशविला रोड स्थित आवास पहुंचा। सेना के जवानों के कंधे पर तिरंगे से लिपटे ताबूत में घर पहुंचे बेटे को देखकर परिजन बिलख पड़े। सुबह जहां सन्नाटा पसरा था, वहां एकाएक कोहराम मच गया। वहां मौजूद लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट गई। शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को मंगलवार को अंतिम विदाई दी जाएगी।
शहीद के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। यहां से पार्थिव शरीर सैन्य अस्पताल और फिर उनके नेशविला रोड स्थित आवास लाया गया। जहां तिरंगे में लिपटा शव देख परिजन बिलख उठे। शहीद की मां सरोज रो-रोकर बेसुध हो गई। वहां मौजूद लोगों ने बमुश्किल उन्हें संभाला। वहीं बहन वैष्णवी व पत्नी निकिता के आंसू भी थम नहीं रहे थे।
परिजनों का करुण विलाप सुनकर वहां मौजूद लोगों की भी आंखें भर आईं। इस हृदय विदारक दृश्य को देख हर आंख नम थी। इस दौरान पूर्व सांसद तरुण विजय, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक गणेश जोशी, महापौर सुनील उनियाल गामा, पूर्व काबीना मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, पूर्व विधायक राजकुमार, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा समेत कई लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सोमवार सुबह सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में देहरादून के मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल समेत चार जवान शहीद हो गए। वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर कहा पुलवामा में हमारे वीर जवानों ने 2 आतंकियों को मौत के घाट उतारा है, लेकिन दुःखद कि इस मुठभेड़ के दौरान मेजर विभूति ढौंडियाल समेत 4 जवान शहीद हुए हैं। शहीदों को कोटि कोटि नमन करते हुए शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदना हैं और दुःख की इस घड़ी में हम उनके साथ हैं।
मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल का घर देहरादून के नेश्विवला रोड के 36 डंगवाल मार्ग में हैं। 34 वर्षीय मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनात थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। बीते साल अप्रैल में उनकी शादी कश्मीरी पंडित निकीता कौल से हुई थी। पिताजी स्व ओमप्रकाश ढौंडियाल कंट्रोलर डिफेंस एकाउंट आफिस में थे। 2012 में उनका निधन हो गया था। घर में अभी दादी व मां मौजूद हैं। अभी उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं है। मेजर ढौंडियाल पौड़ी जिले के बैजरो ढौंड गांव के मूल निवासी हैं। सोमवार सुबह की मेजर की पत्नी दिल्ली मायके के लिए निकली थी। वह जब ट्रेन में थीं तब उन्हें इसकी जानकारी मिली।यह भी पढ़ें : देश रक्षा को हमेशा आगे रहे शहीद मोहनलाल, जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े पहलू यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में हुए आइईडी विस्फोट में उत्तराखंड का लाल शहीद
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल का घर देहरादून के नेश्विवला रोड के 36 डंगवाल मार्ग में हैं। 34 वर्षीय मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनात थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। बीते साल अप्रैल में उनकी शादी कश्मीरी पंडित निकीता कौल से हुई थी। पिताजी स्व ओमप्रकाश ढौंडियाल कंट्रोलर डिफेंस एकाउंट आफिस में थे। 2012 में उनका निधन हो गया था। घर में अभी दादी व मां मौजूद हैं। अभी उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं है। मेजर ढौंडियाल पौड़ी जिले के बैजरो ढौंड गांव के मूल निवासी हैं। सोमवार सुबह की मेजर की पत्नी दिल्ली मायके के लिए निकली थी। वह जब ट्रेन में थीं तब उन्हें इसकी जानकारी मिली।यह भी पढ़ें : देश रक्षा को हमेशा आगे रहे शहीद मोहनलाल, जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े पहलू यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में हुए आइईडी विस्फोट में उत्तराखंड का लाल शहीद