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शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, पत्‍नी ने कहा जयहिंद, किया सैल्‍यूट

पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद दून के मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल का पार्थिव शरीर उनके निवास पर अंतिम दर्शन को रखा गया। इस दौरान शहीद की पत्नी ने कहा जयहिंद।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 19 Feb 2019 08:45 PM (IST)
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शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, पत्‍नी ने कहा जयहिंद, किया सैल्‍यूट
देहरादून, जेएनएन। सुबह के सवा नौ बजे हैं। आसमान मूसलाधार बरस रहा है, लेकिन इस सबसे बेपरवाह देहरादून के नेशविला रोड क्षेत्र में सैकड़ों लोग सड़क के एक छोर से दूसरे छोर तक कतारों में खड़े हैं। उनकी मुट्ठियां तनी हुई हैं और पूरा वातावरण 'शहीद विभूति ढौंडियाल अमर रहे', 'जब तक सूरज चांद रहेगा-विभूति तुम्हारा नाम रहेगाÓ जैसे गगनभेदी नारों से गूंज रहा है। अचानक बारिश थम गई। ऐसा लगा, मानो रोते-रोते कुदरत की आंखों का पानी भी सूख गया है। अब वह खुली आंखों से एकटक अपने जांबाज बेटे की विदाई का इंतजार कर रही है। 

नेशविला रोड से लगे डंगवाल मार्ग पर मंगलवार सुबह शहीद विभूति शंकर ढौंडियाल के अंतिम दर्शनों को उमड़े जनसैलाब को देखते हुए करीब 500 मीटर पहले ही ट्रैफिक रोक दिया गया था। रस्सियों के सहारे अनुशासित कतारों में हर उम्र के लोग खड़े थे। वह गमगीन थे, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ उनकी आंखों में तैर रहा गुस्सा साफ नजर आ रहा था। करीब 9.45 बजे शहीद की अंतिम यात्रा शुरू हुई। घर में रोने की आवाज लगातार तेज होने लगी। शहीद की मां सरोज रो-रोककर बेसुध हो गई। परिजनों ने जैसे-तैसे उन्हें संभाला। इस गमगीन माहौल में हर किसी की आंखें नम थीं।

इसी बीच शहीद की पत्नी निकिता ने पति को अंतिम विदाई सैल्यूट किया और बुलंद आवाज में 'जय हिंद' का नारा लगाया। उनकी हिम्मत और हौसला देख वहां मौजूद हर शख्स जोश से भर उठा। आगे-आगे सेना के वाहन में शहीद का पार्थिव शरीर था और पीछे-पीछे लहरों की तरह हिलौंरे मारता जनसैलाब। 

नेशविला रोड के दोनों ओर खड़े सैकड़ों लोग शहीद को पुष्प अर्पित कर रहे थे। शहीद के सम्मान में बाजार भी पूरी तक बंद था। एस्लेहॉल चौक पर शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद अंतिम यात्रा हरिद्वार के लिए रवाना हुई। जहां गंगा के तट पर खडख़ड़ी श्मशान घाट में शहीद को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। चाचा जगदीश प्रसाद ने उन्हें मुखाग्नि दी। 

इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह व प्रदीप टम्टा, काबीना मंत्री अरविंद पांडे, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, मुन्ना सिंह चौहान, करण माहरा, मनोज रावत व खजान दास, महापौर सुनील उनियाल गामा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, समेत कई लोगों ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

हरिद्वार में काबीना मंत्री मदन कौशिक, बीईजी रुड़की के ब्रिगेडियर रघु श्रीनिवासन, एसएसपी जनमेजय खंडूड़ी समेत कई लोग शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे। 

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